अब इस सरकारी बैंक के साथ हुई करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी, जानें कैसे किया गया फ्रॉड

कोरोना वैक्सीन का रॉ मैटेरियल देने के नाम पर दिया धोखा (सांकेतिक तस्वीर)
सार्वजनिक क्षेत्र के केनरा बैंक (Canara Bank) ने एक इंटर-ऑफिस मेमोरेंडम के जरिये अपनी शाखाओं को धोखाधड़ी (Fraud) से बचने के लिए सावधान रहने को कहा है. दरअसल, एक शाखा में सरकारी संगठन (Government Organisation) के नाम पर करोड़ों रुपये के फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और करंट अकाउंट (CA) खोलकर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है.
- News18Hindi
- Last Updated: June 14, 2020, 2:23 PM IST
नई दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र के केनरा बैंक (Canara Bank) ने एक इंटर-ऑफिस मेमोरेंडम में अपनी सभी शाखाओं को धोखाधड़ी (Fraud) से सावधान रहने को कहा है. बैंक ने इस मेमोरेंडम में कहा है कि धोखाधड़ी करने वाले लोग सरकारी संगठनों (Government Organisations) के नाम पर एकसाथ करोड़ों रुपये का डिपॉजिट कर रहे हैं. बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक दो ऐसे मामले सामने आए हैं, जब सरकारी संगठनों के नाम पर एकमुश्त 47 करोड़ और 100 करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं. ये दोनों मामले तब सामने आए, जब दूसरे समूह ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और करंट अकाउंट (Current Account) में 250 करोड़ रुपये जमा कराने के लिए बैंक से संपर्क किया.
बैंक ने सभी शाखाओं को मेमोरेंडम भेजकर किया सावधान
केनरा बैंक ने धोखाधड़ी की घटना के बाद 'फ्रॉड एजुकेटिव सीरीज' जारी की है. इसमें बैंक ने धोखाधड़ी करने वालों के काम करने का तरीका (Modus Operandi) बताया है. इसके अलावा बैंकिंग सिस्टम की कमजोर कड़ियों (Loopholes) और धोखाधड़ी से बचने के तरीके भी बताए गए हैं. साथ ही बैंक ने सभी शाखाओं से इस तरह के एकमुश्त बड़ी जमा के बारे में जानकारी इकट्ठी करने को भी कहा है. शाखाओं को डिपॉजिट कराने में बिचौलियों से दूरी बनाए रखने को भी कहा गया है.
ये भी पढ़ें- टैक्स बचत के लिए जून तिमाही में किया है निवेश तो आईटीआर दाखिल करते समय यहां देना होगा ब्योरा फिक्स्ड डिपॉजिट के नाम पर ऐसे की गई धोखाधड़ी
एक सरकारी संगठन की ओर से केनरा बैंक की एक शाखा से एकमुश्त 100 करोड़ रुपये जमा कराने के बारे में पूछताछ की गई. संगठन ने एक साल और एक दिन की जमा पर ब्याज दरें पता करने के बाद दूसरे बैंक से 100 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए गए. इसके तुरंत बाद बैंक को संगठन की ओर से कहा गया कि 50 करोड़ रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट में रखे जाएं और 50 करोड़ रुपये करंट अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए जाएं. करंट अकाउंट खोलने के लिए सभी जरूरी दस्तावेज भी जमा करा दिए गए. करंट अकाउंट खोले जाने के 10 दिन के भीतर 47 करोड़ रुपये कई अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिए गए. तभी पता चला कि करंट अकाउंट खोलने के लिए जमा किए गए डाक्यूमेंट्स जाली है और बैंक के साथ धोखाधड़ी हुई है.
ये भी पढ़ें- बड़ी खबर! रेलवे ने इस स्पेशल ट्रेन की टाइमिंग में किया बदलाव, टिकट बुक करने से पहले जानें यहां
बैंक की शाखा ने यहां कर दी गलती और बनी शिकार
धोखाधड़ी करने वालों ने शुरुआत में पूरे 100 करोड़ रुपये एक साल एक दिन के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा करने को कहा था. इसके बाद बैंकिंग सिस्टम के लूपहोल्स सामने आए. जब बैंक से करंट अकाउंट खोलने और 50 करोड़ रुपये इसमें ट्रांसफर करने को कहा गया तो शाखा ने इसके बारे में ज्यादा जांच नहीं की. वहीं, इसके बाद कई चेक के जरिये जब इस राशि को दूसरे अकाउंट में भेजा गया तब भी बैंक ने किसी तरह की पड़ताल करने की जरूरत नहीं समझी.
सरकारी जमा को लेकर सावधान नहीं रहती हैं शाखाएं
दरअसल, ज्यादातर बैंक की शाखाएं सरकारी जमा को लेकर बहुत ज्यादा सावधान नहीं रहती हैं. धोखाधड़ी करने वालों ने इसी बात का फायदा उठाया. बैंक की ओर से शाखाओं से कहा गया है कि अब बिचौलियों से दूरी बनाई जाए. साथ ही किसी भी मैसेंजर से भेजे गए डॉक्यूमेंट्स और बातचीत पर बिलकुल भरोसा ना किया जाए. अतनी बड़ी राशि डिपॉजिट के लिए आने पर शाखाएं संबंधित सरकारी विभाग से सीधे संपर्क करें.
ये भी पढ़ें- किसानों का फायदा, अच्छी बारिश से बुआई के लिए ज्यादा तैयारी की जरूरत नहींं
बैंक ने सभी शाखाओं को मेमोरेंडम भेजकर किया सावधान
केनरा बैंक ने धोखाधड़ी की घटना के बाद 'फ्रॉड एजुकेटिव सीरीज' जारी की है. इसमें बैंक ने धोखाधड़ी करने वालों के काम करने का तरीका (Modus Operandi) बताया है. इसके अलावा बैंकिंग सिस्टम की कमजोर कड़ियों (Loopholes) और धोखाधड़ी से बचने के तरीके भी बताए गए हैं. साथ ही बैंक ने सभी शाखाओं से इस तरह के एकमुश्त बड़ी जमा के बारे में जानकारी इकट्ठी करने को भी कहा है. शाखाओं को डिपॉजिट कराने में बिचौलियों से दूरी बनाए रखने को भी कहा गया है.
ये भी पढ़ें- टैक्स बचत के लिए जून तिमाही में किया है निवेश तो आईटीआर दाखिल करते समय यहां देना होगा ब्योरा फिक्स्ड डिपॉजिट के नाम पर ऐसे की गई धोखाधड़ी
ये भी पढ़ें- बड़ी खबर! रेलवे ने इस स्पेशल ट्रेन की टाइमिंग में किया बदलाव, टिकट बुक करने से पहले जानें यहां
बैंक की शाखा ने यहां कर दी गलती और बनी शिकार
धोखाधड़ी करने वालों ने शुरुआत में पूरे 100 करोड़ रुपये एक साल एक दिन के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा करने को कहा था. इसके बाद बैंकिंग सिस्टम के लूपहोल्स सामने आए. जब बैंक से करंट अकाउंट खोलने और 50 करोड़ रुपये इसमें ट्रांसफर करने को कहा गया तो शाखा ने इसके बारे में ज्यादा जांच नहीं की. वहीं, इसके बाद कई चेक के जरिये जब इस राशि को दूसरे अकाउंट में भेजा गया तब भी बैंक ने किसी तरह की पड़ताल करने की जरूरत नहीं समझी.
सरकारी जमा को लेकर सावधान नहीं रहती हैं शाखाएं
दरअसल, ज्यादातर बैंक की शाखाएं सरकारी जमा को लेकर बहुत ज्यादा सावधान नहीं रहती हैं. धोखाधड़ी करने वालों ने इसी बात का फायदा उठाया. बैंक की ओर से शाखाओं से कहा गया है कि अब बिचौलियों से दूरी बनाई जाए. साथ ही किसी भी मैसेंजर से भेजे गए डॉक्यूमेंट्स और बातचीत पर बिलकुल भरोसा ना किया जाए. अतनी बड़ी राशि डिपॉजिट के लिए आने पर शाखाएं संबंधित सरकारी विभाग से सीधे संपर्क करें.
ये भी पढ़ें- किसानों का फायदा, अच्छी बारिश से बुआई के लिए ज्यादा तैयारी की जरूरत नहींं