आरबीआई ने 2022 में पांच बार रेपो रेट बढ़ाया है.
मुंबई. शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट में लगातार बढ़ोतरी किए जाने की वजह से पिछला एक साल डेट मार्केट के लिए काफी अस्थिर रहा है. इस दौरान आरबीआई ने रेपो रेट में कुल मिलाकर 2.25 फीसदी बढ़ोतरी की है. अभी महंगाई का जोखिम बना हुआ है तो आगे भी इसमें बढ़ोतरी हो सकती है. ऐसे में कई एक्सपर्ट डायनेमिक बॉन्ड फंड में निवेश की सलाह देते हैं. आखिर क्या है डायनेमिक बॉन्ड फंड जिस पर एक्सपर्ट बुलिश हो रहे हैं.
बाजार में इस कटेगरी में कई स्कीम उपलब्ध हैं, जिसमें आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ऑल सीजन्स बॉन्ड फंड का रिटर्न काफी दमदार रहा है. इस फंड ने पिछले 10 साल में काफी दमदार रिटर्न दिया है. एक्सपर्ट का कहना है कि यह स्कीम उस अवधि को बढ़ाती है, जब ब्याज दर में पूंजी वृद्धि (capital appreciation) से होने वाले लाभ में गिरावट दिखती है. साथ ही उस अवधि को कम कर देती है जब ब्याज दर में वृद्धि होने की उम्मीद होती है ताकि मार्केट नुकसान से जोखिम कम हो सके. इसके बारे में लिया जाने वाला कोई भी फैसला एक इन-हाउस मॉडल पर आधारित होता है जो कई छोटे-बड़े फैक्टर्स को ध्यान में रखता है.
एक दशक में 9 फीसदी से ज्यादा रिटर्न
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ऑल सीजन्स बॉन्ड फंड ने बीते एक दशक में जबरदस्त रिटर्न दिया है. इस फंड ने 3 साल में 7.1 फीसदी, 5 साल में 7.2 फीसदी और 10 साल में 9.3 फीसदी का रिटर्न दिया है. ये आंकड़े 30 नवंबर, 2022 तक का है. यह बॉन्ड ज्यादातर कॉरपोरेट बॉन्ड और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करता है. लिहाजा ब्याज दरें ज्यादा होने पर यह योजना लांग टर्म की स्कीम की तरह रिटर्न देती है, जबकि कम ब्याज होने पर यह संचय योजना की तरह रिटर्न देती है.
अर्थव्यवस्था में तेजी से बढ़ जाता है रिटर्न
इस बॉन्ड की शुरुआत मई, 2009 में हुई थी और शुरुआत के बाद से ही इस फंड ने विपरीत परिस्थितियों में भी एनएवी में वृद्धि प्रदान की है. भले ही ब्याज दर का चक्र बढ़ रहा हो या घट रहा हो, यह फंड बाजार की स्थिति के अनुरूप खुद को समायोजित कर सकता है. इसका ऑनरशिप प्रोपराइटरी इकोनॉमिक मॉडल इस फंड के निवेश के बारे में फैसले लेना आसान बनाता है. इसके पोर्टफोलियो का स्ट्रक्चरल मॉडल रिटर्न के आधार पर बदलता रहता है और अर्थव्यवस्था में तेजी आने पर इसमें भी उछाल आ जाता है.
आरबीआई की योजना में सबसे ज्यादा निवेश
इस योजना की सबसे खास बात ये है कि इसका ज्यादातर निवेश रिजर्व बैंक के बॉन्ड में रहता है. बॉन्ड का फोलियो देखने पर पता चलता है कि इसके 38.2 फीसदी राशि का अलोकेशन फ्लोटिंग रेट बॉन्ड में होता है. फ्लोटिंग रेट बॉन्ड की खासियत ये है कि जब रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है तो इसकी ब्याज दरों में भी इजाफा होता है, क्योंकि इस बॉन्ड पर हर छमाही ब्याज दर बदल जाती है. इसके अलावा 29 फीसदी राशि को डबल ए रेटेड कॉरपोरेट बॉन्ड में निवेश किया जाता है, ताकि इस पर मोटा रिटर्न मिल सके.
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