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10वीं में मैथ्स में पाए 100 बटा 100 नंबर, बड़ी होकर बना दी करोड़ों की कंपनी, रतन टाटा का आ गया दिल

स्वाति भार्गव (फोटो- twitter/Swats26)

स्वाति भार्गव (फोटो- twitter/Swats26)

Swati Bhargava Success Story: महिला एंटरप्रेन्योर स्वाति भार्गव ने 2013 में CashKaro वेबसाइट की शुरुआत की और आज यह देश ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

10वीं क्लास में हरियाणा की टॉपर थी स्वाति भार्गव
जॉब छोड़कर लिया रिस्क और खड़ी कर दी CashKaro
CashKaro में रतन टाटा ने भी किया है निवेश

Swati Bhargava Story : देश में स्टार्टअप और युवा एंटरप्रेन्योर की तादाद तेजी से बढ़ रही है और इनकी सक्सेस स्टोरी करोड़ों युवा उद्मियों को प्रेरित कर रही है. इसी लिस्ट में नाम आता है स्वाति भार्गव का, जो देश की सबसे सफल महिला एंटरप्रेन्योर में से एक हैं. कॉर्पोरेट वर्ल्ड की अच्छी जॉब छोड़कर स्वाति ने पति रोहन के साथ मिलकर भारत का सबसे बड़ा कैशबैक पोर्टल कैशकरो (Cashkaro) लॉन्च किया. खास बात है कि इस कंपनी में रतन टाटा ने 2016 में पैसा लगाया. ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कंपनी का बिजनेस मॉडल कितना बेहतर है कि खुद रतन टाटा जैसे देश के दिग्गज उद्योगपति ने फंडिंग की.

कंपनी का ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (GMV) पिछले साल 4 हजार करोड़ रुपये को पार कर गया. ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से एक निश्चित अवधि में बेचे गए माल का कुल मूल्य है. कैशकरो, ई-कॉमर्स पोर्टल्स के ग्राहकों को उनके बैंक अकाउंट में कैशबैक देता है. यह गिफ्ट वाउचर भी देता है. पिछले साल कंपनी ने 225 करोड़ रुपये का रेवेन्यू भी दर्ज किया था.

10वीं क्लास में हरियाणा की टॉपर थी स्वाति
स्वाति भार्गव अंबाला की रहने वाली हैं. वह 10वीं क्लास में हरियाणा की टॉपर थी. 11वीं और 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के लिए वह स्कॉलरशिप पर सिंगापुर गई थी. उसने 10वीं की गणित की परीक्षा में भी 100 अंक हासिल किए थे. उन्होंने अर्थशास्त्र और गणित के साथ लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से स्नातक किया.

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UK से लेकर आए आइडिया
उन्होंने 2005 और 2010 के बीच गोल्डमैन सैक्स के लिए काम किया. इसके बाद उन्होंने अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया. 2009 में उसने एक इन्वेस्टमेंट बैंकर रोहन से शादी की. जब वे अपने हनीमून की योजना बना रहे थे, तो उन्होंने यूनाइटेड किंगडम में कैशबैक वेबसाइट के माध्यम से अपनी फ्लाइट की बुकिंग की. उन्होंने बहुत पैसा बचाया. इससे उन्हें खुद के स्टार्टअप का आइडिया मिला. उन्होंने यूनाइटेड किंगडम में Pouring Pounds नामक कैशबैक वेबसाइट बनाई.

साल 2013 में बनाई Cashkaro
उन्होंने साल 2013 में 17 कर्मचारियों और इंटर्न के साथ भारत में एक ऐसी ही कंपनी Cashkaro लॉन्च की. 2014 में वे पैसे जुटाना चाहते थे. उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के अपने सीनियर्स और दोस्तों से संपर्क किया. 48 घंटों के भीतर, उन्होंने लक्ष्य से दोगुनी रकम जुटा ली. उन्होंने 2015 में कलारी कैपिटल से 25 करोड़ रुपये जुटाए.

टाटा ने किया निवेश
स्वाति और रोहन की समझदारी और मेहनत के बल पर इंडिया में भी कैश करो का बिजनेस लोगों की निगाह में आया. उन्हें सबसे बड़ी सफलता तब हाथ लगी, जब कंपनी में 2016 में उन्हें रतन टाटा ने निवेश किया. वे उनसे ताज मुंबई में मिले. टाटा ने उनसे कहा था, “एक ऐसे देश में जिसे पैसा बचाना पसंद है, आप मुफ्त में पैसा दे रहे हैं. यह उचित नहीं है.”

आसान बिजनेस मॉडल
कैशकरो का एक आसान बिजनेस मॉडल है. उन्हें अपने रिटेल पार्टनर से 5-10 फीसदी कमीशन प्राप्त होता है. वे इस लाभ को अपने उपभोक्ताओं तक पहुंचाते हैं. इसका फायदा सभी पार्टियों को होता है.

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कैशकरो के 1.8 करोड़ से अधिक डाउनलोड
स्वाति भार्गव अपने लिंक्डइन प्रोफाइल पर लिखती हैं, ”आज कैशकरो के 1.8 करोड़ से अधिक डाउनलोड हैं. यह एकमात्र VC-सपोर्टेड कैशबैक साइट है, जिसने कलारी कैपिटल के नेतृत्व में सीरीज ए फंडिंग और कोरिया इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स के नेतृत्व में सीरीज बी फंडिंग से 15 मिलियन डॉलर जुटाए हैं, .सालाना सेल्स में 500 मिलियन डॉलर से ज्यादा है. हमने टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा से भी निवेश जुटाया है.”

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