नई दिल्ली. कोरोना महामारी के बाद से जीवन बीमा उत्पादों की जरूरत तेजी से बढ़ रही है. बीमा कराते समय अमूमन लोग निवेश किए गए पैसे पर रिटर्न के बारे सोचते हैं. ऐसे निवेशक पारंपरिक एंडोमेंट प्लान या यूलिप बीमा पॉलिसी खरीदना पसंद करते हैं, जबकि रिटर्न के बजाय सिर्फ सुरक्षा पर जोर देने वाले ग्राहक टर्म पॉलिसी लेते हैं. लिहाजा अगर आपको भी अपने लिए एक जीवन बीमा पॉलिसी खरीदनी है तो इसके तीनों ही विकल्पों का नफा-नुकसान जान लेना बेहतर होगा.
1- टर्म बीमा : सबसे सस्ता-सबसे बेहतर, लेकिन रिटर्न नहीं
निवेश सलाहकार बलवंत जैन का कहना है कि जीवन बीमा कराते समय रिटर्न के बजाय सिर्फ सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए. लिहाजा टर्म बीमा ही सबसे बेहतर विकल्प है, वो भी ऑनलाइन खरीदने की कोशिश करनी चाहिए. इसमें एजेंट शामिल नहीं होता और उसके कमीशन का खर्चा बच जाता है. कंपनियां भी सेल्स और मार्केटिंग का खर्चा ग्राहक से वसूलती हैं, जो ऑनलाइन उत्पाद लेने पर नहीं लगता और आपको 30% तक सस्ती पॉलिसी मिल जाती है.
ऑनलाइन पॉलिसी लेते समय ध्यान रखें कि कंपनी द्वारा मांगी गई सभी सूचनाएं सही-सही उपलब्ध कराएं. 95% से ज्यादा सेटेलमेंट रेश्यो वाली कंपनी से ही टर्म बीमा खरीदना चाहिए. इस तरह के बीमा में कम लागत पर बड़ी वित्तीय सुरक्षा मिल जाती है. 35 साल के व्यक्ति को 1 करोड़ के टर्म बीमा के लिए पूरे टेन्योर में 6-7 लाख रुपये का ही प्रीमियम देना पड़ता है.
2- यूलिप : 10 साल से ज्यादा रुके तो इक्विटी फंड से अधिक रिटर्न
सुरक्षा के साथ रिटर्न भी पाने के लिए यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) में निवेश कर सकते हैं. इस प्लान में 10 साल से ज्यादा रुकते हैं तो इक्विटी म्यूचुअल फंड से ज्यादा रिटर्न मिल सकता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि यूलिप में परिपक्वता के बाद मिलने वाला रिटर्न पूरी तरह टैक्स फ्री होता है. इक्विटी म्यूचुअल फंड पर सालाना रिटर्न का 1 लाख छोड़कर शेष पर 10% लंबी अवधि का पूंजीगत लाभ कर देना पड़ता है. साथ ही इसका प्रबंधन शुल्क भी 1.25-1.35% तक होता है, जबकि फंड मैनेजर सालाना 2.5% तक प्रबंधन शुल्क लेते हैं.
3- एंडोमेंट प्लान : 15 साल से ज्यादा निवेश का एकमात्र प्लान
बीमा उत्पादों का चुनाव अक्सर लंबी अवधि के निवेश के लिए किया जाता है. अगर आप 15 साल से ज्यादा समय के लिए बीमा उत्पादों में निवेश करना चाहते हैं तो एंडोमेंट प्लान ही एकमात्र विकल्प है. पीपीएफ में अधिकतम 15 साल के लिए पैसे लगा सकते हैं तो एफडी 10 तक के लिए होती है. इस तरह युवा भी अगर 25-30 साल के निवेश के लिए जाना चाहते हैं तो शेयर बाजार के बाद एंडोमेंट प्लान ही सबसे बेहतर होगा. इतनी लंबी अवधि के निवेश पर भी आपको 6% से ज्यादा रिटर्न मिल जाएगा. साथ ही बीमा कवर की सुरक्षा भी रहेगी.
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इन बातों का रखें ध्यान
-टर्म प्लान में पॉलिसी लैप्स होने का जोखिम सबसे ज्यादा होता है. सस्ती होने के नाते सुरक्षा को देखते हुए लोग प्लान खरीद तो लेते हैं लेकिन दो तीन साल बाद प्रीमियम भरना बंद कर देते हैं और पॉलिसी लैप्स हो जाती है. टर्म बीमा में अगर देय तिथि से 15 दिन के भीतर प्रीमियम नहीं भरा तो भी पॉलिसी लैप्स हो जाती है और दोबारा शुरू कराने के लिए मेडिकल कराना पड़ता है.
-यूलिप या एंडोमेंट प्लान में पॉलिसी लैप्स होने का खतरा काफी कम रहता है. इरडा के नए नियम के तहत इस तरह की बीमा पॉलिसी का 2-5 साल बाद भी नवीनीकरण कराया जा सकता है.
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