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अंडर कंस्‍ट्रक्‍शन फ्लैट पर कैसे क्‍लेम करें टैक्‍स डिडक्‍शन, ITR भरते समय किन बातों का रखें ख्‍याल

मकान का कब्‍जा मिलने के पांच साल तक छूट का दावा किया जा सकता है.

मकान का कब्‍जा मिलने के पांच साल तक छूट का दावा किया जा सकता है.

Income Tax Rules: आयकर अधिनियम की धारा 24 (बी) के तहत होम लोन के चुकाए गए ब्‍याज पर टैक्‍स छूट ली जा सकती है. यह छूट नि ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

आयकर अधिनियम की धारा 24 (बी) के तहत दावा किया जा सकता है.
वित्त वर्ष में 2 लाख रुपये सालाना ब्‍याज चुकाने पर रिबेट मिलती है.
दो लाख से ज्‍यादा ब्‍याज एक वित्‍तीय वर्ष में चुकाने पर छूट नहीं मिलती.

नई दिल्‍ली. इनकम टैक्‍स में मिलने वाली छूट का लाभ हर टैक्सपेयर्स को उठाना चाहिए. लेकिन, हर कोई यह लाभ नहीं ले पाता है. इसका कारण है नियमों की जानकारी न होना. इस वजह से इनकम टैक्‍स रिटर्न भरते समय सतर्क रहना चाहिए और सभी कर छूट की जानकारी पहले ही जुटा लेनी चाहिए. होम लोन लेने वाला व्‍यक्ति आयकर अधिनियम की धारा 24 (बी) के तहत होम लोन के ब्‍याज के भुगतान पर टैक्‍स छूट प्राप्‍त कर सकता है. मकान का कब्‍जा लेने के बाद इस छूट का दावा किया जा सकता है. लेकिन मकान का कब्‍जा मिलने से पहले भरे गए होम लोन के ब्‍याज पर रिबेट टैक्सपेयर्स प्राप्‍त कर सकता है. अंडर कंस्‍ट्रक्‍शन मकान के लिए चुकाए गए ब्‍याज पर भी यह छूट मिलती है.

टैक्‍स एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि मकान का कब्‍जा मिलने के 5 साल के तक आयकरदाता इस छूट के लिए दावा कर सकता है. लेकिन, अगर होम लोन पर एक वित्तीय वर्ष में 2 लाख रुपये से ज्‍यादा ब्‍याज चुकाया गया है, तो इस छूट का लाभ होम लोन लेने वाले को नहीं मिलता है. टैक्‍स एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि 5 साल तक पिछले चुकाए ब्‍याज पर किस्‍तों में छूट ली जा सकती है.

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यह है नियम
लाइव मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, क्लियर के फाउंडर और सीईओ अर्चित गुप्‍ता का कहना है कि किसी घर अधिग्रहण करने या निर्माण हेतु लिए गए होम लोन का ब्‍याज भरने या भविष्‍य में ब्‍याज चुकाने पर टैक्‍स छूट का दावा घर का कब्‍जा टैक्‍सपेयर को मिलने के बाद ही किया जा सकता है. जब तक घर का निर्माण पूरा नहीं हो जाता वो ब्‍याज दे सकता है. मकान का कब्‍जा मिलने के पांच साल के भीतर वह रिबेट के लिए क्‍लेम कर सकता है.

ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के एमडी और सीईओ पंकज मठपाल का कहना है कि होम लोन लेने वाला कब्ज़े से पहले भुगतान किए गए होम लोन ब्याज पर आयकर छूट का दावा आयकर अधिनियम की धारा 24 (बी) के तहत कर सकता है. एक वित्तीय वर्ष में ₹2 लाख तक के होम लोन के ब्याज का भुगतान किया गया है तो ही क्‍लेम किया जा सकता है.

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फ्लैट का कब्जा मिलने के बाद, घर खरीदार ईएमआई और होम लोन के ब्याज का एक साथ भुगतान करेगा. समय के साथ होम लोन की ईएमआई में होम लोन के ब्याज से कम होती जाएगी और मूलधन बढ़ता जाता है. इसलिए, धारा 24 (बी) का अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए, टैक्सपेयर को असेसमेंट ईयर में होम लोन पर चुकाए गए लोन को देखना होगा और फिर उसमें मकान का कब्‍जा मिलने से पहले चुकाए गए पूरे ब्‍याज को उसमें जोड़ देना है. कब्‍जा मिलने के पांच साल तक 5 किस्‍तों में हर साल चुकाए जा रहे ब्‍याज में पिछले ब्‍याज को मिलाकर छूट का दावा किया जा सकता है.

यह है गणित
उदाहरण के लिए,अगर किसी टैक्सपेयर्स ने कब्जे से पहले के चरण में 4 लाख रुपये ब्याज के रूप में चुकाए हैं और उसे आयकर निर्धारण वर्ष में 1 लाख रुपये होम लोन के ब्याज का भुगतान करना है, तो धारा 24(बी) के अनुसार, वह व्यक्ति इस 1 लाख के साथ ही 80 हजार रुपये (₹4 लाख / 5) अतिरिक्‍त ब्‍याज भुगतान पर भी छूट का दावा कर सकता है.

Tags: Business news in hindi, Home loan EMI, Income tax, Income tax exemption, Save Money

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