जेट एयरवेज का चेयरमैन पद छोड़ेंगे नरेश गोयल: रिपोर्ट

जेट एयरवेज का चेयरमैन पद छोड़ेंगे नरेश गोयल: रिपोर्ट
कर्ज के तले हवाई सफर कराने वाली कंपनी जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल के चेयरमैन पद छोड़ने की खबरें आ रही है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक नरेश गोयल पद छोड़ने के लिए तैयार हो गए है.
- News18Hindi
- Last Updated: February 28, 2019, 7:50 PM IST
नरेश गोयल के जेट एयरवेज का चेयरमैन पद छोड़ने की खबरें आ रही है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक नरेश गोयल पद छोड़ने के लिए तैयार हो गए है. उन्होंने अपना वोटिंग अधिकार भी अधिकतम 10 फीसदी रखने की बात मान ली है. हालांकि, कंपनी की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं जारी हुआ है. आपको बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने जेट एयरेवज के चेयरमैन नरेश गोयल तथा कंपनी की प्रमुख शेयरधारक एतिहाद एयरवेज के सीईओ टोनी डगलस के साथ कर्जदाताओं की बुधवार को बैठक बुलायी थी. एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर जेट एयरवेज के डूबने की नौबत आए क्योंकि इससे 23,000 नौकरियों पर भी संकट आएगा. जेट एयरवेज देश में 37 शहरों में उड़ान भरती है. प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ दिन पहले ही जेट एयरवेज को बचाने में टाटा ग्रुप से मदद मांगी थी.
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क्या है जेट एयरवेज का मामला- साल 2000 में नंबर वन रही जेट एयरवेज का दबदबा इंडिगो, स्पाइसजेट, गो एयर जैसी एयरलाइंस के आने से कम होता गया. जेट ने जब मुकाबला करने के लिए किराए कम करने शुरू किए तो उसे नुकसान होने लगा. लेकिन जेट फ्यूल महंगा होना शुरू हुआ तो किराए बढ़ने लगे और लोगों ने महंगे के बजाएय बजट एयरलाइंस को ही पसंद किया.
ये भी पढ़ें-अगर पत्नी को दिया हुआ है अपना ATM कार्ड, तो हो सकता है बड़ा नुकसान! जानें RBI के क्या हैं नियमएतिहाद की क्या भूमिका होगी-अबूधाबी की एयरलाइंस भी इन दिनों मुश्किल में चल रही है. उसे हजारों नौकरियों में कटौती करनी पड़ी है और 2 साल में करीब 350 करोड़ डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है. यही वजह है कि एयरलाइंस ने बोइंग और एयरबस को नए विमान खरीदने के लिए दिया गया 21.4 अरब डॉलर का ऑर्डर घटा दिया है. इसलिए एतिहाद के लिए भी सेहतमंद जेट एयरवेज जरूरी है. जेट उसके लिए भारत के बड़े विमानन बिजनेस का रास्ता खोलने के लिए जरूरी है.
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क्या है जेट एयरवेज का मामला- साल 2000 में नंबर वन रही जेट एयरवेज का दबदबा इंडिगो, स्पाइसजेट, गो एयर जैसी एयरलाइंस के आने से कम होता गया. जेट ने जब मुकाबला करने के लिए किराए कम करने शुरू किए तो उसे नुकसान होने लगा. लेकिन जेट फ्यूल महंगा होना शुरू हुआ तो किराए बढ़ने लगे और लोगों ने महंगे के बजाएय बजट एयरलाइंस को ही पसंद किया.
ये भी पढ़ें-अगर पत्नी को दिया हुआ है अपना ATM कार्ड, तो हो सकता है बड़ा नुकसान! जानें RBI के क्या हैं नियमएतिहाद की क्या भूमिका होगी-अबूधाबी की एयरलाइंस भी इन दिनों मुश्किल में चल रही है. उसे हजारों नौकरियों में कटौती करनी पड़ी है और 2 साल में करीब 350 करोड़ डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है. यही वजह है कि एयरलाइंस ने बोइंग और एयरबस को नए विमान खरीदने के लिए दिया गया 21.4 अरब डॉलर का ऑर्डर घटा दिया है. इसलिए एतिहाद के लिए भी सेहतमंद जेट एयरवेज जरूरी है. जेट उसके लिए भारत के बड़े विमानन बिजनेस का रास्ता खोलने के लिए जरूरी है.