नई दिल्ली. निवेश और बचत जितनी जल्दी शुरू की जाए बेहतर होता है और बड़ा फंड जुटाना भी आसान हो जाता है. अगर खर्चों और देनदारियों के बोझ की वजह से आप ऐसा करने में असमर्थ रहे या 50 साल के बाद नए तरीके से निवेश के बारे में सोच रहे हैं, तो पोर्टफोलियो को समझदारी से तैयार करना होगा.
रिटायरमेंट की प्लानिंग भी कई बार खर्चों और जिम्मेदारी की वजह से नहीं हो पाती और आप देखते ही देखते 50 की उम्र पार कर जाते हैं. अगर आपके साथ भी ऐसा ही हुआ है और अभी तक रिटायरमेंट के लिए पैसे नहीं जोड़ सके हैं तो निवेश की अलग रणनीति बनाकर मोटा फंड जुटा सकते हैं. इसके लिए जरूरी है कि आपकी देनदारियां कम हों और आप बाजार में थोड़ा जोखिम उठाने के लिए भी तैयार हों.
ज्यादा रिटर्न वाले विकल्प चुनें
किसी भी नौकरीपेशा के लिए 50 साल की उम्र वह पड़ाव होता है, जब उसकी आय उच्चतम स्तर पर और लोन आदि की देनदारियां लगभग खत्म हो चुकी होती हैं. जो निवेशक जोखिम लेने में सक्षम हैं उनकी पूरी रणनीति ज्यादा रिटर्न पाने की होनी चाहिए, जिसके लिए इक्विटी आधारित निवेश पर जोर देना बेहतर होगा. इसके अलावा कुछ हिस्सा इंटरनेशनल इक्विटी फंड, डेट फंड और सोने में भी लगाना चाहिए. निवेशक ध्यान रखें कि इक्विटी में लगाने वाले पैसे को कम से कम 10 साल तक बनाए रखेंगे तो 10-12% का जबरदस्त रिटर्न मिल सकता है.
अगर जोखिम नहीं लेना चाहते तो…
50 साल से ज्यादा उम्र के ऐसे निवेशक जिनमें जोखिम लेने की क्षमता नहीं होती और शॉर्ट टर्म का लक्ष्य लेकर चलते हैं, उन्हें लार्जकैप सेग्मेंट में सबसे ज्यादा निवेश करना चाहिए. ऐसे निवेशकों को लॉर्जकैप फंड में कुल फोलियो का 50%, मल्टीकैप फंड में 40%, मिड और स्मॉलकैप फंड में 10% का निवेश करना चाहिए. इसके अलावा अन्य फंड से फोलियो घटाना हो तो कम अवधि वाली एफडी और पोस्ट ऑफिस की मासिक आय योजना में निवेश कर सकते हैं.
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60 के करीब हैं तो 3 भाग में बाटें पैसा
जब आपकी उम्र 60 के करीब हो या आप रिटायरमेंट ले चुके हैं तो निवेश को तीन भागों में बांटकर रिटर्न का लक्ष्य बनाएं. -पहला लिक्विड फंड का खाता बनाएं जो आपको जरूरत पड़ने पर तत्काल पैसे उपलब्ध करा सके. इसमें 40 महीने के खर्च के बराबर राशि जमा करें, जो एफडी या शार्ट टर्म बांड में लगाई जा सकती है. इसमें 15-20% का निवेश हो.
-दूसरा स्थायी आय का विकल्प तैयार करें जिससे निवेश पर कोई जोखिम न हो और निश्चित रिटर्न भी मिलता रहे. इसके लिए वय वंदन योजना या आरबीआई बांड में पैसे लगा सकते हैं. इसमें 45-50% का निवेश करना चाहिए.
-तीसरे विकल्प में ज्यादा रिटर्न देने वाले निवेश शामिल करें, जो फंड को तेजी से बढ़ा सकें. इसके लिए बाजार से जुड़े इक्विटी उत्पाद चुन सकते हैं. इसमें 30-40% हिस्सा लगाना चाहिए.
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