अच्छी खबर: अब डिजिटल पेमेंट में नहीं होगी कोई परेशानी! बैंकों ने मिलकर लिया ये बड़ा फैसला

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डिजिटल ट्रांजेक्शन (Digital Transaction) का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) फैलने के बाद डिजिटल पेमेंट (Online Digital Payment) एक जरूरत बन गई है. इसी के मद्देनजर अब सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) ने बैंकिंग सेक्टर में तेजी से डिजिटल अपनाने के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचों को और बेहतर करने के लिए एक कंपनी की स्थापना पर विचार कर रही है.
- News18Hindi
- Last Updated: February 22, 2021, 11:40 AM IST
नई दिल्ली. डिजिटल ट्रांजेक्शन (Digital Transaction) का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) फैलने के बाद डिजिटल पेमेंट (Online Digital Payment) एक जरूरत बन गई है. अब लोग पूरी तरह डिजिटल पेमेंट पर निर्भर रहने लगे हैं. हालांकि, डिजिटल ट्रांजेक्शन को लेकर आए दिन कुछ न कुछ समस्याएं भी होती रहती है. इसी के मद्देनजर अब सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) ने बैंकिंग सेक्टर में तेजी से डिजिटल अपनाने के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे ढांचों को और बेहतर करने के लिए एक कंपनी की स्थापना पर विचार कर रही है. इसकी जानकारी दो बैंकों ने दी है. लेंडर ने डिजिटल बैंकिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉर्प (Digital Banking Infrastructure Corp. ) की स्थापना और अन्य सुविधाओं के लिए संसाधनों की तलाश शुरू कर दी है.
लेंडर्स कई फिनटेक कंपनियों के साथ साझेदारी करेगी और सॉफ्टवेयर को डेवलप करेगी जिससे डोरस्टेप बैंकिंग और को-लेंडिंग प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके. कंपनी की स्थापना को लेकर पिछले सप्ताह वित्तीय सेवा विभाग (financial services department) के सचिव के साथ एक बैठक में चर्चा भी की गई थी. इस पहल के लिए भारतीय बैंक एसोसिएशन (Indian Banks Association )के तहत एक इंटर कमिटी का भी गठन किया गया है.
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बैंकों को उम्मीद है कि महामारी के कारण बैंकिग सर्विस को लेकर कई तरह की समस्याएं देखी गई थी. बावजूद भारतीयों कंज्यमूर बिहेवियर में बदलाव देखा गया. डिजिटल सर्विस को लेकर लोगों में जागरूकता बनीं. यही वजह है कि अब बैंक ग्राहकों तक डिजिटल ट्रांसजैक्शन की सुविधाओं को आसान करने पर जोर दे रहा है. एक लेंडर के मुताबिक, बैंक डिजिटल लोन देने वाले प्लेटफार्मों को अपना रहा है और हर एक बैंक इसमें निवेश कर रहा है. हालांकि, निवेश का साइज काफी बड़ा होता है जिसे सभी बैंक नहीं कर सकते हैं. यदि यह सामूहिक रूप से एक एंकर बैंक या पीएसबी एलायंस के तहत किया जाता है तो लोन प्रोडक्ट्स की डिलिवरी और अन्य आईटी पहलों के लिए एक प्लेटफाॅर्म बनाया जा सकता है.ये भी पढ़ें - Railtel IPO allotment: कैसे चेक करें अपना एलॉटमेंट स्टेटस? ये है सबसे आसान तरीका
इन चुनौतियों का सामना करने के लिए राज्य द्वारा संचालित बैंक सामूहिक रूप से RFP फ्लाॅट, प्रस्ताव के लिए, डिजिटल बैंकिंग सर्विस के लिए सर्विस प्रोवाइडर और टेक्नोलाॅजी पार्टनर्स को नियुक्त करने की योजना बना रहे हैं. बता दें कि बैंकर्स डिजिटल बैंकिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉर्प के लिए मौजूदा ऑनलाइन लोन देने वाले प्लेटफॉर्म PSBLoansIn59 मिनट को बढ़ाने की संभावना भी देख रहे हैं. बता दें कि 2018 में शुरू किया गया प्लेटफाॅर्म छोटे व्यवसाय लोन, होम लोन और पर्सनल लोन समते अन्य डिजिटलीकरण के उद्देश्य से था, ताकि एक उधारकर्ता को एक घंटे से भी कम समय में अप्रूवल मिल जाए.
लेंडर्स कई फिनटेक कंपनियों के साथ साझेदारी करेगी और सॉफ्टवेयर को डेवलप करेगी जिससे डोरस्टेप बैंकिंग और को-लेंडिंग प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके. कंपनी की स्थापना को लेकर पिछले सप्ताह वित्तीय सेवा विभाग (financial services department) के सचिव के साथ एक बैठक में चर्चा भी की गई थी. इस पहल के लिए भारतीय बैंक एसोसिएशन (Indian Banks Association )के तहत एक इंटर कमिटी का भी गठन किया गया है.
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इन चुनौतियों का सामना करने के लिए राज्य द्वारा संचालित बैंक सामूहिक रूप से RFP फ्लाॅट, प्रस्ताव के लिए, डिजिटल बैंकिंग सर्विस के लिए सर्विस प्रोवाइडर और टेक्नोलाॅजी पार्टनर्स को नियुक्त करने की योजना बना रहे हैं. बता दें कि बैंकर्स डिजिटल बैंकिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉर्प के लिए मौजूदा ऑनलाइन लोन देने वाले प्लेटफॉर्म PSBLoansIn59 मिनट को बढ़ाने की संभावना भी देख रहे हैं. बता दें कि 2018 में शुरू किया गया प्लेटफाॅर्म छोटे व्यवसाय लोन, होम लोन और पर्सनल लोन समते अन्य डिजिटलीकरण के उद्देश्य से था, ताकि एक उधारकर्ता को एक घंटे से भी कम समय में अप्रूवल मिल जाए.