मुंबई . नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के मामले में सेबी के आदेश के परीक्षण की सरकार की तरफ से मंशा जताए जाने के कुछ दिनों बाद सेबी के निवर्तमान प्रमुख अजय त्यागी ने कई अहम बातें कही हैं. त्यागी ने बुधवार को कहा कि नियामक ने अपने किसी भी अर्द्ध-न्यायिक निर्णय को ‘हल्का’ नहीं किया.
उनका यह बयान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के उस वक्तव्य के संदर्भ में खासी अहमियत रखता है जिसमें कहा गया था कि सरकार एनएसई के मामले में सेबी की तरफ से उठाए गए कदम का परीक्षण कर रही है. यह देख रही है कि जरूरी दंडात्मक कदम उठाए गए या नहीं. सीतारमण ने कुछ दिनों पहले कहा था कि सरकार एनएसई मामले में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के कदम का परीक्षण कर रही है कि उसने सही दिमाग लगाकर उचित कदम उठाए हैं या नहीं.
यह भी पढ़ें- Income Tax बचाने के लिए इस साल आप ये कुछ सरल और आसान उपाय अपना सकते हैं, जानिए डिटेल?
पांच साल तक सेबी के प्रमुख रहने वाले त्यागी ने इस बयान के संदर्भ में कहा कि सेबी ने इस मामले में अपनी समझ और प्रभाव-क्षेत्र के हिसाब से काम किया है. उन्होंने कहा कि कई अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियां भी इस मामले की जांच कर रही हैं.
सेबी अन्य एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहा है
त्यागी ने कहा, ‘‘अब तक जो तथ्य और निष्कर्ष सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं वे सेबी की खोजबीन पर आधारित हैं, जिनका उसने अपने आदेश में खुलासा किया था. हमें अन्य एजेंसियों की जांच का भी इंतजार करना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि सेबी अन्य एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहा है और उनके द्वारा मांगी गई जानकारी भी उपलब्ध करवा रहा है.
माधवी पुरी बुच को सेबी की कमान
त्यागी ने माधवी पुरी बुच को सेबी की कमान सौंपने के बाद संवाददाताओं से कहा कि एनएसई से जुड़ा विवाद 2010-15 के बीच का है और सेबी ने इसके ‘को-लोकेशन’ मामले में अपना पहला आदेश अप्रैल 2019 में ही दे दिया था. एनएसई की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्णा को देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज के संचालन में एक रहस्यमय योगी के साथ गोपनीय सूचनाएं साझा करने के मामले में भी सेबी ने दोषी ठहराया है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: BSE Sensex, Finance minister Nirmala Sitharaman, NSE, Scam, SEBI