नई दिल्ली. मुनाफाखोरी और काला बाजारी करने वालों को झटका देते हुए केंद्र सरकार ने मेडिकल ऑक्सिजन (Medical Oxygen) और ऑक्सिजन सिलेंडर (Oxygen Cylinder) की प्राइसिंग पर कैप लगा दिया है. नेशनल फार्मास्युटिकल्प प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने यह कैपिंग लगाई है. कोरोना वायरस महामारी के बीच मरीजों के लिए बढ़ती मांग को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health & Family Welfare) ने NPPA को निर्देश दिया है कि वो मेडिकल ऑक्सिजन सिलेंडर को रेगुलेट करने के लिए तत्काल रूप से जरूरी कदम उठाए.
शनिवार को जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया, 'कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के बीच देश में मेडिकल ऑक्सिजन की मांग बढ़ गई है. यह बेहद महत्वपूर्ण है कि इसकी उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश दूसरे राज्यों पर मेडिकल ऑक्सिजन के लिए निर्भर हैं.'
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मांग बढ़ने के से उत्पादन और सप्लाई पर दबाव बढ़ा
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेडिकल ऑक्सिजन की मांग करीब चार गुना बढ़ गई है. पहले जहां हर दिन 740 मेट्रिक टन की जरूरत होती है, वो अब बढ़कर 2,800 मेट्रिक टन हो गया है. इससे उत्पादन और सप्लाई समेत वैल्यू चेन के हर स्तर पर दबाव बढ़ गया है.
सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है सरकार
प्राइसिंग कैप नहीं होने की वह से लिक्विड मेडिकल ऑक्सिजन निर्माताओं ने दाम बढ़ा दिए हैं. अब NPPA को लिक्विड ऑक्सिजन का दाम रेगुलेट करने का कहा गया है ताकि सप्लाई सुनिश्चित की जा सके. सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि वो मौजूदा महामारी में ऑक्सिजन सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. ऑक्सिजन गैस को नेशनल लिस्ट ऑफ एसेंशियल मेडिसिन्स (NLEM) के दायरे में रखा गया है.
बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के बीच मेडिकल ऑक्सिजन की सप्लाई कुल खपत की 10 फीसदी से बढ़कर करीब 50 फीसदी तक पहुंच गई है. ऐसे में लगातार उपलब्धता बनाए रखने के लिए जरूरी है कि प्राइसिंग कैप की जाए.
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क्या फैसला लिया गया है?
1. लिक्विड मेडिकल ऑक्सिजन की एक्स-फैक्ट्री कीमत 15.22 रुपये/CUM तय की गई है. मैन्युफैक्चरर को इसी दाम में ऑक्सिजन बेचना है. इस पर GST अलग से देना होगा.
फीलर्स के लिए तरफ से एक्स-फैक्ट्री कॉस्ट 25.71 रुपये/CUM होगा. इस पर भी अतिरिक्त जीएसटी देय होगा. यह अगले 6 महीनों के लिए होगा. इसमें राज्यों के बीच ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट को भी ध्यान में रखा गया है.
2. राज्य सरकारों के लिए ऑक्सिजन खरीद पर मौजूदा रेट कॉन्ट्रैक्ट्स जारी रहेंगे. ग्राहकों के हित को देखते हुए यह फैसला लिया गया है.
3. लिक्विड मेडिकल ऑक्सिजन और ऑक्सिजन गैस सिलेंडर्स की एक्स-फैक्ट्री प्राइस डोमेस्टिक प्रोडक्शन पर ही लागू होगा.undefined
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Tags: Business news in hindi, Covid-19 Crisis, Health ministry
FIRST PUBLISHED : September 26, 2020, 15:53 IST