होम /न्यूज /व्यवसाय /सावधान! No Cost EMI और Pay Later सुविधा है या जाल, त्‍योहारों में संभलकर करें ऑनलाइन खरीदारी

सावधान! No Cost EMI और Pay Later सुविधा है या जाल, त्‍योहारों में संभलकर करें ऑनलाइन खरीदारी

अक्‍तूबर की शुरुआत से ही त्‍योहारी सीजन का आगाज हो चुका है.

अक्‍तूबर की शुरुआत से ही त्‍योहारी सीजन का आगाज हो चुका है.

त्‍योहारों का सीजन शुरू होने के साथ ही कंपनियों की ओर से ऑफर और डिस्‍काउंट की शुरुआत हो चुकी है. ज्‍यादातर ई-कॉमर्स कंप ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

कंपनियां इस रकम को कुछ दिन के अंतराल पर चुकाने का मौका देती हैं.
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यह सुविधा कम और कर्ज का जाल अधिक है.
ग्राहक समय पर रकम नहीं चुका पाते और उन पर ब्‍याज का बोझ बढ़ता जाता है.

नई दिल्‍ली. आज करवाचौथ है और अगले सप्‍ताह धनतेरस व दिवाली जैसे बड़े त्‍योहार भी आएंगे. खरीदारी के लिहाज से यह त्‍योहारी सीजन साल का सबसे मुफीद समय माना जाता है. कंपनियां भी ग्राहकों को लुभाने के लिए तरह-तरह के ऑफर पेश करती हैं. आजकल ई-कॉमर्स कंपनियों की ओर से नो कॉस्‍ट ईएमआई (No Cost EMI) ओर पे लेटर (Pay Later) जैसी सुविधाओं की पेशकश बहुत सामान्‍य हो गई है.

ऑनलाइन खरीदारी करने वाले ज्‍यादातर ग्राहक सिंपल और रेजरपे जैसी भुगतान कंपनियों से वाकिफ होंगे. ये फिनटेक कंपनियां ग्राहकों की खरीदारी का तत्‍काल भुगतान करती हैं और उस रकम को कुछ दिन के अंतराल पर चुकाने का मौका देती हैं. बाय नाऊ पे लेटर जैसी सुविधा इसी तरह काम करती है. लेकिन, ज्‍यादातर बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यह सुविधा कम और कर्ज का जाल अधिक है.

ये भी पढ़ें – Health Insurance : डेंगू का बढ़ रहा खतरा, अगर इसका इलाज नहीं है आपकी हेल्‍थ पॉलिसी में शामिल तो होगा तगड़ा नुकसान

क्‍यों चेतावनी दे रहे एक्‍सपर्ट
बाजार जानकारों का कहना है कि त्‍योहारों के समय लोग जमकर खरीदारी करते हैं और उनके इसी सेंटिमेंट का फायदा उठाने के लिए ये फिनटेक कंपनियां नो कॉस्‍ट ईएमआई व पे लेटर जैसी सुविधाओं की पेशकश करती हैं. खरीदारी के समय तो ग्राहक के एवज में ये कंपनियां भुगतान कर देती हैं, लेकिन उस रकम को चुकाने के लिए बेहद कम समय मिलता है. जाहिर है कि ज्‍यादातर ग्राहक समय पर रकम नहीं चुका पाते और उन पर ब्‍याज का बोझ बढ़ता जाता है.

पर्सनल लोन की तरह लगता है भारी-भरकम ब्‍याज
सिंपल और रोजरपे जैसी फिनटेक कंपनियां अपने ग्राहकों को 10 हजार तक का क्रेडिट देती हैं और इतनी खरीदारी तक का भुगतान स्‍वयं करती हैं. अगर तय बिल साइकिल पर यह रकम न चुकाई गई तो कुल बकाया पैसे का 30 फीसदी तक जुर्माना भी वसूलती हैं. इसके अलावा देरी से पैसा चुकाने पर पर्सनल लोन की तरह सालाना 15 से 30 फीसदी तक ब्‍याज भी देना पड़ सकता है.

नो कॉस्‍ट ईएमआई…सिर्फ एक छलावा
ई-कॉमर्स कंपनियां अपने ग्राहकों को नो कॉस्‍ट ईएमआई की पेशकश करती हैं, जहां ग्राहक को लगता है कि उसे बिना ब्‍याज के ही कर्ज मिल रहा है. लेकिन, बाजार जानकारों का कहना है कि कोई भी क्रेडिट मुफ्त नहीं होता. नो कॉस्‍ट ईएमआई वाले उत्‍पादों की कीमत में ही ब्‍याज का पैसा भी वसूली लिया जाता है. सामान बेचने वाली कंपनी पहले ही संबंधित बैंक या लोन देने की कंपनी को ब्‍याज का भुगतान कर देती है, जो 15 से 20 फीसदी तक हो सकता है. ऐसे में आपको नो कॉस्‍ट ईएमआई का झांसा देकर कंपनियां मोटा ब्‍याज वसूल लेती हैं.

कैसे बचें इस जाल से
बाय नाऊ पे लेटर के जरिये खरीदारी बहुत तेजी से बढ़ रही है. रेजरपे के आंकड़ों को देखें तो साल 2021 में इस सुविधा का इस्‍तेमाल 600 फीसदी बढ़ गया है. ऐसे में जरूरी है कि ग्राहक संभलकर इसका इस्‍तेमाल करें. बैंकिंग मामलों के जानकार अश्विनी राणा का कहना है कि बेहतर होगा ग्राहक सिर्फ कैश में खरीदारी करें. इसका मतलब है कि आपके पास पैसा है तभी सामान खरीदें, क्रेडिट पर खरीदारी न करें. पे लेटर सुविधा के लिए आपके पास क्रेडिट कार्ड होना जरूरी है और यह बात तो सभी जानते हैं कि क्रेडिट कार्ड पर मोटा ब्‍याज वसूला जाता है. ऐसे में जब तक बहुत जरूरी न हो क्रेडिट पर खरीदारी से बचना चाहिए.

Tags: Business news in hindi, Easy loan against it, Festive Offer, Festive Season, Online Shopping

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें