क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में होती है कई जानकारियां, तुरंत पता चल जाएगी गड़बडियां...

क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट को समझें
क्रेडिट कार्ड (Credit Card) स्टेटमेंट के जरिए ग्राहक अपने क्रेडिट कार्ड बिल में हुई किसी भी तरह की गड़बड़ी पर नजर रख सकते हैं. आपको बता दें कि ये जानकारी पढ़ना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 23, 2021, 7:52 AM IST
नई दिल्ली. आज के टाइम में क्रेडिट कार्ड (Credit Card) हमारी जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा बन चुका है. इसमें आपके द्वारा किया गया भुगतान, खरीददारी, क्रेडिट बैलेंस, रिवॉर्ड प्वाइंट आदि की जानकारी होती है. क्रेडिट कार्ड का स्टेटमेंट मासिक होता है और कार्ड के बिलिंग साइकिल के आखिर में जनरेट होता है. हालांकि उस अवधि के लिए कोई स्टेटमेंट नहीं जारी किया सकता, जिसमें कोई लेनदेन या बकाया शेष न हो. आपको बता दें कि ये जानकारी पढ़ना आपके लिए फायदेमंद हो सकती है.
स्टेटमेंट में मौजूद होती हैं कई जानकारियां
क्रेडिट कार्ड के स्टेटमेंट में कई जानकारियां मौजूद रहती हैं. इस स्टेटमेंट के जरिए ग्राहक अपने क्रेडिट कार्ड बिल में हुई किसी भी तरह की गड़बड़ी पर नजर रख सकते हैं. क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट को पढ़ने से आप संदिग्ध लेनदेन का भी पता लगा सकते हैं.
खर्चों पर कर सकते हैं कंट्रोलइन स्टेटमेंट्स को ध्यान से पढ़ कर हम अपने खर्चों को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं और अपने खर्चों को व्यवस्थित कर सकते हैं. इसके साथ ही आप अपने क्रेडिट कार्ड स्कोर की जानकारी भी रख सकते हैं ताकि आप अतिरिक्त कर्ज लेने से बचें और अधिक क्रेडिट स्कोर ना बने.
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इस तरह समझें क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट...
पेमेंट ड्यू डेट- ये क्रेडिट कार्ड बिल के भुगतान की आखिरी तारीख है. इस तारीख के बाद किए गए पेमेंट पर दो तरह के चार्ज लगते हैं. पहला, आपको बकाया राशि पर ब्याज का भुगतान करना होगा और लेट पेमेंट फीस देनी पड़ती है.
मिनिमम अमाउंट ड्यू- यह बकाया राशि का प्रतिशत होता है (लगभग 5 प्रतिशत) या सबसे कम राशि होती है (कुछ सौ रुपये) जिसे लेट फीस को बचाने के लिए देना होता है.
टोटल आउटस्टैंडिंग- आपको प्रति महीने कुल बकाया राशि का भुगतान करना चाहिए, जिससे कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगे. कुल राशि में सभी ईएमआई शामिल होती है, जिसके साथ बिलिंग साइकिल में लगे चार्ज होते हैं.
ग्रेस पीरियड- पेमेंट ड्यू डेट के खत्म होने के बाद 3 दिनों का ग्रेस पीरियड दिया जाता है. ग्रेस पीरियड के बाद भुगतान ना करने पर लेट पेमेंट पेनाल्टी लगाई जाती है.
क्रेडिट लिमिट- क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में आपको तीन तरह की लिमिट मिलेंगी कुल क्रेडिट लिमिट, उपलब्ध क्रेडिट लिमिट और कैश लिमिट.
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ट्रांजेक्शन डिटेल्स- इस सेक्शन में आपके क्रेडिट कार्ड खाते में कितना पैसा आया और कितना खर्च हुआ इसकी पूरी जानकारी होती है.
रिवॉर्ड प्वॉइंट बैलेंस- क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में आपको अब तक जमा किए गए रिवॉर्ड प्वॉइंट्स के साथ उसका स्टेटस भी दिखेगा. यहां आपको एक टेबल दिखेगा जिसमें पिछली साइकिल से आए रिवॉर्ड प्वॉइंट्स की संख्या, वर्तमान बिलिंग साइकिल में कमाए गए प्वॉइंट्स और खत्म हो चुके प्वॉइंट्स दिए जाएंगे.
स्टेटमेंट में मौजूद होती हैं कई जानकारियां
क्रेडिट कार्ड के स्टेटमेंट में कई जानकारियां मौजूद रहती हैं. इस स्टेटमेंट के जरिए ग्राहक अपने क्रेडिट कार्ड बिल में हुई किसी भी तरह की गड़बड़ी पर नजर रख सकते हैं. क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट को पढ़ने से आप संदिग्ध लेनदेन का भी पता लगा सकते हैं.
खर्चों पर कर सकते हैं कंट्रोलइन स्टेटमेंट्स को ध्यान से पढ़ कर हम अपने खर्चों को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं और अपने खर्चों को व्यवस्थित कर सकते हैं. इसके साथ ही आप अपने क्रेडिट कार्ड स्कोर की जानकारी भी रख सकते हैं ताकि आप अतिरिक्त कर्ज लेने से बचें और अधिक क्रेडिट स्कोर ना बने.
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इस तरह समझें क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट...
पेमेंट ड्यू डेट- ये क्रेडिट कार्ड बिल के भुगतान की आखिरी तारीख है. इस तारीख के बाद किए गए पेमेंट पर दो तरह के चार्ज लगते हैं. पहला, आपको बकाया राशि पर ब्याज का भुगतान करना होगा और लेट पेमेंट फीस देनी पड़ती है.
मिनिमम अमाउंट ड्यू- यह बकाया राशि का प्रतिशत होता है (लगभग 5 प्रतिशत) या सबसे कम राशि होती है (कुछ सौ रुपये) जिसे लेट फीस को बचाने के लिए देना होता है.
टोटल आउटस्टैंडिंग- आपको प्रति महीने कुल बकाया राशि का भुगतान करना चाहिए, जिससे कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगे. कुल राशि में सभी ईएमआई शामिल होती है, जिसके साथ बिलिंग साइकिल में लगे चार्ज होते हैं.
ग्रेस पीरियड- पेमेंट ड्यू डेट के खत्म होने के बाद 3 दिनों का ग्रेस पीरियड दिया जाता है. ग्रेस पीरियड के बाद भुगतान ना करने पर लेट पेमेंट पेनाल्टी लगाई जाती है.
क्रेडिट लिमिट- क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में आपको तीन तरह की लिमिट मिलेंगी कुल क्रेडिट लिमिट, उपलब्ध क्रेडिट लिमिट और कैश लिमिट.
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ट्रांजेक्शन डिटेल्स- इस सेक्शन में आपके क्रेडिट कार्ड खाते में कितना पैसा आया और कितना खर्च हुआ इसकी पूरी जानकारी होती है.
रिवॉर्ड प्वॉइंट बैलेंस- क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में आपको अब तक जमा किए गए रिवॉर्ड प्वॉइंट्स के साथ उसका स्टेटस भी दिखेगा. यहां आपको एक टेबल दिखेगा जिसमें पिछली साइकिल से आए रिवॉर्ड प्वॉइंट्स की संख्या, वर्तमान बिलिंग साइकिल में कमाए गए प्वॉइंट्स और खत्म हो चुके प्वॉइंट्स दिए जाएंगे.