mp के इस राजनीतिक हवाला कांड के तार भोपाल से लेकर दिल्ली और गोवा तक जुड़ते दिखे.
नई दिल्ली. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत 27 राज्यों को कैपिटल एक्सपेंडीचर (Capital Expenditure) के लिए 9880 करोड़ रुपये की विशेष सहायता राशि मंजूर की है. यह सहायता 8 दिसंबर तक मंजूर की गई है. मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी. बयान में कहा गया कि इसके तहत अब तक 4940 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है. आत्मनिर्भर भारत के तहत जारी राशि का तमिलनाडु को छोड़कर बाकी सभी राज्यों ने उठाया है. यह राशि हेल्थ से लेकर एजुकेशन सेक्टर तक के प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई है.
किस राज्य को मिली कितनी राशि
उत्तर प्रदेश को सबसे अधिक 750 करोड़ रुपये मिले.
बिहार को 421 करोड़ रुपये
मध्य प्रदेश को 330 करोड़ रुपये अभी तक आवंटित किए जा चुके हैं.
मंत्रालय ने कहा कि इस योजना का मकसद उन राज्य सरकारों को पूंजीगत खर्च के लिए प्रोत्साहित करना है जो कोविड-19 महामारी के कारण टैक्स रेवेन्यू में कमी का सामना कर रहे हैं. इस योजना के तहत राज्यों को 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर लोन का आवंटन किया गया है. आयोग ने पिछले साल नवंबर में अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपी थी. 3 दिसंबर तक राज्यों को अनुदान के रूप में 1.18 लाख करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं.
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रोजगार के लिए अठाए अहम कदम
पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए. कैबिनेट की बैठक में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को भी मंजूरी दी गई है. कैबिनेट के फैसलों के बारे में मीडिया को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने यह जानकारी दी कि इस योजना के अंतर्गत मौजूदा वित्त वर्ष में 1,584 करोड़ रुपये खर्च होंगे. वहीं, पूरी योजना में साल 2020 से 2023 की अवधि के दौरान कुल 22,810 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस योजना से 58.5 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा.
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