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दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे : ‘कोई’ डाल रहा काम में बाधा, कुछ नहीं कर पाया NHAI, पूरा होने में लगेगा ज्यादा टाइम

मध्‍यप्रदेश में इस महीने के अंत तक एक्‍सप्रेसवे का काम पूरा होना था.

मध्‍यप्रदेश में इस महीने के अंत तक एक्‍सप्रेसवे का काम पूरा होना था.

Delhi Mumbai Expressway : मध्‍य प्रदेश के 3 जिलों से भी दिल्‍ली-मुंबई एक्‍सप्रेसवे गुजरेगा. पहले यहां मार्च के आखिर तक ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

मध्‍यप्रदेश में एक्‍सप्रेसवे के निर्माण पर खर्च होंगे 11120 करोड़ रुपए खर्च.
तय समय पर राज्‍य में पूरा नहीं हो पाएगा निमार्ण कार्य.
चंबल नदी पर पुल का निर्माण कार्य अभी है अधूरा.

Delhi Mumbai Expressway : 1,386 किलोमीटर लंबे दिल्‍ली-मुंबई एक्‍सप्रेसवे के सोहना-दौसा-लालसोट खंड पर यातायात शुरू हुआ तो समझा गया कि अब वह दिन दूर नहीं, जब यह पूरा रास्ता खोल दिया जाएगा. कुछ खंडों पर काम चल रहा था और उसे मार्च में मतलब इसी महीने पूरा होना था. लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. कोई है जो, काम में बाधा डाल रहा है, परंतु नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) उसका कुछ नहीं बिगाड़ पा रही और न ही उसे रोक पा रही. काम काफी धीमा हो गया है और इसे पूरा होने में अभी 1 महीना और लग सकता है.

यह एक्सप्रेसवे देश का सबसे लम्बा एक्सप्रेसवे होगा जो देश के कई राज्‍यों से गुजर रहा है. इनमें से मध्‍य प्रदेश भी एक है. MP में इसकी कुल लंबाई 244.50 किलोमीटर होगी. इसी महीने इसका निर्माण पूरा होना था, लेकिन कई दिक्‍कतों के चलते एकसप्रेसवे का काम अगले महीने ही पूरा होगा. एक्‍सप्रेसवे के निर्माण में मधुमक्खियां भी खूब रोड़े अटका रही हैं. मंदसौर जिले के सीतामऊ में चंबल नदी पर बनाए जा रहे 400 मीटर लंबे आठ लेन पुल पर गार्डर डालने का काम भी अधूरा है. आधे हिस्से में तो गार्डर डल गया है, लेकिन आधे हिस्से में मधुमक्खी के छत्तों के कारण काम रुका है.

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नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधिकारियों का कहना है कि पुल के ढांचे के नीचे मधुमक्खियों ने अनगिनत छते बना लिए हैं. इन्‍हें कई बार हटाया गया है. लेकिन, मधुमक्खियां दोबारा छत्‍ते बना लेती हैं. ये काम कर रहे इंजीनियर्स और मजदूरों पर हमला कर देती हैं. इस वजह से पुल के बचे हिस्‍से पर गर्डर लगाने का काम बहुत धीमा चल रहा है. इसके अलावा गरोठ के पास हाईटेंशन लाइन के दर्जनभर टावर खड़े हैं, जिन्हें अभी नहीं हटाया जा सका है. इस वजह से करीब 300 मीटर लंबाई में आठ लेन सड़क नहीं बन पाई है.

दोबारा शुरू हुआ काम
अब एक बार फिर मधुमक्खियों के छत्ते हटाए हैं और पुल पर गर्डर डालने का काम शुरू किया गया है. इस तरह गरोठ के पास हाईटेंशन लाइन शिफ्ट करने का काम भी 26 मार्च से शुरू किया गया है. तीन दिन के लिए बिजली सप्‍लाई काटी गई है.

3 जिलों से निकलेगा एक्‍सप्रेसवे
एमपी वाले हिस्से के निर्माण पर केंद्रीय सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय 11,120 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे मध्‍यप्रदेश के मंदसौर, रतलाम और झाबुआ जिलों से होकर निकलेगा. एक्‍सप्रेसवे निर्माण में आई दिक्‍कतों की वजह से अब इसके 31 मार्च के बजाय अप्रैल अंत तक पूरा होने की उम्‍मीद है.

120 की गति से दौड़ेगी कार
दिल्‍ली- मुंबई एक्‍सप्रेसवे पर कार की गति 120, बस तथा ट्रक की 100 और छोटे वाहनों की गति 80 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है. अगर कोई स्‍पीड लिमिट का उल्‍लंघन करेगा तो उसे चालान भुगतना होगा. एक्‍सप्रेसवे पर बाइक, ट्रैक्टर-ट्रॉली, घोड़ा और बैलगाड़ी की एंट्री बैन है. दिल्‍ली-मुंबई एक्‍सप्रेसवे पर कहीं भी ब्रेकर नहीं होगा. एक्‍सप्रेसवे के दोनों ओर बैरिकेडिंग की जाएगी ताकि आवारा जानवर सड़क पर न आ जाएं. एक्‍सप्रेसवे पर आप बिना वजह गाड़ी रोक नहीं रोक पाएंगे. अचानक गाड़ी रोकने पर चालान कटेगा. गाड़ी को केवल रेस्ट एरिया में ही रोकने की परमिशन है. कुछ-कुछ दूरी पर रेस्‍ट एरिया बनाए जा रहे हैं.

Tags: Business news in hindi, Delhi-Mumbai Expressway, Highway, NHAI, Nitin gadkari

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