Moody's ने कहा- अगले दो साल घटेगी एशिया क्षेत्र के बैंकों की पूंजी, नया निवेश नहीं मिलने पर भारतीय बैंकों पर होगा बुरा असर

रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि अगले दो साल भरतीय बैंकों के लिए मुश्किल भरे रहेंगे.
केयर रेटिंग्स (Care Ratings) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना संकट (Coronavirus Crisis) के कारण बने हालात के चलते बैंकों के कर्ज कारोबार (Credit Business) की वृद्धि दर नरम रहेगी. वहीं, मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस (Moddy's) ने कहा है कि एशिया में बैंकों के बढ़ते नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPAs) ने मुश्किल खड़ी कर दी है. ऐसे में बैंकों के लिए सार्वजनिक या निजी क्षेत्र से निवेश (Investment) की दरकरार है.
- News18Hindi
- Last Updated: November 30, 2020, 11:02 PM IST
नई दिल्ली. कोरोना संकट के बीच एक और परेशानी पैदा करने वाली खबर सामने आई है. रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody's) ने कहा है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र के बैंकों (Asia Banks) के लिए अगले दो साल काफी मुश्किल भरे होंगे. इस दौरान उनकी पूंजी (Capital) में गिरावट दर्ज की जाएगी. एजेंसी ने भारत को लेकर कहा है कि अगर भारतीय बैंकों (Indian Banks) को सार्वजनिक या निजी क्षेत्र से नया निवेश (New Investment) नहीं मिला तो उनकी पूंजी सबसे तेजी से कम होगी. एजेंसी ने कहा है कि उभरते बाजारों में बैंकों के लिए संपत्ति की अनिश्चित गुणवत्ता (Assets Quality) बड़ी चुनौती है. इसका कारण कोरोना संकट के चलते बनी परिस्थितियों का चुनौतीपूर्ण होना है.
केयर रेटिंग्स ने कहा, बैंकों के कर्ज कारोबार में रहेगी नरमी
मूडीज ने कहा है कि उभरते बाजारों में 2021 के लिए बैंकों का परिदृश्य निगेटिव है. इसके उलट इंश्योरेंस कंपनियों (Insurance Companies) के लिए यह स्थिर बना रहेगा. एशिया प्रशांत क्षेत्र में बैंकों की बढ़ती नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPAs) और इंश्योरेंस कंपनियों का उतार-चढ़ाव वाला निवेश पोर्टफोलियो चिंता का विषय है. अगले दो साल के दौरान एशिया में बैंकों की पूंजी घटेगी. नया निवेश नहीं मिलने पर भारत के साथ ही श्रीलंका (Sri Lanka) के बैंकों की पूंजी भी तेजी से गिरेगी. केयर रेटिंग्स (CARE Ratings) ने कहा कि वैश्विक महामारी (Pandemic) से पैदा हुई अनिश्चिता के चलते बैंकों के कर्ज कारोबार की वृद्धि दर नरम रहने का अनुमान है.
ये भी पढ़ें- अब गृह मंत्री अमित शाह ने बताया, कब कोरोना संकट से उबरकर पटरी पर लौटेगी Indian Economyबैंक जोखिम के चलते चुनिंदा कर्ज ही कर रहे हैं जारी
केयर रेटिंग्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जोखिम को लेकर बचावपूर्ण रवैया बैंकों के कर्ज कारोबार में वृद्धि दर (Credit Growth) नरम रहेगी. अक्टूबर 2020 में बैंकों के कर्ज कारोबार की वृद्धि दर घटकर 5.6 फीसदी रही. बैंक परिसंपत्ति गुणवत्ता और जोखिम के चलते चुनिंदा नए कर्ज ही जारी कर रहे हैं. कमर्शियल बैंकों की कर्ज ब्याज दर में सालाना आधार पर अक्टूबर 2020 में 1.15 फीसदी तक की कमी आई है. हालांकि, इसके मुताबिक, कर्ज बांटने में वृद्धि दर्ज नहीं की गई. अक्टूबर में सर्विस सेक्टर में 9.5 फीसदी, रिटेल में 9.3 फीसदी, कृषि क्षेत्र में 9.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई. औद्योगिक श्रेणी में 1.7 फीसदी की गिरावट रही. होम लोन श्रेणी में अक्टूबर के दौरान 8.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई.
केयर रेटिंग्स ने कहा, बैंकों के कर्ज कारोबार में रहेगी नरमी
मूडीज ने कहा है कि उभरते बाजारों में 2021 के लिए बैंकों का परिदृश्य निगेटिव है. इसके उलट इंश्योरेंस कंपनियों (Insurance Companies) के लिए यह स्थिर बना रहेगा. एशिया प्रशांत क्षेत्र में बैंकों की बढ़ती नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPAs) और इंश्योरेंस कंपनियों का उतार-चढ़ाव वाला निवेश पोर्टफोलियो चिंता का विषय है. अगले दो साल के दौरान एशिया में बैंकों की पूंजी घटेगी. नया निवेश नहीं मिलने पर भारत के साथ ही श्रीलंका (Sri Lanka) के बैंकों की पूंजी भी तेजी से गिरेगी. केयर रेटिंग्स (CARE Ratings) ने कहा कि वैश्विक महामारी (Pandemic) से पैदा हुई अनिश्चिता के चलते बैंकों के कर्ज कारोबार की वृद्धि दर नरम रहने का अनुमान है.
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केयर रेटिंग्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जोखिम को लेकर बचावपूर्ण रवैया बैंकों के कर्ज कारोबार में वृद्धि दर (Credit Growth) नरम रहेगी. अक्टूबर 2020 में बैंकों के कर्ज कारोबार की वृद्धि दर घटकर 5.6 फीसदी रही. बैंक परिसंपत्ति गुणवत्ता और जोखिम के चलते चुनिंदा नए कर्ज ही जारी कर रहे हैं. कमर्शियल बैंकों की कर्ज ब्याज दर में सालाना आधार पर अक्टूबर 2020 में 1.15 फीसदी तक की कमी आई है. हालांकि, इसके मुताबिक, कर्ज बांटने में वृद्धि दर्ज नहीं की गई. अक्टूबर में सर्विस सेक्टर में 9.5 फीसदी, रिटेल में 9.3 फीसदी, कृषि क्षेत्र में 9.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई. औद्योगिक श्रेणी में 1.7 फीसदी की गिरावट रही. होम लोन श्रेणी में अक्टूबर के दौरान 8.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई.