PMI: फरवरी में हल्की रही मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ, जानें कैसा रहा रोजगार का हाल?

फरवरी में हल्की रही मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ
भारत के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में फरवरी माह के दौरान हल्की सुस्ती आई है, लेकिन नये आर्डर मिलने से कंपनियां उत्पादन और खरीदारी गतिविधयां बढ़ने से उत्साहित हैं. सोमवार को जारी मंथली सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है.
- भाषा
- Last Updated: March 1, 2021, 1:37 PM IST
नई दिल्ली: भारत के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में फरवरी माह के दौरान हल्की सुस्ती आई है, लेकिन नये आर्डर मिलने से कंपनियां उत्पादन और खरीदारी गतिविधयां बढ़ने से उत्साहित हैं. सोमवार को जारी मंथली सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है. IHS मार्केट भारत विनिर्माण (IHS Markit India Manufacturing) खरीद प्रबंधक सूचकांक (PMI) फरवरी माह में मामूली गिरकर 57.5 अंक पर आ गया. वहीं, जनवरी महीने में यह 57.7 पर था.
आपको बता दें जनवरी से वृद्धि की रफ्तार कुछ नरम पड़ी है, लेकिन पुराने आंकड़ों की तुलना में इसमें लगातार तेज बनी हुई है. सर्वेक्षण में कहा गया है कि फरवरी माह के शीर्ष आंकड़े दीर्घकालिक औसत 53.6 के मुकाबले ऊंचे बने हुये हैं. पीएमआई में आंकड़ा 50 से ऊपर रहने का अर्थ है क्षेत्र में विस्तार हुआ है जबकि 50 से नीचे रहने का मतलब इसमें गिरावट आई है.
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अर्थशास्त्री ने दी जानकारीआईएचएस मार्किट (IHS Markit India Manufacturing) की अर्थशास्त्र की सहायक निदेशक पालियाना डे लिमा के मुताबिक, फरवरी महीने में भारतीय माल उत्पादकों को उनके माल के लिये नये आर्डर मिले हैं. इस स्थिति को देखते हुये आने वाले समय में उत्पादन और खरीद मात्रा में वृद्धि की उम्मीद है.
लीमा ने कहा कि यदि कंपनियों के पास नये आर्डर को पूरा करने के लिये उपयुक्त संसाधन और क्षमता होती है तो उत्पादन वृद्धि मजबूत रह सकती है. यह नये आर्डर में त्वरित वृद्धि और तैयार माल की उपलब्धता में आई कमी से साबित होता है. वहीं, इस दौरान रोजगार में कमी आई है क्योंकि कोविड- 19 के चलते कामकाज को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने पर प्रतिबंध लागू हैं.
इकोनॉमी में धीरे-धीरे होगा सुधार
आपको बता दें कई लोगों को उम्मीद है कि इस तरह के नियंत्रण जल्द ही हटा लिये जायेंगे क्योंकि देश में टीकारण कार्यक्रम तेजी से बढ़ रहा हे. देश में जैसे ही बड़ी संख्या में जनसंख्या को टीका लग जायेगा और प्रतिबंध उठने लगेंगे तो कंपनियों को कामकाज, अर्थव्यवस्था में धीरे धीरे सुधार की उम्मीद है. इससे प्रोडक्शन में भी तेजी आएगी.
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जीडीपी में हुआ इजाफा
घरेलू अर्थव्यवस्था में सकल घरेलू उत्पाद में तीसरी तिमाही के दौरान 0.4 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है. इससे पहले की दो तिमाहियों के दौरान जीडीपी में बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी. तीसरी तिमाही में आई वृद्धि मुख्य तौर पर कृषि, विनिर्माण और सेवा तथा निर्माण क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन की बदौलत आई है.
आपको बता दें जनवरी से वृद्धि की रफ्तार कुछ नरम पड़ी है, लेकिन पुराने आंकड़ों की तुलना में इसमें लगातार तेज बनी हुई है. सर्वेक्षण में कहा गया है कि फरवरी माह के शीर्ष आंकड़े दीर्घकालिक औसत 53.6 के मुकाबले ऊंचे बने हुये हैं. पीएमआई में आंकड़ा 50 से ऊपर रहने का अर्थ है क्षेत्र में विस्तार हुआ है जबकि 50 से नीचे रहने का मतलब इसमें गिरावट आई है.
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लीमा ने कहा कि यदि कंपनियों के पास नये आर्डर को पूरा करने के लिये उपयुक्त संसाधन और क्षमता होती है तो उत्पादन वृद्धि मजबूत रह सकती है. यह नये आर्डर में त्वरित वृद्धि और तैयार माल की उपलब्धता में आई कमी से साबित होता है. वहीं, इस दौरान रोजगार में कमी आई है क्योंकि कोविड- 19 के चलते कामकाज को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने पर प्रतिबंध लागू हैं.
इकोनॉमी में धीरे-धीरे होगा सुधार
आपको बता दें कई लोगों को उम्मीद है कि इस तरह के नियंत्रण जल्द ही हटा लिये जायेंगे क्योंकि देश में टीकारण कार्यक्रम तेजी से बढ़ रहा हे. देश में जैसे ही बड़ी संख्या में जनसंख्या को टीका लग जायेगा और प्रतिबंध उठने लगेंगे तो कंपनियों को कामकाज, अर्थव्यवस्था में धीरे धीरे सुधार की उम्मीद है. इससे प्रोडक्शन में भी तेजी आएगी.
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जीडीपी में हुआ इजाफा
घरेलू अर्थव्यवस्था में सकल घरेलू उत्पाद में तीसरी तिमाही के दौरान 0.4 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है. इससे पहले की दो तिमाहियों के दौरान जीडीपी में बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी. तीसरी तिमाही में आई वृद्धि मुख्य तौर पर कृषि, विनिर्माण और सेवा तथा निर्माण क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन की बदौलत आई है.