खर्चों पर लगाम लगाकर ही इस महंगाई का सामना किया जा सकता है.
Tips for Saving Money: पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ते दामों ने आम आदमी की कमर तोड़कर रख दी है. ईंधन के दाम बढ़ने से हर चीज के दाम बढ़ रहे हैं. इन दिनों तो आलू, प्याज और टमाटर के दाम भी आसमान छू रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आम आदमी इस कदर बढ़ती महंगाई में कैसे रोटी खाए या बच्चों की परवरिश करे और कैसे भविष्य के लिए दो पैसे बचाकर रखे.
ये सही है कि सुरसा के मुंह की तरह बढ़ रही महंगाई के थमने के दूर-दूर तक कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं. घर के खर्चे लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में एक आम आदमी इस महंगाई के साथ कैसे ताममेल बैठाए, इसके लिए हमें घर का बजट बनाना चाहिए और कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए.
फाइनेंशियल एडवाइजर ममता गोदियाल (Mamta Godiyal) इस बारे में खर्चों पर लगाम लगाने के कुछ टिप्स शेयर कर रही हैं. ममता कहती हैं कि वर्तमान में जो हालात चल रहे हैं उनमें महिलाओं को आगे आकर कमान संभालनी होगी. क्योंकि घर का बजट एक महिला के अच्छा और कोई नहीं बना सकता है, साथ ही महिलाओं में बचत करने की आदत भी होती है. इसलिए अब समय आ गया है कि महिलाओं को आगे आकर महंगाई का मुकाबला करने में अपने हुनर को सामने लाना होगा.
ममता गोदियाल कहती हैं कि रोटी खाना भी जरूरी है और बच्चों को पढ़ना भी. ऐसे में किन खर्चों पर क्रास लगाया जाए यह फैसला करना कठीन है. लेकिन फिर भी जो हालात हैं उन्हें लेकर हाथ पर हाथ रखकर तो बैठ नहीं सकते हैं. इसलिए वित्तीय सलाहकार ममता गोदियाल कुछ ऐसी बातें शेयर कर रही हैं, जिन्हें अपनाकर जीवन स्तर को सामान्य बनाया जा सकता है.
घर का बजट बनाएं
आमतौर पर हम में से ज्यादातर लोग घर के खर्च का बजट नहीं बनाते हैं. पैसा खर्च होता रहता है और यह कहते रहते हैं कि बहुत खर्चा हो रहा है. इसके लिए जरूरी है कि घर का बजट बनाएं और रोजाना के खर्चों को एक डायरी में नोट करें. फिर पूरा महीने खत्म होने पर चेक करें कि किस मद में कितना पैसा खर्च हो रहे है.
खर्चों का ब्यौरा तैयार करें
पूरे महीने के खर्चों का ब्यौर तैयार करते समय एक-एक मद में होने वाले खर्चों के लिए अलग कॉलम बनाएं. जैसे रसोई का कॉलम अलग, बच्चों की फीस का अलग, कपड़ों का अलग, यातायात पर खर्च होने वाले ब्यौरे को अलग कॉलम में लिखें.
अब आपके सामने हर मद में होने वाले मासिक खर्चे का हिसाब आ जाएगा.
खर्चों की डायरी
इस तरह आप लगातार तीन महीने के खर्चों की डायरी तैयार करें. अब हर कॉलम में दर्ज खर्चों की स्टडी करें और उन नियमित खर्चों को टिक करें जो जरूरी हैं और उन पर क्रॉस का निशान लगाएं जो बचाए जा सकते हैं. इसके अलावा उन खर्चों को अलग से नोट करें जिन्हें आप नियमित कर रहे हैं, लेकिन उन पर कंट्रोल किया जा सकता है.
Mutual Funds में निवेश से पहले जान लें ये काम की बात, नहीं होगा नुकसान
साथ ही उन छोटे-छोटे खर्चों का पता लगाएं जो नियमित तो नहीं हैं, फिर भी कभी-कभी हो जाते हैं.
तीन महीने के तमाम खर्चों की स्टडी करने के बाद ये बात साफ हो जाएगी कि कौन से खर्चे जरूरी हैं और कौन से ऐसे खर्चे हैं जिन्हें रोका जा सकता है. अब जिन खर्चों को रोका जा सकता है उन्हें अलग जगह पर नोट करें.
जरूरी खर्चों की लिस्ट
इस तीन महीने के घर के बही-खाते में से उन खर्चों को अलग जगह नोट करें जो बहुत जरूरी हैं. उन्हें किसी भी हाल में ना तो कंट्रोल किया जा सकता है ना ही उनमें कटौती की जा सकती है.
अब उन खर्चों की सूची बना लें जो आपको गैर जरूरी लगते हैं लेकिन लगातार हो रहे हैं. उन खर्चों को घर से और दिमाग से एकदम बाहर कर दें. इस तरह आप हजारों रुपये की बचत हर महीने कर सकते हैं. इसके कुछ उदाहरण यहां दिए जा रहे हैं-
इस खर्चों पर करें कटौती
महानगरों में अक्सर ऐसा होता है कि हफ्ते में एक-दो दिन परिवार में बाहर का खाना आता है. निश्चित ही यह खाना जायकेदार होता है, लेकिन पूरे हफ्ते के खाने का खर्चा इस एक-दो दिन के खाने पर ही खर्च हो जाता है. इसलिए घर पर ही बना खाना खाएं. इससे सेहत और जेब, दोनों ही तंदरुस्त रहेंगी.
Success Story: स्वयं सहायता समूह से मुखराई की महिलाएं लिख रही हैं कामयाबी की इबारत
हिसाब लगाएं कि चार लोगों के परिवार में एक समय का बाहर का भोजन करीब 800 रुपये का बैठता है, जबकि 800 रुपये में पूरा हफ्ते आराम से घर का भोजन किया जा सकता है.
शॉपिंग पर जाते समय रखें ख्याल (Shopping Tips)
जब भी आप खरीदारी के लिए निकल रहे हैं तो हमेशा घर से लिस्ट बनाकर चलें. जो सामान आपने लिस्ट में लिखा है उसी को खरीदें. शोरूम की चमकदार रोशनी में रखे सामान की ओर आकर्षित ना हों. ऑफर के चक्कर में तो कतई ना पड़ें. क्योंकि ऑफर के चक्कर में हम वह चीज खरीद लेते हैं जिसकी हमें जरूरत नहीं है.
मॉल में से खरीदारी करने से बचें. हमेशा पंसारी की दुकान से ही घर के सामान की खरीदारी करें. क्योंकि जहां खुद सामान चूज करने को मिलता है तो हम फालतू की चीजें भी खरीद लेते हैं जिनका ना हमें शौक है और ना ही जरूरत. इसलिए बेहतर होगा कि पंसारी की दुकान पर जाएं और घर से बनाकर लाई लिस्ट उसे द दें. वह लिस्ट के हिसाब से आपका सामान पैक कर देगा.
नकद खरीदारी पर विश्वास रखें
ममता गोदियाल सलाह देती हैं कि हमेशा नकद खरीदारी ही करें. ऐसे में आपके हाथ में जितने पैसे होंगे उतने का ही आप सामान खरीदेंगे. उधारी के चक्कर में हम जरूरत से ज्यादा मात्रा में सामान ले आते हैं. हो सके तो ऑनलाइन शॉपिंग से बचें.
MNC की नौकरी छोड़, खेतों से लाखों में कमाई की फसल काट करे हैं मेरठ के अजय त्यागी
साथ ही खरीदारी हमेशा अपने पास के बाजार से करें. सस्ते के चक्कर में आप घर के दूर शॉपिंग करने जाएंगे तो बचत से ज्यादा खर्चा आप गाड़ी के पेट्रोल-डीजल या फिर किराये-भाड़े में खर्च कर आएंगे. साथ ही समय भी बहुत खर्च होगा.
पूरे महीने का सामान खरीदें
रोजाना छुटमुट शॉपिंग करने के बजाय पूरे महीने का सामान एकसाथ खरीदें. रोजाना की शॉपिंग में खर्चा अधिक होता है. जबकि एकसाथ सामान खरीदने में आपको पैसों में कुछ राहत भी मिल जाती है.
शाॉपिंग पर जाने से पहले
अब जब बचत की बात आ रही है तो ममता हर उस छोटी बात भी ध्यान देने की सलाह दे रही हैं जिन्हें आप महसूस नहीं करते, लेकिन उन पर अच्छा खासा खर्चा हो जाता है. जैसे- जब भी शॉपिंग करने जाएं घर से खाना खाकर जाएं और पानी की बोतल साथ ले जाएं. क्योंकि शॉपिंग करते समय आपको बाजार में सजी खाने-पीने की दुकानें ज्यादा आकर्षित करती हैं और उन्हें देखकर ज्यादा भूख लगती है. और इस चक्कर में हम सैकड़ों रुपये खर्च कर डालते हैं.
ब्रांड के चक्कर में ना पड़े
शॉपिंग करते समय ब्रांड के चक्कर में कतई ना पड़े. स्थानीय स्तर पर बहुत सुंदर और मजबूत चीजें मिल जाती हैं. जबकि वही वस्तु किसी पॉपुलर ब्रांड में कई गुना दामों पर मिलती है. और ऐसा भी ना करें कि सस्ती के चक्कर में बहुत ही मामूली ब्रांड का सामान आप खरीद लें.
कोई भी सामान लेते समय उससे ऊंचे और नीचे ब्रांड में उसकी तुलना करें. दुकानदार से उसके बारे में बात करें. ठीक से जांच-परख कर ही सामान लें.
बिल और सामान का मिलान जरूर करें
ज्यादातर लोगों की आदत होती है कि बिल की जांच नहीं करते हैं. शॉपिंग के दौरान हमेशा बिल और सामान आपस में मैच जरूर करें और बिल की ठीक से स्टडी करें. बिल में वस्तु की कीमत पर नजर दौड़ाएं और बिल का टोटल जरूर मिला लें.
क्योंकि अक्कर ऐसा होता है कि किसी वस्तु की कीमत ज्यादा जुड़ जाती है. हालांकि इसके पीछे दुकानदार का मकसद गलत नहीं होता है, लेकिन भूलवश ऐसा हो जाता है. या फिर लिस्ट में जोड़ा गया सामान पैकिंग से छूट जाता है. इसलिए दुकान का काउंटर छोड़ने से पहले बिल का मिलान जरूर कर लें.
ममता गोदियाल कहती हैं कि इस तरह ये कुछ बातें हैं जिन पर अमल करके आप हर महीने अच्छी-खासी बचत कर सकते हैं. भले ही ये बातें छोटी हों, लेकिन आपकी पॉकेट पर इनका असर बहुत ज्यादा होगा.
.
Tags: Budget, Inflation, Personal finance
मंदिर के बाहर कृति सेनन को KISS करते ही... विवादों में घिरे ‘आदिपुरुष’ के डायरेक्टर, जमकर ट्रोल हो रहे ओम राउत
इंडोनेशिया ने बदला कानून, 'देवताओं की भूमि' बाली में पर्यटकों को मानने होंगे नए सख्त नियम
Travis Head Century WTC Final: ट्रेविस हेड ने 3 घंटे में भारत से छीना मैच, बहुत दर्द देने वाला है यह शतक