ज्यादातर बैंकों की पर्सनल लोन पर सालाना ब्याज दर 10.25 फीसदी से शुरू होती है. (फोटो: न्यूज18)
नई दिल्ली. जब भी हमें एकसाथ ज्यादा पैसों की जरूरत पड़ती है तो सबसे पहले दिमाग में पर्सनल लोन (Personal Loan) का ऑप्शन आता है. हालांकि, कई बार आपको इसके लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है. बैंक की ओर से आपको पर्सनल लोन एक निश्चित ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है. लेकिन ब्याज दर के अलावा भी कई ऐसे चार्जेज होते हैं जो आपको पर्सनल लोन लेते समय देने पड़ते हैं.
मौजूदा समय में ज्यादातर बैंकों की पर्सनल लोन पर सालाना ब्याज दर 10.25 फीसदी से शुरू होती है. आपको इसके अलावा प्रोसेसिंग फीस, जीएसटी जैसे कई चार्जेज देने होते हैं. अगर आप पर्सनल लोन लेने का सोच रहे हैं तो आइए पहले जानते हैं कि वे कौनसे चार्जेज हैं जो आपको देने होंगे.
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लोन की प्रोसेसिंग फीस
ज्यादातर बैंकों में पर्सनल लोन पर आपसे ब्याज दर के अलावा प्रोसेसिंग फीस और रिपेमेंट चार्ज भी लिया जाता है. प्रोसेसिंग फीस नॉन रिफंडेबल होती है. यानी अगर आपका लोन कैंसिल भी हो जाता है तो आपको इसका रिफंड नहीं मिलेगा. यह प्रोसेसिंग फीस लोन अमाउंट और 18 फीसदी जीएसटी के साथ 0.5 से लेकर 3 फीसदी तक हो सकता है. वहीं आप लॉक इन पीरियड से पहले लोन अमाउंट रिपेमेंट करते हैं तो आपको आउटस्टैंडिंग बैलेंस के साथ 18 फीसदी जीएसटी का 5 फीसदी तक प्री-पेमेंट चार्ज भी लिया जा सकता है.
जीएसटी चार्जेज
पर्सनल लोन की सर्विसेज पर आपसे 18 फीसदी जीएसटी वसूला जाता है. बता दें कि पर्सनल लोन की ब्याज पर आपको जीएसटी नहीं देनी होती है. बल्कि यह जीएसटी आपको प्रोसेसिंग फीस, प्रीपेमेंट और पार्ट-पेमेंट चार्जेज, रीपेमेंट मोड स्वैप चार्जेज, कैंसिलेशन चार्जेज, मिस्ड रिपेमेंट चार्जेज, डुप्लीकेट स्टेटमेंट इश्यू करने के लिए चार्जेज जैसी सर्विस पर देनी होती है.
लोन कैंसिलेशिन चार्ज
जब आप पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करते हैं और वह अप्रूव हो जाता है या डिस्बर्सल हो जाता है. लेकिन आप उसे बाद में कैंसिल कर देते हैं तो इसके लिए भी आपसे चार्ज लिया जाता है. इसके लिए कई बैंक 3 हजार रुपये के साथ 18 फीसदी जीएसटी का चार्ज लगाते हैं. वहीं कुछ बैंक कैंसिलेशन के दौरान लगे ब्याज को ही चार्ज करते हैं. साथ ही, लोन के लिए आपकी ओर से दी गई प्रोसेसिंग फीस भी रिफंड नहीं करते हैं.
रीपेमेंट मोड स्वैपिंग चार्ज
पर्सनल लोन लेने के बाद अगर आप उसकी री-पेमेंट को स्वैपिंग कराते हैं तो बैंक इसके लिए आपसे चार्ज वसूल करते हैं. आप जब भी लोन री-पेमेंट की स्वैपिंग कराते हैं तो हर बार आपसे 500 रुपये के साथ 18 फीसदी जीएसटी रीपेमेंट मोड स्वैपिंग चार्ज के तौर पर लिया जाता है.
डुप्लीकेट डॉक्यूमेंटेशन चार्ज
कई बार आपको पर्सनल लोन से जुड़े डुप्लीकेट डॉक्युमेंट्स की जरूरत पड़ जाती है. बैंक से लिए गए लोन से जुड़े हुए डॉक्यूमेंट्स जैसे लोन के स्टेटमेंट्स, NOCs, क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों को रि-इश्यू करने आदि के लिए आपको 50 रुपये से लेकर 500 रुपये तक के चार्जेज देने पड़ते हैं. इसके साथ भी आपको जीएसटी अलग से देना होता है.
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