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क्या म्युचूअल फंड में पैसा लगाने वालों को गारंटीड रिटर्न मिलता है? जानिए ऐसे ही सवालों के जवाब

 निवेशकों को म्युचूअल फंड्स में पैसा लगाने से पहले निवेश दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ाना चाहिए.

निवेशकों को म्युचूअल फंड्स में पैसा लगाने से पहले निवेश दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ाना चाहिए.

एक आम निवेशक किसी के कहने पर भी म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर तो देता है लेकिन आगे क्या करना है कब तक फंड्स में बने रहना ...अधिक पढ़ें

    नई दिल्ली. म्युचूअल फंड्स (Mutual Funds) में पैसा लगाने वाले अक्सर एक सवाल पूछते हैं कि क्या म्युचूअल फंड में पैसा लगाने वालों को गारंटीड रिटर्न (Mutual Fund Returns) मिलता है? जब हमने ये सवाल एक्सपर्ट्स से पूछा तो उन्होंने कहा कि पीपीएफ (PPF) जैसी अन्य स्मॉल सेविंग स्कीम्स (Small Saving Schemes) पर ही रिटर्न की गारंटी सरकार लेती है. वहीं, म्युचूअल फंड्स में पैसा लगाने पर कोई भी रिटर्न की गारंटी नहीं है. इस पर एक्सपर्ट्स आगे बताते हैं कि म्युचूअल फंड्स कंपनियां भी अपने विज्ञापनों में स्पष्टतौर पर बताती हैं कि निवेश पर रिटर्न बाजार जोखिम के अधीन है. निवेशकों को म्युचूअल फंड्स में पैसा लगाने से पहले निवेश दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ाना चाहिए.

    एक आम निवेशक किसी के कहने पर भी म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर तो देता है लेकिन आगे क्या करना है कब तक फंड्स में बने रहना है. इस सवाल का जवाब उसके पास नहीं होता है. इस पर एक्सपर्ट्स कहते हैं कि लक्ष्य पूरा होने के बाद फंड से निकलना सही होता है.

    आइए समझें म्यूचुअल फंड्स से जुड़े ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब...

    (1) सवाल- म्यूचुअल फंड्स में पैसा लगाने के क्या फायदे होते है?
    जवाब-
    पैसा बचाने और कमाने के कई तरीके हैं. लोग इसके लिए म्यूचुअल फंड में काफी इनवेस्ट करते हैं. उम्मीद होती है कि अच्छा रिटर्न मिलेगा. लेकिन म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने से पहले कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हें ध्यान में रखना बहुत जरूरी है. ज्यादातर मामलों में आपको टर्म एंड कंडीशंस पता नहीं होती हैं, फिर भी आप पैसा लगा लेते हैं. आप इन तरीकों को अपनाकर ऐसी गलतियां करने से बच सकते हैं.

    (I) म्यूचुअल फंड में आमतौर पर देखा जाता है कि लोग बाजार गिरते ही घबराने लगते हैं और एसआईपी रोक देते हैं. इसके बाद जैसे ही बाजार बढ़ने लगे तो निवेश शुरू कर देते हैं.

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    (II) लेकिन ध्यान रहे कि ऐसा करने से आप अपना ही नुकसान कर रहे हैं. आप सभी मिलने वाले फायदे गंवा देते हैं. इतना इनवेस्ट करने के बाद ऐसा करना बेवकूफी साबित हो सकता है.

    (III) म्यूचुअल फंड में लीड मैनेजर का रोल सबसे ज्यादा अहम होता है. इसीलिए अगर फंड मैनजमेंट की टीम में लगातार और काफी जल्दी बदलाव हो रहे हैं तो सावधान होने की जरूरत है. ऐसे में आप हमेशा इस हलचल पर अपनी नजर बनाए रखें.

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    (IV) कई बार देखा जाता है कि इनवेस्टर किसी फंड में इसलिए इनवेस्ट कर देता है, क्योंकि उसकी पास्ट परफॉर्मेंस काफी अच्छी होती है. लेकिन ध्यान रखें कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, जरूरी नहीं है कि अगर पहले किसी कंपनी ने अच्छा परफॉर्म किया है वो आगे भी ऐसा ही करेगी.

    (V) फंड की कीमत हर तिमाही में बदलती रहती है. अगर आप तीन महीने पहले सोचते हैं कि ये फंड सही हैं, तो ये भी हो सकता है कि तीन महीने बाद उसकी रेटिंग कम हो जाए. इसीलिए इस आधार पर फैसला लेना गलत है.

    (2) सवाल-शेयर बाजार की तेजी या फिर गिरावट पर म्यूचुअल फंड्स में क्या करें?
    जवाब- वित्तीय सलाहकार बताते हैं कि जब  शेयर बाजार अपनी ऊंचाई के करीब पहुंच रहा होता है तो कई निवेशक यह सोचते हैं कि क्या उन्हें म्यूचुअल फंड स्कीम से प्रॉफिट बुक कर लेना चाहिए.

    (I) इसी तरह से जब बाजार गिर रहा होता है तो कई निवेशक सोचते हैं कि नुकसान से बचने के लिए जल्द से अपना पैसा सुरक्षित कर लेना चाहिए.

    (II) एक्सपर्ट्स का मानना है कि अपने फंड से पैसे निकालने का यह सही तरीका नहीं है. इससे आपको नुकसान झेलना पड़ सकता है.

    (III) निवेशकों को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ऐसी स्थिति में आपकी स्कीम के फंड मैनेजर प्रॉफिट बुकिंग करके आपके नुकसान को घटा रहे होते हैं.

    (IV) फंड मैनेजर्स ऐसे शेयरों को लगातार बेच रहे होते हैं, जिनमें नुकसान हो रहा है या आगे नुकसान की संभावना है. साथ ही ऐसे स्टॉक्स में निवेश कर रहे होते हैं जिनका प्रदर्शन बढ़िया है. इसलिए बाजार के उतार-चढ़ाव पर स्कीम से निकलना बेहतर फैसला नहीं है.



    (3) सवाल- अगर म्यूचुअल फंड्स की स्कीम में अच्छे रिटर्न नहीं मिले तब क्या करना चाहिए?
    जवाब- 
    आपने जिस स्कीम में पैसा लगाया है, वह अगर अंडरपरफार्म कर रही है तो इसकी समीक्षा बेहद जरूरी है. इसी तरह से हो सकता है कि स्कीम के फंडामेंटल्स में बदलाव आया हो और आपके पैरामीटर पर स्कीम खरी नहीं उतर रही हो. ऐसे में आपको अपने फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स की मदद लेनी चाहिए. इसके बाद स्कीम को भुनाया जा सकता है

    (4) सवाल- अगर पैसे की जरुरत है तब क्या करें?
    जवाब- वित्तीय सलाहकार कहते हैं कि सभी ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड्स यानी जिनमें टैक्स सेविंग के लिए निवेश नहीं किया जाता है. इनमें आसानी से कभी बाहर निकला जा सकता है. अगर आपको आगे पैसे की अचानक जरूरत पड़ सकती है तो आपको लिक्विड या कॉन्टीजेंसी फंड में निवेश करना चाहिए. फंड को रिडीम करना ठीक नहीं हैं. इससे वित्तीय लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल हो सकता है. ये भी दिमाग में रखना जरूरी है कि टैक्स और एग्जिट लोड भी चुकाने पड़ सकते हैं.

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    Tags: Business news in hindi, Mutual fund, Mutual fund investors, Mutual funds

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