ऑटो से लेकर हवाई यात्रा तक हो सकती है बेहद सस्ती! पेट्रोलियम मंत्री ने सरकार से की ये खास गुजारिश

सस्ता हो सकता है हवाई यात्रा
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) से ATF और प्राकृतिक गैस को GST के दायरे में लाने की अपील की है.
- News18Hindi
- Last Updated: October 14, 2019, 7:21 PM IST
नई दिल्ली. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) से विमान ईंधन (ATF) और प्राकृतिक गैस (Natural Gas) को वस्तु एवं सेवा कर (GST) के दायरे में लाने की अपील की है. क्षेत्र को विभिन्न प्रकार के टैक्स से राहत देने और व्यापार माहौल में सुधार के इरादे से उन्होंने यह बात कही.
जीएसटी लागू करने के बाद पेट्रोलियम पदार्थों को इसके दायरे से बाहर रखा था
एक जुलाई 2017 में GST पेश किये जाने के बाद एक दर्जन से अधिक केंद्रीय एवं राज्य करों को इसमें समाहित किया गया लेकिन पांच चीजों को, जिसमें कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) को इसके दायरे से बाहर रखा गया. इसके लिये राज्य सरकारों की राजस्व के लिये इन वस्तुओं पर निर्भरता का हवाला दिया गया.
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जीएसटी लागू करने के बाद पेट्रोलियम पदार्थों को इसके दायरे से बाहर रखा था
एक जुलाई 2017 में GST पेश किये जाने के बाद एक दर्जन से अधिक केंद्रीय एवं राज्य करों को इसमें समाहित किया गया लेकिन पांच चीजों को, जिसमें कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन (एटीएफ) को इसके दायरे से बाहर रखा गया. इसके लिये राज्य सरकारों की राजस्व के लिये इन वस्तुओं पर निर्भरता का हवाला दिया गया.
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जीएसटी काउंसिल के सामने पूरा मामला रखने की अपील
सेरा वीक के इंडिया एनर्जी फोरम में उन्होंने कहा, 'जीएसटी लागू हुए दो साल से अधिक समय बीत चुका है. इस दौरान पेट्रोलियम उद्योग से सभी पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की लगातार मांग हो रही है.' उन्होंने कहा, 'मैं वित्त मंत्री से इस मामले को जीएसटी परिषद (GST Council) के समक्ष उठाने की अपील करता हूं और कम-से-कम प्राकृतिक गैस और एटीएफ को इसके दायरे में लाकर शुरूआत करने का आग्रह करता हूं.'
सेरा वीक के इंडिया एनर्जी फोरम में उन्होंने कहा, 'जीएसटी लागू हुए दो साल से अधिक समय बीत चुका है. इस दौरान पेट्रोलियम उद्योग से सभी पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की लगातार मांग हो रही है.' उन्होंने कहा, 'मैं वित्त मंत्री से इस मामले को जीएसटी परिषद (GST Council) के समक्ष उठाने की अपील करता हूं और कम-से-कम प्राकृतिक गैस और एटीएफ को इसके दायरे में लाकर शुरूआत करने का आग्रह करता हूं.'
राज्य सरकारों की वजह से अब तक नहीं लगा था जीएसटी
सम्मेलन में सीतारमण को भी शामिल होना था लेकिन प्रधान के संबोधन के समय वह नहीं पहुंच पायी. प्रधान ने कहा, 'पेट्रोलियम क्षेत्र की जटिलता और राजस्व के नजरिये से राज्य सरकारों की इस क्षेत्र पर निर्भरता को देखते हुए पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी व्यवस्था के दायरे से बाहर रखा गया है.'
सम्मेलन में सीतारमण को भी शामिल होना था लेकिन प्रधान के संबोधन के समय वह नहीं पहुंच पायी. प्रधान ने कहा, 'पेट्रोलियम क्षेत्र की जटिलता और राजस्व के नजरिये से राज्य सरकारों की इस क्षेत्र पर निर्भरता को देखते हुए पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी व्यवस्था के दायरे से बाहर रखा गया है.'
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कंपनियों को मिलेगी राहत
एटीएफ और प्राकृतिक गैस को जीएसटी के दायरे में लाने से कंपनियों को कच्चे माल पर दिये जाने वाले कर से राहत मिलेगी बल्कि ईंधन पर कराधान के मामले में एकरूपता आएगी. बाद में संवाददाताओं से बातचीत में पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद इस मामले में उपयुक्त समय पर निर्णय करेगी. परिषद निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है.
एटीएफ और प्राकृतिक गैस को जीएसटी के दायरे में लाने से कंपनियों को कच्चे माल पर दिये जाने वाले कर से राहत मिलेगी बल्कि ईंधन पर कराधान के मामले में एकरूपता आएगी. बाद में संवाददाताओं से बातचीत में पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद इस मामले में उपयुक्त समय पर निर्णय करेगी. परिषद निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है.