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Opinion: देश का पहला हाईटेक दिल्ली-मुम्बई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे, एक हिस्‍सा 12 को होगा शुरू, जानें खासियत

2024 तक पूरा एक्‍सप्रेस-वे हो जाएगा तैयार.

2024 तक पूरा एक्‍सप्रेस-वे हो जाएगा तैयार.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हरियाणा के सोहना से राजस्थान के दौसा तक 246 किमी, 8-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का पहला हिस् ...अधिक पढ़ें

वैभव डांगे

आने वाले साल में आप एक बार जरूर सड़क से दिल्ली से मुम्बई तक की यात्रा करना चाहेंगे. एक लाख करोड़ की लागत से विश्वस्तरीय बन रहे दिल्ली-मुम्बई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के जरिए 1382 किमी की दूरी केवल 12 घंटे में तय होगी. आठ लेन की सड़क का यह सफर ना थकाऊ होगा और ना ही ऊबाउ. कारण, दिल्ली से आगे चलते ही हरे-भरे खेत, धूप-छांव की आंख मिचौली खेलते पेड़ों के बीच से गुजरते हुए एसे चार टाइगर रिजर्व से गुजरेंगे, जहां जाने के लिए हम कई बार योजना बनाकर भी नहीं जा पाते. रास्ते में पर्यटन का आनंद और अलग-अलग व्यंजनों का स्वाद लेते हुए यह सफर कब पूरा हो जाएगा, पता ही नहीं चलेगा.

आठमार्च 2019 को तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली की उपस्थिति में केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा इस महत्वाकांक्षी परियोजना की आधारशिला रखी गई थी. इस एक्सप्रेस-वे की संकल्पना कुछ तरह थी कि वह पिछड़े क्षेत्र जो मुख्य मार्ग से दूर हैं, उन्हें जोड़ा जाए. सड़क को इस तरह बनाया जाए, जिसमें आधुनिक तकनीक का समावेश हो. कम लागत में एसा उम्दा मार्ग बनाया जा रहा जो समय और ईंधन दोनों की बचत करेगा.

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दिल्ली-एनसीआर
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एक हिस्से में इलेक्ट्रिक हाईवे बनेगा

इस एक्सप्रेस-वे के एक हिस्से को ई-हाईवे (इलेक्ट्रिक हाईवे) के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां ट्रक और बसें 120 किमी प्रतिघंटे की गति से चलेंगे, जिससे लॉजिस्टिक लागत में 70 फीसदी की कमी आएगी. पूरे एक्सप्रेस-वे को पर्यावरण और अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है. जिसमें 20 लाख पेड़ लगाए जा रहे हैं, प्रत्येक 500 मीटर पर वर्षा जल संचयन प्रणाली के साथ पूरे खंड में ड्रिप सिंचाई की व्यवस्था की गई है. इस एक्सप्रेस-वे में हर साल 32 करोड़ लीटर से अधिक डीजल-पेट्रोल की बचत होगी. जिससे करीब 85 करोड़ किलोग्राम कार्बन डाईआक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी.

जहां जानवरों के लिए ओवरपास

यह एशिया का पहला एक्सप्रेस-वे होगा, जहां जानवरों के लिए ओवरपास बनाए जा रहे हैं. यह एक्सप्रेस-वे चार टाइगर रिजर्व रणथंभौर, सरिस्का, मुकुंदरा नेशनल पार्क और रामगढ़ वन्यजीव अभयारण्य के बीच से गुजरेगा. यहां दोनों ओर 8 मीटर लंबी शोर अवरोधक दीवारें तथा 6 फुट ऊंची दीवारें होंगी, जिससे जानवर सड़क पर और यात्री जंगल में नहीं जा सकेंगे. यह यात्रा लोगों को नई अनुभूति देगी.

इसी एक्‍सप्रेसवे से विश्‍व रिकार्ड भी बना

यह एक्सप्रेस-वे कई दृष्टि से खास है. क्या कभी किसी ने सोचा होगा कि जिस भारत में गड्ढों में सड़क तलाशी जाती थी, वह भारत सड़क निर्माण में विश्व रिकार्ड भी बनाएगा, लेकिन यह कीर्तिमान स्थापित हुआ गुजरात में. आप जब दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे से गुजरेंगे तो बड़ौदा के हुसेपुर-सादणगांव और भरूच से 20 किमी दूर कैलोद गांव के पास 24 घंटे में ढाई किमी की 4-लेन सीमेंट कंक्रीट की उसी सड़क से गुजरेंगे, जिसने विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है. गुजरात में पटेल इन्फ्रास्ट्रक्चर कम्पनी द्वारा यह रिकार्ड कायम किया गया है. एक फरवरी 2021 को सुबह 8 बजे शुरू हुआ काम अनवरत 24 घंटे चला और 2 फरवरी को जब सूर्योदय हुआ तो सड़क निर्माण के कीर्तिमान की वह लालिमा बिखेर रहा था.

एक्सप्रेस-वे में 94 वे-साइड एमेनिटीज

इतने लम्बे सफर में चलने वाला किसी एसी जगह पर ठहरना चाहता, जहां सुकून हो. वह ऐसे स्थान पर रुकना चाहता है, जहां स्वादिष्ट व्यंजन हों, आनंद हो और आराम हो. इस एक्सप्रेस-वे में इसका खास ध्यान रखा गया है. इस पूरे एक्सप्रेस-वे में 94 वे-साइड एमेनिटीज बनाई जा रही हैं. जहां ठहरने के लिए मोटल होगा. खाने के लिए उम्दा किस्म के रेस्त्रा होंगे. चाइल्ड केयर रूम होगा. सर्विस सेंटर, पेट्रोल पंप, एटीएम के अलावा एक छोटा हाट-बाजार होगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लोकल फॉर वोकल की नीति को अपनाया गया है. इसके लिए प्रत्येक वे-साइड एमेनिटीज में उस क्षेत्र में उत्पादित सामान का स्टाल भी होगा.

कई राज्‍यों में आने जाने का सुगम साधन बनेगा

यह एसा एक्सप्रेस-वे है जो केवल पांच राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मप्र, गुजरात और महाराष्ट्र को नहीं जोड़ेगा, बल्कि यह उप्र, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर तक जाने का सुलभ साधन बनेगा. इसके लिए कई स्थानों पर इंटरचेंज दिया जा रहा है. उप्र में बन रहे नए जेवर एयरपोर्ट को इस एक्सप्रेस-वे से कनेक्ट किया जा रहा है. चंबल एक्सप्रेस-वे के जरिए कोटा से इटावा को कनेक्ट किया जाएगा. आगरा-जयपुर के बीच सम्पर्क मार्ग बनाया जा रहा है. इंदौर से उज्जैन होकर कोटा तक नया कॉरिडोर बन रहा है, इसमें दौसा से बाड़मेर तक नया मार्ग बनाकर अमृतसर-जामनगर कारिडोर से जोड़ा जा रहा है, जो पंजाब तक जाने का सीधा मार्ग बनेगा. यही कॉरिडोर हमें दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस-वे से जोड़ेगा, जो वैष्णव देवी की यात्रा को सुगम बनाएगा.

प्रधानमंत्री करेंगे देश को समर्पित

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हरियाणा के सोहना से राजस्थान के दौसा तक 246 किमी, 8-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे का पहला हिस्सा देश को समर्पित कर रहे हैं. यह पूरा एक्सप्रेस-वे 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा. देश का पहला सबसे लम्बा एक्सप्रेस-वे भारत के सामाजिक, आर्थिक बदलाव के लिए मील का पत्थर साबित होगा.

(लेखक इन्फ्रास्ट्रक्चर विशेषज्ञ हैं)

Tags: Delhi Meerut Expressway, Delhi-Mumbai Expressway, Express, Nitin gadkari, Union Minister Nitin Gadkari

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