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बाजार में जल्द आएंगी 18 नई इंश्योरेंस कंपनी, ग्राहकों को प्रोडक्ट और प्रीमियम पर मिलेंगे बड़े फायदे, जानिए क्या है IRDAI की तैयारी

आने वाले दिनों में देश में 18 और नई बीमा कंपनियों के आने की संभावना है.

आने वाले दिनों में देश में 18 और नई बीमा कंपनियों के आने की संभावना है.

आईआरडीएआई अध्यक्ष ने कहा कि बीमा नियामक इंश्योरेंस सेक्टर में कंपोजिट लाइसेंस जारी करने के पक्ष में है, ताकि बाजार में ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

IRDAI प्रमुख ने कहा- नई बीमा कंपनी को आखिरी बार मंजूरी 2017 में दी गई थी.
5 साल बाद हाल ही में एक नई इंश्योरेंस कंपनी को अनुमति दी गई है. 
18 नई कंपनियां भी इंश्योरेंस सेक्टर में काम करने के लिए मंजूरी का इंतजार कर रही हैं.

नई दिल्ली. आने वाले दिनों में ग्राहकों को बेहतर इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स और सर्विसेज की सौगात मिल सकती है, क्योंकि बाजार में 18 और नई बीमा कंपनियों के आने की उम्मीद है. बीमा नियामक संस्था IRDAI के अध्यक्ष देबाशीष पांडा ने CNBC-TV18 को दिए एक इंटरव्यू में इस बात की संभावना जताई है.

आईआरडीएआई अध्यक्ष ने कहा कि बीमा नियामक इंश्योरेंस सेक्टर में कंपोजिट लाइसेंस जारी करने के पक्ष में है, जो लाइफ और जनरल इंश्योरेंस मार्केट में काम करने के लिए एक सामान्य लाइसेंस है. उन्होंने कहा कि नई इच्छुक इकाइयां इस संबंध में पूछताछ कर रही हैं.

2017 में आखिरी बार दी गई थी नई इंश्योरेंस कंपनी को मंजूरी
देबाशीष पांडा ने कहा कि एक नई बीमा कंपनी को आखिरी बार मंजूरी 2017 में दी गई थी. आज पांच साल बाद, हमने Kshema जनरल इंश्योरेंस नाम से बीमा कंपनी को मंजूरी दी है और एक अन्य कंपनी भी तैयार है. हालांकि, हम अभी इस बारे में प्रस्ताव नहीं ला सके हैं. लेकिन हमें उम्मीद है कि अगली बोर्ड बैठक में इसे भी मंजूरी मिल जानी चाहिए और अन्य 18 कंपनियां भी पाइपलाइन में हैं.”

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भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने सरकार को 100 करोड़ रुपये की न्यूनतम पूंजी आवश्यकता को कम करने और नियामक को संभावित कंपनी की व्यावसायिक योजनाओं के आधार पर राशि तय करने की अनुमति देने का सुझाव दिया है.

नई कंपनियों से ग्राहकों को क्या फायदा?
100 करोड़ रुपये की न्यूनतम पूंजी आवश्यकता को समाप्त करने से छोटे, स्पेशल और बेहतर कंपनियों को इंश्योरेंस सेक्टर में बिजनेस करने की अनुमति मिलेगी और इससे देश में बीमा उत्पादों की अधिक से अधिक ब्रिकी होगी और पैठ बढ़ेगी. इसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिलेगा, क्योंकि बाजार में प्रतिस्पर्धा के चलते नई-नई कंपनियां ग्राहकों को आकर्षक प्लान और प्रीमियम पर डिस्काउंट ऑफर करेंगी.

बता दें कि बीमा नियामक इंश्योरेंस सेक्टर में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की मंजूरी चाहता है. वर्तमान में, बीमा कवर लिखने वाली कंपनियों में एफडीआई की ऊपरी सीमा 74 प्रतिशत है.

Tags: Insurance, Insurance Policy, Insurance Regulatory and Development Authority

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