किसान क्रेडिट कार्ड के नियमों में हो चुका है बदलाव! इन चीजों के लिए भी मिलेगा 2 लाख का लोन!

किसान क्रेडिट कार्ड के नियमों में हो चुका है बदलाव! इन चीजों के लिए भी मिलेगा 2 लाख का लोन!
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने न्यूज18 हिंदी को बताया कि सरकार ने अब किसान क्रेडिट कार्ड ( केसीसी) का दायरा खेतीबाड़ी से बढ़ा कर पशुपालन और मछलीपालन तक कर दिया है.
- News18Hindi
- Last Updated: March 27, 2019, 10:16 AM IST
किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) अब सिर्फ खेती तक सीमित नहीं रहा है. मोदी सरकार ने इसकी सुविधा पशुपालन और मछलीपालन के लिए भी उपलब्ध करवा दी है. अंतर सिर्फ यह है कि इन दोनों श्रेणियों में अधिकतम दो लाख रुपये तक का लोन मिलेगा जबकि फार्मिंग के लिए तीन लाख रुपये तक मिलते हैं. तो देर किस बात की. पशुपालन और मछलीपालन के लिए भी अब बैंक जाईए और सिर्फ तीन डॉक्यूमेंट्स पर ही इसके लिए लोन लीजिए. इस काम के लिए भी सिर्फ 4% की रियायती ब्याज दर पर कर्ज मिल जाएगा.
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के मुताबिक सरकार ने अब केसीसी को सिर्फ खेती तक सीमित नहीं रखा है. इसे हमने पशुपालन और मछलीपालन के लिए भी खोल दिया है. हम कोशिश कर रहे हैं कि किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की कवरेज बढ़ जाए. अभी यह लगभग 50 फीसदी किसानों के पास ही है. देश में 14 करोड़ किसान परिवार हैं. जिसमें से सात करोड़ के पास ही किसान क्रेडिट कार्ड है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इसे बनवाने के लिए किसानों को जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. (ये भी पढ़ें: केंद्र सरकार को पता नहीं किसानों के खाते से क्यों वापस हो रहा पैसा)

शेखावत ने कहा है कि केसीसी के लिए सिर्फ तीन डॉक्यूमेंट ही लिए जाएंगे. पहला यह कि जो व्यक्ति अप्लीकेशन दे रहा है वो किसान है या नहीं. इसके लिए बैंक उसके खेती के कागजात देखें और उसकी कॉपी लें. दूसरा निवास प्रमाण पत्र और तीसरा आवेदक का शपथ पत्र कि उसका किसी और बैंक में लोन बकाया नहीं है. सरकार ने बैंकिंग एसोसिएशन से कहा है कि केसीसी आवेदन के लिए कोई फीस न ली जाए. (ये भी पढ़ें: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम: किस राज्य के कितने किसानों ने उठाया लाभ, देखिए पूरी लिस्ट!)शेखावत ने कहा है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत मिलने वाली 6000 रुपये की रकम को भविष्य में और बढ़ाया जा सकता है. जैसे-जैसे जीडीपी का साइज बढ़ेगा, देश तरक्की करेगा, किसानों के लिए इस स्कीम के तहत हम सम्मान राशि भी बढ़ाते रहेंगे. यह तो सिर्फ शुरुआत है. पीएम मोदी ने खुद गोरखपुर में स्कीम को लॉन्च करते वक्त यह संकेत दे दिया था.
शेखावत ने कहा कि, मोदी सरकार ने हर साल कृषि पर बजट बढ़ाया है इसलिए इसे भी बढ़ाएगी. क्योंकि देश के संसाधनों पर पहला हक गांव, गरीब और किसान का है. हमारी कोशिश है कि यह स्कीम ठीक से इंप्लीमेंट हो जाए और हर असली किसान तक रकम पहुंच जाए.

शेखावत ने बताया कि राज्य सरकारों और बैंकों को कहा गया है कि वो पंचायतों के सहयोग से गांवों में कैंप लगाकर किसान क्रेडिट कार्ड बनवाएं. ताकि किसान संस्थागत ऋण प्रणाली के तहत कर्ज लें न कि साहूकारों से.
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केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के मुताबिक सरकार ने अब केसीसी को सिर्फ खेती तक सीमित नहीं रखा है. इसे हमने पशुपालन और मछलीपालन के लिए भी खोल दिया है. हम कोशिश कर रहे हैं कि किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की कवरेज बढ़ जाए. अभी यह लगभग 50 फीसदी किसानों के पास ही है. देश में 14 करोड़ किसान परिवार हैं. जिसमें से सात करोड़ के पास ही किसान क्रेडिट कार्ड है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इसे बनवाने के लिए किसानों को जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. (ये भी पढ़ें: केंद्र सरकार को पता नहीं किसानों के खाते से क्यों वापस हो रहा पैसा)

किसान (file photo)
शेखावत ने कहा है कि केसीसी के लिए सिर्फ तीन डॉक्यूमेंट ही लिए जाएंगे. पहला यह कि जो व्यक्ति अप्लीकेशन दे रहा है वो किसान है या नहीं. इसके लिए बैंक उसके खेती के कागजात देखें और उसकी कॉपी लें. दूसरा निवास प्रमाण पत्र और तीसरा आवेदक का शपथ पत्र कि उसका किसी और बैंक में लोन बकाया नहीं है. सरकार ने बैंकिंग एसोसिएशन से कहा है कि केसीसी आवेदन के लिए कोई फीस न ली जाए. (ये भी पढ़ें: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम: किस राज्य के कितने किसानों ने उठाया लाभ, देखिए पूरी लिस्ट!)शेखावत ने कहा है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत मिलने वाली 6000 रुपये की रकम को भविष्य में और बढ़ाया जा सकता है. जैसे-जैसे जीडीपी का साइज बढ़ेगा, देश तरक्की करेगा, किसानों के लिए इस स्कीम के तहत हम सम्मान राशि भी बढ़ाते रहेंगे. यह तो सिर्फ शुरुआत है. पीएम मोदी ने खुद गोरखपुर में स्कीम को लॉन्च करते वक्त यह संकेत दे दिया था.
शेखावत ने कहा कि, मोदी सरकार ने हर साल कृषि पर बजट बढ़ाया है इसलिए इसे भी बढ़ाएगी. क्योंकि देश के संसाधनों पर पहला हक गांव, गरीब और किसान का है. हमारी कोशिश है कि यह स्कीम ठीक से इंप्लीमेंट हो जाए और हर असली किसान तक रकम पहुंच जाए.

गजेंंद्र सिंह शेखावत (file photo)
शेखावत ने बताया कि राज्य सरकारों और बैंकों को कहा गया है कि वो पंचायतों के सहयोग से गांवों में कैंप लगाकर किसान क्रेडिट कार्ड बनवाएं. ताकि किसान संस्थागत ऋण प्रणाली के तहत कर्ज लें न कि साहूकारों से.
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