पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम: अब देश के सभी किसानों को मिलेंगे सालाना 6000 रुपये, क्योंकि...!

किसानों के लिए किए गए इन वादों को निभाएगी सरकार!
बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में किया था वादा, पहले 12 करोड़ के लिए थी यह योजना, देश में हैं 14 करोड़ किसान परिवार!
- News18Hindi
- Last Updated: May 29, 2019, 12:11 PM IST
बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि अगर उसकी सरकार दोबारा आती है तो वो देश के सभी किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम (Pradhan mantri Kisan Samman Nidhi Scheme) का लाभ देगी. अब नरेंद्र मोदी सरकार दोबारा बन गई है तो उम्मीद कर सकते हैं कि यह वादा जल्द पूरा होगा. चुनाव से पहले तक इस स्कीम के तहत 12 करोड़ किसान परिवारों को लाभ मिलना था, लेकिन बदले हालात में अब इसका लाभ देश के सभी 14 करोड़ किसान परिवारों को मिलेगा. सभी को 6000-6000 रुपये सालाना मिलेंगे.
पीएम मोदी ने जब 24 फरवरी को यूपी के गोरखपुर से इसकी शुरुआत की थी तब इसके लिए शर्त रखी गई थी कि जिन किसान परिवारों के पास दो हेक्टेयर यानी करीब 5 एकड़ तक की जमीन उन्हीं को इसका फायदा मिलेगा. इस योजना पर किसानों की ओर से मिल रहे सकारात्मक रुझान को देखते हुए बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में इसका दायरा बढ़ाने का वादा किया. इससे पार्टी किसानों को रिझाने में कामयाब रही. बीजेपी प्रवक्ता राजीव जेटली का कहना है कि जो वादा किया गया है उसे पूरा किया जाएगा. अन्नदाताओं को आगे बढ़ाने और उन्हें राहत देने के लिए पार्टी और सरकार हमेशा तैयार है. (ये भी पढ़ें: किसानों के अच्छे दिन, खेती-किसानी से जुड़ा है 17वीं लोकसभा का हर चौथा सांसद!)
बीजेपी के संकल्प पत्र में किसानों के लिए कई वादे (File Photo)
साल 2014 में पहली बार सरकार बनने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों के मसलों को सबसे ऊपर रखा था. जब कांग्रेस हर जगह कृषि कर्जमाफी का वादा कर रही थी तो मोदी सरकार किसानों की आय बढ़ाने की योजनाओं पर काम कर रही थी. ताकि वे ऐसे बन जाएं कि उन्हें कर्जमाफी की जरूरत न पड़े. साथ ही किसान सम्मान निधि के तहत सालाना 6000 रुपये नगद देने की योजना शुरू की और उसे बहुत तेजी से लागू करवा दिया. इस योजना ने कांग्रेस के अलग कृषि बजट लाने और कर्जमाफी के वादे से वोट बटोरने की मंशा पर पानी फेर दिया.पार्टी ने कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए 25 लाख करोड़ रुपये के निवेश और छोटे तथा खेतिहर किसानों की सामाजिक सुरक्षा के लिए 60 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन की योजना बनाने का वादा किया. लेकिन उसका फोकस किसान सम्मान निधि स्कीम पर ही रहा. क्योंकि अपने राज्य के किसानों को सालाना 8000 रुपये देकर टीआरएस ने तेलंगाना में फिर से सरकार बना ली थी. पहली बार किसी सरकार ने किसानों के अकाउंट में सीधे पैसा भेजने की स्कीम बनाई थी.
...लेकिन इन्हें नहीं मिलेगा लाभ
केंद्र या राज्य सरकार में अधिकारी (मल्टी टास्किंग स्टाफ / चतुर्थ श्रेणी / समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर) एवं 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा. पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट, जो कहीं खेती भी करता हो उसे इस लाभ का हकदार नहीं माना जाएगा. पिछले वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले इस लाभ से वंचित होंगे. एमपी, एमएलए, मंत्री और मेयर को भी लाभ नहीं दिया जाएगा, भले ही वो किसानी भी करते हों.
किसानों पर फोकस कर रही है बीजेपी (File Photo)
पैसा पाने के लिए क्या करें?
सरकार इस स्कीम के विस्तार की घोषणा करती है तो अब तक इसके दायरे से बाहर रहे किसानों को कृषि विभाग में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. प्रशासन उसका वेरीफिकेशन करेगा. रेवेन्यू रिकॉर्ड, बैंक अकाउंट नंबर, मोबाइल नंबर देना होगा. कोई कन्फ्यूजन है तो अपने लेखपाल से संपर्क करना होगा.
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पीएम मोदी ने जब 24 फरवरी को यूपी के गोरखपुर से इसकी शुरुआत की थी तब इसके लिए शर्त रखी गई थी कि जिन किसान परिवारों के पास दो हेक्टेयर यानी करीब 5 एकड़ तक की जमीन उन्हीं को इसका फायदा मिलेगा. इस योजना पर किसानों की ओर से मिल रहे सकारात्मक रुझान को देखते हुए बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में इसका दायरा बढ़ाने का वादा किया. इससे पार्टी किसानों को रिझाने में कामयाब रही. बीजेपी प्रवक्ता राजीव जेटली का कहना है कि जो वादा किया गया है उसे पूरा किया जाएगा. अन्नदाताओं को आगे बढ़ाने और उन्हें राहत देने के लिए पार्टी और सरकार हमेशा तैयार है. (ये भी पढ़ें: किसानों के अच्छे दिन, खेती-किसानी से जुड़ा है 17वीं लोकसभा का हर चौथा सांसद!)

साल 2014 में पहली बार सरकार बनने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों के मसलों को सबसे ऊपर रखा था. जब कांग्रेस हर जगह कृषि कर्जमाफी का वादा कर रही थी तो मोदी सरकार किसानों की आय बढ़ाने की योजनाओं पर काम कर रही थी. ताकि वे ऐसे बन जाएं कि उन्हें कर्जमाफी की जरूरत न पड़े. साथ ही किसान सम्मान निधि के तहत सालाना 6000 रुपये नगद देने की योजना शुरू की और उसे बहुत तेजी से लागू करवा दिया. इस योजना ने कांग्रेस के अलग कृषि बजट लाने और कर्जमाफी के वादे से वोट बटोरने की मंशा पर पानी फेर दिया.पार्टी ने कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए 25 लाख करोड़ रुपये के निवेश और छोटे तथा खेतिहर किसानों की सामाजिक सुरक्षा के लिए 60 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन की योजना बनाने का वादा किया. लेकिन उसका फोकस किसान सम्मान निधि स्कीम पर ही रहा. क्योंकि अपने राज्य के किसानों को सालाना 8000 रुपये देकर टीआरएस ने तेलंगाना में फिर से सरकार बना ली थी. पहली बार किसी सरकार ने किसानों के अकाउंट में सीधे पैसा भेजने की स्कीम बनाई थी.
...लेकिन इन्हें नहीं मिलेगा लाभ
केंद्र या राज्य सरकार में अधिकारी (मल्टी टास्किंग स्टाफ / चतुर्थ श्रेणी / समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर) एवं 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को इसका लाभ नहीं मिलेगा. पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट, जो कहीं खेती भी करता हो उसे इस लाभ का हकदार नहीं माना जाएगा. पिछले वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले इस लाभ से वंचित होंगे. एमपी, एमएलए, मंत्री और मेयर को भी लाभ नहीं दिया जाएगा, भले ही वो किसानी भी करते हों.

पैसा पाने के लिए क्या करें?
सरकार इस स्कीम के विस्तार की घोषणा करती है तो अब तक इसके दायरे से बाहर रहे किसानों को कृषि विभाग में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. प्रशासन उसका वेरीफिकेशन करेगा. रेवेन्यू रिकॉर्ड, बैंक अकाउंट नंबर, मोबाइल नंबर देना होगा. कोई कन्फ्यूजन है तो अपने लेखपाल से संपर्क करना होगा.
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