नई दिल्ली . सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने अपने चेक भुगतान को लेकर एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है. बैंक के मुताबिक चार अप्रैल से 10 लाख रुपये या उससे अधिक मूल्य के चेक का निपटान उसे जारी करने वाले से दोबारा उसकी पुष्टि करने के बाद ही करेगा.
पीएनबी ने मंगलवार को कहा कि बड़ी राशि के चेक के मामले में धोखाधड़ी की आशंका से बैंक ग्राहकों को बचाने के लिये यह कदम उठाया गया है. इसके तहत सकारात्मक भुगतान प्रणाली (पीपीएस) चार अप्रैल, 2022 से अनिवार्य होगी. बैंक ने रिजर्व बैंक के दिशानिर्देश के अनुरुप 50,000 रुपये और उससे ऊपर के सीटीएस (चेक ट्रंकेशन सिस्टम) समाशोधन की व्यवस्था एक जनवरी, 2021 से लागू की थी. सीटीएस इलेक्ट्रॉनिक रूप से चेक के समाशोधन की व्यवस्था है.
अनिवार्य बनाने पर विचार
आरबीआई ने कहा है कि हालांकि सुविधा का लाभ उठाना खाताधारक पर निर्भर है, लेकिन बैंक पांच लाख रुपये और उससे अधिक के चेक के समाशोधन के लिये इसे अनिवार्य बनाने पर विचार कर सकते हैं. पीएनबी ने कहा कि अगले महीने से 10 लाख रुपये और उससे अधिक के चेक के समाशोधन के लिये सकारात्मक भुगतान प्रणाली अनिवार्य कर दी जाएगी.
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जरूरी जानकारी की दोबारा से पुष्टि
सकारात्मक भुगतान प्रणाली को भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने तैयार किया है. इस व्यवस्था के तहत उच्च मूल्य के चेक जारी करने वाले ग्राहकों को कुछ जरूरी जानकारी की दोबारा से पुष्टि करनी होती है. उस ब्योरो का भुगतान के लिये चेक के निपटान से पहले मिलान किया जाता है.
ग्राहकों को पीपीएस के तहत उच्च मूल्य के चेक के निपटान को लेकर खाता संख्या, चेक नंबर, चेक अल्फा कोड, जारी करने की तारीख, राशि, लाभार्थी का नाम जैसे विवरण साझा करने होंगे. बैंक के अनुसार, ‘‘जो चेक पीपीएस के तहत पंजीकृत होंगे, उन्हें ही विवाद समाधान व्यवस्था के तहत स्वीकार किया जाएगा.’’
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