OTP चुराने का नया तरीका! आपके बैंक खातों में ऐसे लगाई जा रही सेंध

सांकेतिक तस्वीर
हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिनमें अपराधियों ने बैंक कस्टमर्स से चालाकी से ओटीपी मांग लिया या उनके स्मार्टफोन हैक करके ओटीपी चुरा लिए.
- News18Hindi
- Last Updated: October 18, 2018, 1:40 PM IST
ऑनलाइन फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. अभी ऑनलाइन शॉपिंग करते समय दो चरणों में अथॉन्टिकेशन होता है. OTP यानी वन टाइम पासवर्ड सिस्टम को सबसे सेफ तरीका माना जाता है, लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं. हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिनमें अपराधियों ने बैंक कस्टमर्स से चालाकी से ओटीपी मांग लिया या उनके स्मार्टफोन हैक करके ओटीपी चुरा लिए.
अब तो चोरों ने ओटीपी हासिल करने का नया तरीका ढूंढ लिया है. वे बैंक जाकर खुद को असली अकाउंट होल्डर बताकर रजिस्टर्ड फोन नंबर ही बदलवा रहे हैं. एक बार नंबर बदल जाने के बाद ओटीपी उनके मोबाइल पर आने लगता है और फिर सेकंडों में अकाउंट खाली.
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दिल्ली के जनकपुरी इलाके में ऐसा ही वाकया सामने आया है. 'टाइम्स ऑफ इंडिया' की खबर के मुताबिक, वहां अपराधियों ने इसी तरीके से 11.50 लाख रुपये का चूना लगा दिया. पुलिस के अनुसार, '31 अगस्त को दो लोग बैंक आए और उनमें एक ने खुद को किसी दूसरे के बैंक अकाउंट को अपना बता दिया. उसने उस खाते से जुड़े मोबाइल नंबर को बदलने का आग्रह किया और इसके लिए जरूरी फॉर्म भर दिया.'जैसे ही उसका दिया मोबाइल नंबर रजिस्टर हुआ, उसने अपने मोबाइल पर आए ओटीपी के जरिए उस खाते से पैसे निकाल लिए. उसने 11.50 लाख रुपये में कुछ रकम द्वारका के एक बैंक में छह अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी और कुछ पैसे एटीएम और चेक से निकाल ली. उसके बाद ओटीपी पाने के लिए जिस नए नंबर का इस्तेमाल किया गया, उसे स्विच ऑफ कर दिया गया.
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पुलिस ने बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरों की छानबीन की और उन बैंककर्मियों से फर्जीवाड़े के शिकार बैंक खातों की जानकारी ली. एक अपराधी की तलाश झारखंड में हुई. वहीं, बैंककर्मियों की भूमिका की भी जांच हो रही है.
ओटीपी फ्रॉड के लिए बैंकों में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बदलवाने का चलन बढ़ रहा है. धोखाधड़ी का दूसरा तरीका यह अपना रहे हैं कि वे मोबाइल ऑपरेटर के पास फर्जी आईडी प्रूफ जमा करके ड्युप्लिकेट सिम ले लेते हैं. मोबाइल ऑपरेटर नया सिम जारी करते ही पुराने सिम को डीऐक्टिवट कर देता है. इस तरह, अपराधी फिर से ड्युप्लिकेट सिम पर ओटीपी मंगाकर अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं.
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अब तो चोरों ने ओटीपी हासिल करने का नया तरीका ढूंढ लिया है. वे बैंक जाकर खुद को असली अकाउंट होल्डर बताकर रजिस्टर्ड फोन नंबर ही बदलवा रहे हैं. एक बार नंबर बदल जाने के बाद ओटीपी उनके मोबाइल पर आने लगता है और फिर सेकंडों में अकाउंट खाली.
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दिल्ली के जनकपुरी इलाके में ऐसा ही वाकया सामने आया है. 'टाइम्स ऑफ इंडिया' की खबर के मुताबिक, वहां अपराधियों ने इसी तरीके से 11.50 लाख रुपये का चूना लगा दिया. पुलिस के अनुसार, '31 अगस्त को दो लोग बैंक आए और उनमें एक ने खुद को किसी दूसरे के बैंक अकाउंट को अपना बता दिया. उसने उस खाते से जुड़े मोबाइल नंबर को बदलने का आग्रह किया और इसके लिए जरूरी फॉर्म भर दिया.'जैसे ही उसका दिया मोबाइल नंबर रजिस्टर हुआ, उसने अपने मोबाइल पर आए ओटीपी के जरिए उस खाते से पैसे निकाल लिए. उसने 11.50 लाख रुपये में कुछ रकम द्वारका के एक बैंक में छह अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी और कुछ पैसे एटीएम और चेक से निकाल ली. उसके बाद ओटीपी पाने के लिए जिस नए नंबर का इस्तेमाल किया गया, उसे स्विच ऑफ कर दिया गया.
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पुलिस ने बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरों की छानबीन की और उन बैंककर्मियों से फर्जीवाड़े के शिकार बैंक खातों की जानकारी ली. एक अपराधी की तलाश झारखंड में हुई. वहीं, बैंककर्मियों की भूमिका की भी जांच हो रही है.
ओटीपी फ्रॉड के लिए बैंकों में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बदलवाने का चलन बढ़ रहा है. धोखाधड़ी का दूसरा तरीका यह अपना रहे हैं कि वे मोबाइल ऑपरेटर के पास फर्जी आईडी प्रूफ जमा करके ड्युप्लिकेट सिम ले लेते हैं. मोबाइल ऑपरेटर नया सिम जारी करते ही पुराने सिम को डीऐक्टिवट कर देता है. इस तरह, अपराधी फिर से ड्युप्लिकेट सिम पर ओटीपी मंगाकर अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं.
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