नई दिल्ली. देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange) एनएसई (NSE) की पूर्व एमडी और सीईओ (MD & CEO) चित्रा रामकृष्ण के फर्जीवाड़े का जबसे खुलासा हुआ है, सभी की निगाह मामले में शामिल मिस्टीरियस योगी पर टिकी है.
बाजार नियामक सेबी (SEBI) भी अभी तक इस ‘सिद्धपुरुष’ का कोई पता नहीं लगा सकी है, जिसे चित्रा गोपनीय जानकारियां भेजतीं थी. सेबी के हाथ एक ईमेल आईडी rigyajursama@outlook.com लगी थी, जिस पर चित्रा की ओर से सीक्रेट भेजे जाते थे. अभी तक हुई जांच के आधार पर कई लोगों की तरफ मिस्टीरियस योगी होने का इशारा मिलता है.
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आनंद सुब्रमण्यम पर सबसे ज्यादा निगाह
चित्रा रामकृष्ण के सलाहकार और NSE के पूर्व सीओओ आनंद सुब्रमण्यम बिना योग्यता कई अधिकार रखते थे. आनंद को भारी-भरकम सैलरी के साथ कई सुविधाएं मुहैया कराने के लिए सीधे हिमालय वाले बाबा की तरफ से निर्देश दिए जाते थे. कई ईमेल में तो आनंद को भी सीसी रखा जाता था. दोनों को ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि भी थी. लिहाजा इसकी संभावना बढ़ जाती है कि आनंद ही बाबा के रूप में चित्रा को निर्देश देते थे.
क्या मंत्रालय का कोई अधिकारी था
सूत्रों का कहना है कि इस कथित योगी का न तो हिमालय से कोई संबंध है और न ही यह कोई बाबा है. ऐसी संभावना है कि ये वित्त मंत्रालय का कोई ब्यूरोक्रेट था, जिसका चित्रा रामकृष्ण का करियर चमकाने में बड़ा हाथ है. सेबी ने भी योगी के ईमेल पर हुई बातचीत से पता लगाया है कि इस व्यक्ति को NSE पर कामकाज के तरीके और अधिकारियों की हेरारकी को लेकर पूरी जानकारी थी. आनंद बाहर का आदमी था और उसे NSE की इतनी डिटेल नहीं पता थी. ऐसे में ये संभावना ज्यादा दिखती है कि कथित बाबा मंत्रालय से जुड़ा कोई आदमी था.
सीबीआई ही खोल सकती है पोल
मामले से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि अगर इसकी छानबीन की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी जाती है, तो ही कुछ खुलने की संभावना है. वरना अभी तक सेबी ने NSE को ही आरोपी बनाकर उस पर जुर्माना लगा दिया है. इस कदम से कथित योगी के नाम का खुलासा होना और उस तक जांच की आंच पहुंचना बहुत मुश्किल लग रहा है.
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