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PPF vs ELSS: किस स्‍कीम में जल्‍दी बढ़ेगा पैसा और मिलेगी ज्‍यादा टैक्‍स छूट? डिटेल में जानिए दोनों के नफा-नुकसान

दोनों ही योजनाओं में अच्‍छा रिटर्न मिलता है और सेक्‍शन 80 सी के तहत टैक्‍स छूट भी मिलती है.

दोनों ही योजनाओं में अच्‍छा रिटर्न मिलता है और सेक्‍शन 80 सी के तहत टैक्‍स छूट भी मिलती है.

PPF vs ELSS- पहली नजर में पीपीएफ और ईएलएसएस एक समान ही नजर आती हैं. लेकिन, इन दोनों योजनाओं की अपनी-अपनी कुछ खासियतें ह ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

पब्लिक प्रोविडेंट में लगाया पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहता है.
ELSS में जोखिम और रिटर्न, दोनों ही ज्‍यादा है.
पीपीएफ में किए निवेश पर तीन तरह से टैक्‍स छूट मिलती है.

नई दिल्‍ली. अगर आप नौकरीपेशा व्यक्ति हैं और आपका वेतन टैक्स स्लैब के अंदर आती हैं तो टैक्स सेविंग स्कीम (Tax Saving Scheme) में निवेश करके आप टैक्स देने से बच सकते हैं. नेशनल पेंशन स्‍कीम, छोटी बचत योजनाएं, टैक्स सेविंग एफडी (Tax Saving FD), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्‍कीम (ELSS) आदि टैक्स सेविंग स्कीम्स हैं. पीपीएफ और ईएलएसएस में निवेश अब लगातार बढ़ रहा है.

पीपीएफ और ईएलएसएस का फायदा यह है कि इनमें शानदार रिटर्न तो मिलता ही है, साथ ही टैक्‍स छूट भी मिलती है. दोनों ही योजनाओं में अच्‍छा रिटर्न मिलता है और सेक्‍शन 80 सी के तहत टैक्‍स छूट भी मिलती है. अगर आप भी पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और ईएलएसएस (ELSS) में से किसी एक में निवेश करने को लेकर कन्‍फ्यूज हैं तो हम आपकी यह उलझन दूर कर देते हैं. आज हम इन दोनों योजनाओं के फायदे और फर्क के बारे में बता रहे हैं.

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पहले बात जोखिम की
पब्लिक प्रोविडेंट फंड सरकार द्वारा समर्थित स्‍कीम है. यही कारण किया है कि इसमें लगाया पैसा सौ फीसदी सुरक्षित रहता है. वहीं, ईएलएसएस इक्विटी से जुड़ी इनवेस्‍टमेंट स्‍कीम है. इसमें निवेश पर मार्केट रिस्‍क है. इसमें पैसा डूब भी सकता है. इसलिए अगर रिस्‍क के लिहाज से देखें तो पीपीएफ में निवेश करना ज्‍यादा सही है.

रिटर्न भी जानें
पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर ब्‍याज की दर सरकार निश्चित करती है. ब्‍याज की दर हर तिमाही पर निर्धारित की जाती है. वर्तमान में पीपीएफ पर 7.1 फीसदी वार्षिक दर से ब्‍याज दिया जा रहा है. ईएलएसएस निवेशकों से जुटाई गई रकम का ज्यादातर हिस्सा इक्विटी और इक्विटी से जुड़ी प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं. इसलिए ईएलएसएस का रिटर्न बाजार से जुड़ा होता है. इसमें रिटर्न निश्चित नहीं होता. हालांकि, ईएलएसएस 12-14 फीसदी रिटर्न देते रहे हैं. तो रिटर्न के लिहाज से ईएलएसएस में पैसा लगाना फायदेमंद है.

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निवेश सीमा
पीपीएफ में एक वित्त वर्ष में एकमुश्त या अधिकतम 12 किश्तों में 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं. वहीं, इसमें न्‍यूनतम साल में 500 रुपये जमा कराए जा सकते हैं. ELSS में कितना भी पैसा लगाया जा सकता है. ज्‍यादा पैसा लगाने के लिहाज से ईएलएसएस सही है.

टैक्‍स बेनेफिट्स
अगर आप पीपीएफ में पैसा लगाते हैं, तो आपको तीन तरह से टैक्‍स बैनिफिट मिलते हैं. इसमें निवेश किए गए पैसे पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है. इससे मिले ब्याज व मेच्योरिटी राशि पर कोई टैक्‍स नहीं लगता. दूसरी ओर, ईएलएसएस में निवेश पर एक लाख रुपये से अधिक का मुनाफा होने पर 10 फीसदी की दर से लांग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स देना होता है. हालांककि, इसमें साल में किया गया डेढ़ लाख रुपये के निवेश पर टैक्‍स छूट का लाभ उठाया जा सकता है. इस तरह टैक्‍स की बचत पीपीएफ में ज्‍यादा होती है.

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