नई दिल्ली. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई (NSE) की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. दरअसल, दिल्ली में सीबीआई की एक स्पेशल कोर्ट ने एनएसई ‘कोलोकेशन’ मामले (NSE co-location Case) में चित्रा रामकृष्ण को अग्रिम जमानत देने से शनिवार को इनकार कर दिया.
हाल ही में इस मामले में सीबीआई ने रामकृष्ण से पूछताछ की थी. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पहले मुंबई और चेन्नई में चित्रा रामकृष्ण से जुड़े विभिन्न परिसरों पर छापा मारा था. रामकृष्ण मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) की जांच के घेरे में भी हैं.
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सीबीआई हिरासत में हैं आनंद सुब्रमण्यम
हाल ही में सीबीआई की अदालत ने एनएसई के समूह परिचालन अधिकारी और पूर्व एमडी रामकृष्ण के सलाहकार आनंद सुब्रमण्यम को सीबीआई हिरासत में भेजा था. उन्हें सीबीआई ने एनएसई मामले में चेन्नई से गिरफ्तार किया था. सीबीआई ने एनएसई के एक ब्रोकर द्वारा ‘कोलोकेशन’ सुविधा के कथित दुरुपयोग की पहले से चल रही जांच के सिलसिले में एनएसई के पूर्व सीईओ रवि नारायण से भी पूछताछ की है.
पेशे से एक सीए हैं चित्रा रामकृष्ण
गौरतलब है कि चित्रा पेशे से एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1985 में आईडीबीआई बैंक से की थी. उन्होंने कुछ समय के लिए सेबी में भी काम किया था. साल 1991 में एनएसई की स्थापना से ही वह मुख्य भूमिका में थीं.
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साल 2013 में बनी थीं एनएसई चीफ
बता दें कि एनएसई के पहले सीईओ आरएच पाटिल की अगुआई में चित्रा उन 5 लोगों में शामिल थीं जिन्हें ‘हर्षद मेहता घोटाला’ के बाद एक पारदर्शी स्टॉक एक्सचेंज बनाने के लिए चुना गया था. साल 2013 में रवि नारायण का कार्यकाल समाप्त होने के बाद चित्रा को 5 साल के लिए एनएसई का चीफ बनाया गया था.
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