नई दिल्ली. Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजार सोमवार को औंधे मुंह गिरे. वैसे गिरावट लगातार पिछले 4 सत्र से जारी थी, लेकिन सप्ताह के पहले कारोबारी दिन, यानि 24 दिसंबर को मंदी का भूचाल ही आया. निवेशकों में ऐसी भगदड़ मची की पूरा बाजार हिल गया. इस भारी मंदी से न नई कंपनियां बच सकीं और न ही पुरानी कंपनियां अछूती रहीं.
कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच, सोमवार को BSE और NSE दोनों के ही इंडेक्स गिरावट के साथ खुले थे. आज सेंसेक्स 1545.67 अंकों यानी 2.62% की गिरावट के साथ 57,491.51 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 468.05 अंकों यानी 2.66% की गिरावट लेकर 17,149.10 के लेवल पर बंद हुआ.
इन 5 दिनों की भारी बिकवाली में निवेशकों को करीब 17.54 करोड़ रुपये का चूना लग चुका है. 17 जनवरी से अब तक निफ्टी 1,100 अंक यानी 5.4 फीसदी टूट गया है. वहीं, सेंसेक्स 3,300 अंकों से ज्यादा टूट गया है. हर सेक्टोरल इंडेक्स आज लाल निशान में बंद हुआ है. आज के कारोबार में रियल्टी, मेटल, IT इंडेक्स सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली.
नये साल की शुरूआत से ही भारतीय शेयर बाजार तेजी पर सवार था. चार सत्रों से जारी गिरावट से निवेशक हैरान थे, लेकिन आज आई भारी गिरावट ने उन्हें भौंचक्का कर दिया है. बाजार विशेषज्ञ ग्लोबल बाजारों में हो रही बिकवाली और नई टेक कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट को इसका प्रमुख कारण मान रहे हैं. उनका मानना है कि इन कंपनियों में निवेशकों ने भारी निवेश किया था, लेकिन ये कंपनियां अब तक उनके भरोसे पर खरा नहीं उतर पाई हैं.
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अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने की संभावनाओं ने वैश्विक बाजारों में बिकवाली को हवा दी है. यूएस फेउरल रिजर्व की अगली मीटिंग 25-26 जनवरी को होनी है. जानकारों का कहना है कि महंगाई बढ़ने के कारण इस पॉलिसी में कड़ाई आएगी. 21 जनवरी को खत्म हुआ हफ्ता अमेरिकी स्टॉक इंडेक्सों के लिए अब तक का सबसे बुरा हफ्ता रहा है. ब्याज दरों में बढ़ोतरी का भूत बाजार पर हावी दिखा. निवेशकों ने जमकर बिकवाली की.
पिछले कुछ महीनों के दौरान भारी वैल्यूएशन पर शेयर बाजार में लिस्ट हुए नए जमाने के टेक्नोलॉजी स्टॉक में जोरदार गिरावट देखने को मिली है. पिछले कुछ महीनों के दौरान भारी वैलयूएशन पर बाजार में लिस्ट हुये नये टेक्नॉलोजी स्टॉक्स लगातार कमजोर प्रदर्शन कर रहे हैं. रिटेल और हाई-नेटवर्थ वाले निवेशकों ने इन स्टॉक्स में भारी निवेश किया है, लेकिन ये उनकी आशाओं के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं. पूरी दुनिया खासकर, अमेरिका में टेक सेक्टर भारी दबाव में है.
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भारत में भी पेटीएम की पेरेंट कंपनी One97 Communications ,स्विगी और Fino Payments Bank जैसी टेक कंपनियों के शेयर अपनी लिस्टिंग प्राइस से 10 से 50 फीसदी तक फिसल गये हैं. Zomato और नायका की पैरेंट कंपनी FSN E-commerce लिस्टिंग के बाद के अपने हाई से 21 फीसदी टूट चुके हैं. इन कंपनियों में भारी गिरावट ने बाजार का मनोबल तोड़ दिया है.
भारत में कोविड-19 के मामले लगातार 3 लाख से ऊपर बने हुये हैं. इस वजह से भी भारी अनिश्चितता बाजार में है. देश में कहीं न कहीं रोज नये प्रतिबंधों की घोषणा हो जाती है. यही नहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी अभी तक तीसरी लहर के पीक को लेकर कोई सटीक अनुमान नहीं लगा पायें हैं. इससे निवेशक असमंजस में हैं. यह असमंजस भी बिकवाली को बढ़ावा दे रहा है.
तीसरी तिमाही के नतीजों से साफ है कि कंपनियों के उत्पादन लागत में बढ़ोतरी हो रही है. क्रूड ऑयल सहित तमाम कच्चे माल की कीमतें दिन-प्रतिदिन चढ़ती ही जा रही हैं. इस तिमाही में भी क्रूड ऑयल और अन्य कच्चे सामान के भावों में बढ़ोतरी से कंपनियों के मार्जिन पर दबाव रहने की पूरी संभावना है. भले ही दिसंबर तिमाही में कंपनियों की आय अनुमान के आसपास रही हो, लेकिन प्रॉफिट मार्जिन पर महंगाई का असर हुआ है.
फेस्टिव सीजन में भी बाजार की मांग में आशानुरूप नहीं रही. बढ़ती महंगाई और बेमौसम बरसात से खरीफ फसल की कटाई पर विपरीत असर पड़ा. कोविड ने भी इसमें अड़ंगा डाला. इस वजह से से मांग गति नहीं पकड़ पाई.
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