तेजी से सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल! अमेरिकी प्रतिबंधों में ढील मिलते ही ईरान से कच्चा तेल खरीदना शुरू करेगा भारत

ईरान से कच्चे तेल का आयात शुरू होते ही भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम घटने शुरू हो जाएंगे.
भारतीय रिफाइनरी कंपनियों ने ईरान (Iran) से क्रूड ऑयल आयात (Crude Import) करने की तैयारी शुरू कर दी है. वे अमेरिकी प्रतिबंध हटते ही ईरान के साथ अनुबंध कर सकती हैं. ईरान से तेल आते ही भारतीय बाजार में पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol-Diesel Prices) नरम होने लगेंगे.
- News18Hindi
- Last Updated: April 8, 2021, 9:08 PM IST
नई दिल्ली. अमेरिकी सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों (US Restrictions) के बाद 2019 के मध्य से भारत ने ईरान से कच्चे तेल का आयात (Crude Oil Import) रोक दिया था. वहीं, अब भारत क्रूड ऑयल के लिए सऊदी अरब (Saudi Arabia) के अलावा कई विकल्पों पर विचार कर रहा है. इसी कड़ी में भारत अमेरिकी पाबंदियों में ढील मिलते ही ईरान (Iran) से कच्चा तेल खरीदना शुरू कर देगा. इससे भारत को क्रूड ऑयल के अपने आयात को डायवर्सिफाई करने में मदद मिलेगी. बता दें कि 'ईरान परमाणु समझौते' को दोबारा पटरी पर लाने के लिए अमेरिका और दुनिया के अन्य देशों की वियना में बैठक चल रही है.
भारतीय रिफाइनरी कंपनियों ने शुरू की आयात की तैयारी
भारत सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि एक बार अमेरिकी प्रतिबंध हट जाते हैं तो हम ईरान से तेल आयात पर विचार कर सकते हैं. भारतीय रिफाइनरी कंपनियों ने इसको लेकर तैयारी भी शुरू कर दी है. वे प्रतिबंध हटते ही ईरान के साथ अनुबंध कर सकती हैं. ईरान से तेल आते ही न केवल भारतीय बाजार में पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol-Diesel Prices) नरम होंगे बल्कि इससे भारत को आयात स्रोत को विविध रूप देने में भी मदद मिलेगी. वित्त वर्ष 2020-21 में इराक (Iraq) भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता रहा है. इसके बाद सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का स्थान रहा. नाइजीरिया चौथे और अमेरिका का स्थान पांचवां था.
ये भी पढ़ें- Gold Price Today: सोने की कीमतों में तेजी का सिलसिला जारी, चांदी 700 रुपये से ज्यादा उछली, देखें नए भावईरान से कच्चा तेल आयात करने पर कम लगती है ढुलाई
अधिकारी ने कहा कि हम ओपेक देशों से सीमा हटाकर उत्पादन बढ़ाने की मांग करते रहे हैं. तेल के दाम में वृद्धि भारत समेत दुनिया के आर्थिक पुनरुद्धार के लिए खतरा है. बता दें कि भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी से अधिक आयात करता है. भारत एक समय ईरान का दूसरा सबसे बड़ा ग्राहक था. ईरान के कच्चे तेल से कई फायदे हैं. इसमें यात्रा मार्ग छोटा होने से माल ढुलाई लागत में कमी होती है और भुगतान के लिये लंबा समय मिलता है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 2018 में ईरान पर पाबंदी लगाए जाने के बाद वहां से निर्यात घटता चला गया. पाबंदी से भारत समेत कुछ देशों को छूट दी गई थी, जो 2019 में खत्म हो गई.
भारतीय रिफाइनरी कंपनियों ने शुरू की आयात की तैयारी
भारत सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि एक बार अमेरिकी प्रतिबंध हट जाते हैं तो हम ईरान से तेल आयात पर विचार कर सकते हैं. भारतीय रिफाइनरी कंपनियों ने इसको लेकर तैयारी भी शुरू कर दी है. वे प्रतिबंध हटते ही ईरान के साथ अनुबंध कर सकती हैं. ईरान से तेल आते ही न केवल भारतीय बाजार में पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol-Diesel Prices) नरम होंगे बल्कि इससे भारत को आयात स्रोत को विविध रूप देने में भी मदद मिलेगी. वित्त वर्ष 2020-21 में इराक (Iraq) भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता रहा है. इसके बाद सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का स्थान रहा. नाइजीरिया चौथे और अमेरिका का स्थान पांचवां था.
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