सरकार ने साल 2004 में एनपीएस व्यवस्था लागू की थी.
नई दिल्ली. हिमाचल प्रदेश सहित कई राज्यों में सरकारों के पुरानी पेंशन लागू करने की घोषणा के बाद एक बार फिर नई और पुरानी पेंशन को लेकर जिरह-बहस शुरू हो गई है. कर्मचारी लगातार पुरानी पेंशन के फायदे गिनाकर इसे दोबारा लागू करने की बात करते हैं, जबकि सरकारों का कहना है कि नई पेंशन ज्यादा कारगर है. पुरानी पेंशन को भले ही कर्मचारियों के हित में बताया जा रहा हो, लेकिन क्या आपको पता है कि इसके लागू होने से कर्मचारियों की टेक होम सैलरी पर असर पड़ेगा.
इस बारे में जब हमने निवेश सलाहकार मनोज जैन से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि अंशदान के मामले में नई और पुरानी पेंशन योजना के नियमों में काफी अंतर है. ऐसे में अभी एनपीएस के तहत हो रही कटौती के बाद कर्मचारियों के हाथ में आने वाली सैलरी और पुरानी पेंशन लागू होने के बाद आने वाली सैलरी में काफी अंतर हो जाएगा. राज्य सरकारें कर्मचारियों के स्लैब के हिसाब से पुरानी पेंशन में कटौती करती हैं, जो एनपीएस से ज्यादा भी हो सकती है.
क्या है एनपीएस में कटौती का नियम
एनपीएस (NPS) के तहत पेंशन फंड में कटौती का नियम ये है कि कर्मचारी के बेसिक और डीए से 10 फीसदी राशि काटकर इसमें डाली जाती है. वहीं सरकार की ओर से इस एनपीएस खाते में 14 फीसदी राशि जमा की जाती है. यानी फंड में कुल जमा राशि कर्मचारी के बेसिक और डीए का 24 फीसदी रहती है, लेकिन इसमें कर्मचारी का अंशदान सिर्फ 10 फीसदी, जबकि नियोक्ता का 14 फीसदी रहता है.
हाथ में कितना आएगा पैसा
इसे आंकड़ों से समझें तो मान लीजिए किसी कर्मचारी का बेसिक और डीए मिलाकर वेतन 50 हजार रुपये बनता है. ऐसे में उसके खाते से एनपीएस में 10 फीसदी (5 हजार रुपये) की कटौती होगी और हाथ में 45 हजार रुपये सैलरी आएगी. इस दौरान सरकार की ओर से कर्मचारी के बेसिक और डीए का 14 फीसदी (7,000 रुपये) राशि उसके फंड में जमा की जाएगी.
पुरानी पेंशन में कटौती का क्या नियम
पुरानी पेंशन के तौर पर कर्मचारियों का जीपीएफ खाता खोला जाता है. इसमें उनके सैलरी स्ट्रक्चर यानी स्लैब के हिसाब से वेतन से राशि काटकर डाल दी जाती है. वैसे तो जीपीएफ में न्यूनतम कटौती वेतन के बेसिक और डीए की 6 फीसदी होती है, लेकिन कर्मचारी चाहे तो अपनी मर्जी से कितनी भी राशि डाल सकता है. यह उसके वेतन का 100 फीसदी हिस्सा भी हो सकता है. इस पूरी राशि पर तय ब्याज मिलेगा और रिटायरमेंट पर कर्मचारियों को एकमुश्त दे दिया जाएगा.
अब कितनी रहेगी टेक होम सैलरी
पुरानी पेंशन यानी जीपीएफ के लिहाज से देखें तो अगर किसी कर्मचारी का स्लैब 50 हजार रुपये है तो उसके वेतन से न्यूनतम कटौती 6 फीसदी (3,000 रुपये) की जाएगी. ऐसे में उसकी टेक होम सैलरी 47 हजार रुपये होगी जो एनपीएस के मौजूदा नियम से ज्यादा होगी. हालांकि, कर्मचारी चाहे तो कटौती की राशि बढ़ा सकता है और उसे रिटायरमेंट ज्यादा रकम भी मिली जाएगी. राजस्थान सरकार ने हाल में पुरानी पेंशन योजना को लागू किया है और वहां के कर्मचारियों के वेतन से स्लैब के तहत जीपीएफ में पैसे काटे जा रहे हैं. ऐसे में उनके हाथ में आने वाली टेक होम सैलरी बढ़ गई है.
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