होम /न्यूज /व्यवसाय /म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को चाहिए ऐसा टैलेंट, जो खर्चों के मामले में 'पत्नी' की तरह सोचे, एक्सपर्ट ने दिया उम्दा उदाहरण

म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को चाहिए ऐसा टैलेंट, जो खर्चों के मामले में 'पत्नी' की तरह सोचे, एक्सपर्ट ने दिया उम्दा उदाहरण

मार्केट दिग्गजों का कहना है कि आने वाले 5 सालों में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री 100 लाख करोड़ रुपये तक के लक्ष्य तक पहुंच सकती है. (photo- news18)

मार्केट दिग्गजों का कहना है कि आने वाले 5 सालों में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री 100 लाख करोड़ रुपये तक के लक्ष्य तक पहुंच सकती है. (photo- news18)

मार्केट दिग्गजों का कहना है कि आने वाले 5 सालों में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री 100 लाख करोड़ रुपये तक के लक्ष्य तक पहुंच सक ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

मनीकंट्रोल म्यूचुअल फंड समिट में एक्सपर्ट्स ने अपनी बातें रखीं.
पिछले कुछ सालों में निवेश को लेकर लोगों का म्यूचुअल फंड में रुझान बढ़ा है.
दिग्गज निवेशक ने कहा- म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में महिलाओं की भूमिका अहम है.

मुंबई. निवेश पर बेहतर रिटर्न पाने के लिए देश में पारंपरिक बचत योजनाओं की तुलना में लोगों का रुझान बाजार जोखिम के अधीन स्कीम में बढ़ा है. करोड़ों लोग एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड (Investment in Mutual Fund) में पैसा लगा रहे हैं. मार्केट दिग्गजों का कहना है कि आने वाले 5 सालों में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री 100 लाख करोड़ रुपये तक के लक्ष्य तक पहुंच सकती है. मनीकंट्रोल म्यूचुअल फंड में समिट में कोटक महिंद्रा एएमसी के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह ने म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में उन तमाम लागतों और अनिवार्य खर्चों पर बात की.

नीलेश शाह ने अपने घर से जुड़ा एक उदाहरण देते हुए, अपनी पत्नी को इस बात का क्रेडिट दिया कि वह उनकी ही वजह से अपनी नौकरी को आराम से कर पाते हैं. इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि आने वाले समय में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का टैलेंट रिटेंशन बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि पति-पत्नी कैसे घर का खर्च चलाते हैं.

मनीकंट्रोल म्यूचुअल फंड समिट शामिल हुए दिग्गज
मनीकंट्रोल म्यूचुअल फंड समिट में चर्चा के दौरान नीलेश शाह ने कहा, “अगर मेरी सैलरी 100 रुपये है, तो इसमें से 43 रुपये सीधे सरकार ले लेती है. इसके बाद मेरे पास 57 रुपये बचते हैं. इनमें से बचत के लिए मैं 10 रुपये NPS में डालता हूं और 10 रुपये प्रोविडेंट फंड में देता हूं और आखिरी में 37 रुपये मेरे हाथ में आते हैं. इसमें से 20 रुपये SEBI अपने इनवेस्टमेंट सर्कुलर के जरिए ले लेता है और 17 रुपये मैं अपनी पत्नी पारुल शाह को देता हूं. जब तक वह 17 रुपये में घर चला रही है, तब तक मैं कोटक म्यूचुअल फंड में काम कर सकता हूं.”

दरअसल नीलेश शाह ने इस उदाहरण के जरिए यह समझना चाहा कि जब तक पारुल शाह जैसी महिलाएं हैं, मुझे पक्का यकीन है कि तब तक म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में टैलेंट बना रहेगा. वहीं, इस पैनल डिस्कशन में इडलवाइज (Edelweiss) सीईओ राधिका गुप्ता (Radhika Gupta) भी शामिल थीं. उन्होंने अपने बेटे को जन्म देने के 6 हफ्ते के अंदर वापस काम पर लौटने का उदाहरण दिया. उन्होंने मातृत्व और अपने करियर के बीच संतुलन बनाने को लेकर बात की.

उन्होंने कहा, “लोगों कहते हैं कि मुझे अब भी मैटरनिटी लीव पर होना चाहिए क्योंकि सरकार का नियम 6 महीने का है और मेरा बेटा अभी 5 महीने का है. मैं 6 हफ्ते बाद ही वापस काम पर लौट आई, क्योंकि मैं अपनी इंडस्ट्री से प्यार करती हूं और यह आपको सम्मान देता है.”

Tags: Mutual fund, Mutual fund investors, Returns of mutual fund SIPs, Stock market today

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें