इंटरनेशनल एयरपोर्ट जैसा दिखेगा नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, RLDA ने ऑनलाइन रोडशो में दिखाई झलक

रेल लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑनलाइन रोडशो के जरिये अंतरराष्ट्रीय डेवलपर्स, वित्तीय संस्थानों को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना से जोड़ना चाहती है.
रेल लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (RLDA) नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (NDLS) के पुनर्विकास पर ऑनलाइन रोडशो (Online Roadshow) के जरिये अंतरराष्ट्रीय रीयल एस्टेट डेवलपर्स, इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों और वित्तीय संस्थानों को आकर्षित करना चाहती है. ये ऑनलाइन रोडशो 14 जनवरी यानी से शुरू होकर 19 जनवरी 2021 तक चलेगा.
- News18Hindi
- Last Updated: January 14, 2021, 10:30 PM IST
नई दिल्ली. रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) के तहत काम करने वाली रेल लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (RLDA) नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (NDLS) की पुनर्विकास परियोजना पर एक ऑनलाइन रोडशो (Online Roadshow) कर रही है. ये ऑनलाइन रोडशो 14 जनवरी यानी आज शुरू हो चुका है और 19 जनवरी 2021 तक चलेगा. रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने ट्वीट कर बताया कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के बाद लोगों को यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं (World-Class Facilities) मिलेंगी.
RLDA के इस रोडशो में सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, दुबई और स्पेन के इंवेस्टर्स व डेवलपर्स हिस्सा ले रहे हैं. इसमें बोलीदाताओं के साथ प्रोजेक्ट कॉन्सेप्ट और प्रस्तावति लेनदेन के स्ट्रक्चर पर चर्चा की जाएगी. बता दें कि फिलहाल 2 फरवरी 2021 तक ये पुनर्विकास परियोजना रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन (RFQ) के चरण में है. आरएलडीए के इस ऑनलाइन रोडशो का मकसद अंतरराष्ट्रीय रीयल एस्टेट डेवलपर्स, इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों और वित्तीय संस्थानों को पुनर्विकास परियोजना से जुड़ने के लिए आकर्षित करना है. आरएलडीए चाहती है कि इस परियोजना से यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण एशियाई देश जुड़ें.
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5,000 करोड़ लागत वाली परियोजना 4 साल में होगी पूरी
आरएलडीए के उपाध्यक्ष वेद प्रकाश डुडेजा ने कहा कि पुनर्विकास परियोजना से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही क्षेत्र के आर्थिक विकास में मदद मिलेगी. ऑनलाइन रोडशो के जरिये इस परियोजना से विभिन्न कंपनियों को जोड़ने में तेजी आएगी. इससे उन्हें परियोजना के हर पहलू की जानकारी दी जाएगी. इस परियोजना को चार साल के अंदर पूरा किया जाना है. परियेाजना को 60 साल के लिए डिजाइन-बिल्ड-फाइनेंस-ऑपरेट-ट्रांसफर (DBFOT) मॉडल पर विकसित किया जाना है. परियोजना पर करीब 5,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. सितंबर 2020 में हुए प्री-बिड समिट में अडानी, जीएमआर, जेकेबी इंफ्रा, अरब कंस्ट्रक्शन कंपनी, एसएनसीएफ, एंकरेज समेत कई कंपनियों ने हिस्सा लिया था.
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120 हेक्टेयर में फैली परियोजना में होंगी ये सभी सुविधाएं
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना 120 हेक्टेयर में फैली होगी. इसमें से 88 हेक्टेयर को पहले चरण में पूरा किया जाएगा. परियोजना के तहत करीब 12 लाख वर्गमीटर क्षेत्र में निर्माण कार्य होगा. परियोजना से जुड़ी मंजूरियों को तेजी से पूरा करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है. परियोजना के तहत आधुनिक सुविधाओं वाली नई इमारत बनेगी, जिसमें दो एंट्री और दो एग्जिट होंगे. साथ ही रेलवे कार्यालय, रेलवे क्वार्टर और सहायक रेलवे कार्यालय बनाए जाएंगे. स्टेशन परिसर के साथ ही कॉमर्शियल ऑफिस, होटल और आवासीय परिसर बनाए जाएंगे. स्टेशन के दोनों तरफ दो मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब, 40 मंजिल ऊंचे ट्विन टॉवर बनाए जाएंगे.
RLDA के इस रोडशो में सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, दुबई और स्पेन के इंवेस्टर्स व डेवलपर्स हिस्सा ले रहे हैं. इसमें बोलीदाताओं के साथ प्रोजेक्ट कॉन्सेप्ट और प्रस्तावति लेनदेन के स्ट्रक्चर पर चर्चा की जाएगी. बता दें कि फिलहाल 2 फरवरी 2021 तक ये पुनर्विकास परियोजना रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन (RFQ) के चरण में है. आरएलडीए के इस ऑनलाइन रोडशो का मकसद अंतरराष्ट्रीय रीयल एस्टेट डेवलपर्स, इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों और वित्तीय संस्थानों को पुनर्विकास परियोजना से जुड़ने के लिए आकर्षित करना है. आरएलडीए चाहती है कि इस परियोजना से यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण एशियाई देश जुड़ें.
Envisaging an enriched passenger experience with complete integration of different modes of transport, take a look at the future of New Delhi Railway Stationhttps://t.co/QSX4m9LKpy pic.twitter.com/cbr2AtxZaY
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) January 14, 2021
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5,000 करोड़ लागत वाली परियोजना 4 साल में होगी पूरी
आरएलडीए के उपाध्यक्ष वेद प्रकाश डुडेजा ने कहा कि पुनर्विकास परियोजना से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही क्षेत्र के आर्थिक विकास में मदद मिलेगी. ऑनलाइन रोडशो के जरिये इस परियोजना से विभिन्न कंपनियों को जोड़ने में तेजी आएगी. इससे उन्हें परियोजना के हर पहलू की जानकारी दी जाएगी. इस परियोजना को चार साल के अंदर पूरा किया जाना है. परियेाजना को 60 साल के लिए डिजाइन-बिल्ड-फाइनेंस-ऑपरेट-ट्रांसफर (DBFOT) मॉडल पर विकसित किया जाना है. परियोजना पर करीब 5,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. सितंबर 2020 में हुए प्री-बिड समिट में अडानी, जीएमआर, जेकेबी इंफ्रा, अरब कंस्ट्रक्शन कंपनी, एसएनसीएफ, एंकरेज समेत कई कंपनियों ने हिस्सा लिया था.
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120 हेक्टेयर में फैली परियोजना में होंगी ये सभी सुविधाएं
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना 120 हेक्टेयर में फैली होगी. इसमें से 88 हेक्टेयर को पहले चरण में पूरा किया जाएगा. परियोजना के तहत करीब 12 लाख वर्गमीटर क्षेत्र में निर्माण कार्य होगा. परियोजना से जुड़ी मंजूरियों को तेजी से पूरा करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है. परियोजना के तहत आधुनिक सुविधाओं वाली नई इमारत बनेगी, जिसमें दो एंट्री और दो एग्जिट होंगे. साथ ही रेलवे कार्यालय, रेलवे क्वार्टर और सहायक रेलवे कार्यालय बनाए जाएंगे. स्टेशन परिसर के साथ ही कॉमर्शियल ऑफिस, होटल और आवासीय परिसर बनाए जाएंगे. स्टेशन के दोनों तरफ दो मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब, 40 मंजिल ऊंचे ट्विन टॉवर बनाए जाएंगे.