टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए जल्द आएगी PLI स्कीम, रोजगार से लेकर निर्यात बढ़ाने में मिलेगी मदद

इस स्कीम की मदद से रोजगार के साथ निर्यात बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.
जल्द ही टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए PLI Scheme का ऐलान होगा. टेक्सटाइल मंत्रालय (Textile Ministry) ने इसकी गाइडलाइन तैयार कर ली है. इसके तहत अगले 5 साल में 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए जाएंगे.
- News18Hindi
- Last Updated: November 26, 2020, 2:59 PM IST
नई दिल्ली. केंद्र सरकार बहुत जल्द टेक्सटाइल इंडस्ट्री (Textile) के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव्स (PLI) स्कीम का ऐलान जल्द करने वाली है. इस स्कीम के तहत टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए अगले पांच साल में 10,683 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. मैन मेड फाइबर (MMF - Man made Fibre) और टेक्निकल टेक्सटाइल (Technical Textile) को प्राथमिकता दी जाएगी. टेक्सटाइल मंत्रालय ने पीएलआई स्कीम के लिए गाइडलाइन तैयार कर ली है. इसकी अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट नोट भी जारी हो चुका है. बता दें कि केंद्र सरकार एक ब्रॉड पॉलिसी के तहत कई सेक्टर के लिए पीएलआई स्कीम ला रही है.
इसी महीने ही सरकार ने टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए पीएलआई स्कीम का ऐलान किया था. इंडस्ट्री ने सरकार के इस कदम का स्वागत भी किया है. सरकार का मानना है कि टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज में रोजगार के अवसर पैदा करने से लेकर निर्यात बढ़ाने की भरपूर संभावना है.
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वर्तमान में भारत के पास मौका है कि कॉटन टेक्सटाइल्स के एक प्रमुख निर्यातक के तौर पर उभर सके. हालांकि, MMF टेक्सटाइल के मामले में भारत पीछे है. दरअसल, भारत में एमएमएफ टेक्सटाइल्स के लिए कच्चा माल महंगा है और टैरिफ बैरियर भी उंचा है. इसके उलट पड़ोसी देशों से इसका सस्ता आयात होता है.
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अब उम्मीद की जा रही है इस स्कीम के बाद देश के टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज में बड़े स्तर पर निवेश को आकर्षित किया जा सकेगा. वैश्विक व्यापार में एमएमएफ गार्मेंट्स में 40 एचएस लाइन्स और टेक्निकल टेक्सटाइल्स में 10 एचएस का कारोबार करीब 180 अरब डॉलर का है. ऐसे में उम्मीद है कि पीएलआई स्कीम के बाद इनके मैन्युफैक्चरिंग में निवेश बढ़ेगा.
इसी महीने ही सरकार ने टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए पीएलआई स्कीम का ऐलान किया था. इंडस्ट्री ने सरकार के इस कदम का स्वागत भी किया है. सरकार का मानना है कि टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज में रोजगार के अवसर पैदा करने से लेकर निर्यात बढ़ाने की भरपूर संभावना है.
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— CNBC-AWAAZ (@CNBC_Awaaz) November 26, 2020
वर्तमान में भारत के पास मौका है कि कॉटन टेक्सटाइल्स के एक प्रमुख निर्यातक के तौर पर उभर सके. हालांकि, MMF टेक्सटाइल के मामले में भारत पीछे है. दरअसल, भारत में एमएमएफ टेक्सटाइल्स के लिए कच्चा माल महंगा है और टैरिफ बैरियर भी उंचा है. इसके उलट पड़ोसी देशों से इसका सस्ता आयात होता है.
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अब उम्मीद की जा रही है इस स्कीम के बाद देश के टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज में बड़े स्तर पर निवेश को आकर्षित किया जा सकेगा. वैश्विक व्यापार में एमएमएफ गार्मेंट्स में 40 एचएस लाइन्स और टेक्निकल टेक्सटाइल्स में 10 एचएस का कारोबार करीब 180 अरब डॉलर का है. ऐसे में उम्मीद है कि पीएलआई स्कीम के बाद इनके मैन्युफैक्चरिंग में निवेश बढ़ेगा.