अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी के राज्य में एक भी किसान को नहीं मिला मोदी सरकार की इस स्कीम का फायदा!

दिल्ली, सिक्किम, पश्चिम बंगाल और लक्षद्वीप के एक भी किसान को लाभ नहीं!
दिल्ली और पश्चिम बंगाल सरकार ने पीएम-किसान सम्मान निधि स्कीम के लिए मोदी सरकार को नहीं भेजा एक भी नाम
- News18Hindi
- Last Updated: June 3, 2019, 2:00 PM IST
किसानों के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की सबसे बड़ी योजना पीएम-किसान स्कीम राजनीति में फंस गई है. दिल्ली, सिक्किम, पश्चिम बंगाल और लक्षद्वीप के एक भी किसान को इसका फायदा नहीं मिल सका है. इन चार राज्यों को छोड़ दें तो अब तक देश के 3.43 करोड़ किसानों ने इसका लाभ उठा लिया है. आखिर कुछ राज्य सरकारें क्यों पीएम-किसान के साथ सहयोग नहीं कर रही हैं? वे अपने किसानों को क्यों केंद्र सरकार के सहयोग से वंचित रख रहे हैं?
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली, पश्चिम बंगाल, सिक्किम ने अपना ब्योरा पीएम-किसान पोर्टल पर अपलोड नहीं किया है. यानी इन राज्यों ने किसान का कोई नाम केंद्र को नहीं भेजा है. लक्षद्वीप में इसका का ट्रांसफर पात्र किसानों को नहीं किया गया है, क्योंकि अपलोड किए गए आंकड़ों की जांच व निधि जारी करने की मांग नहीं की गई है. इसलिए इन चार राज्यों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का एक भी रुपया नहीं पहुंचा. कई कांग्रेस शासित राज्यों ने भी योजना को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखाई इसलिए उनमें कम पैसा गया है. (ये भी पढ़ें: साढ़े तीन करोड़ किसानों को मिला सम्मान निधि स्कीम का पैसा, बाकी इंतजार में)
ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल (File Photo)
बीजेपी प्रवक्ता राजीव जेटली का कहना है कि कुछ राज्यों की अपनी वजहें हो सकती हैं लेकिन दिल्ली और पश्चिम बंगाल की सरकारें तो अपनी जिद की वजह से किसानों को इस कल्याणकारी योजना का लाभ लेने से वंचित कर रही हैं. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के लिए बजट बनाया है लेकिन ये राज्य सिर्फ राजनीतिक हित की वजह से नहीं चाह रहे हैं कि उनके यहां किसानों को केंद्र कर भेजा हुआ पैसा मिले.कांग्रेस शासित राज्यों का हाल
कांग्रेस शासित प्रदेशों की बात करें तो इस योजना का सबसे कम सिर्फ 12,673 किसानों को मध्य प्रदेश में लाभ मिला है. यहां कमलनाथ की सरकार है. लोकसभा चुनाव में यहां कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई है. जबकि राजस्थान में सिर्फ 1,21,314 किसानों को लाभ मिला है. यहां भी मतदाताओं ने लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया है. छत्तीसगढ़ में 1,13,574 किसानों ने फायदा उठाया है. जबकि जेडीएस-कर्नाटक शासित कर्नाटक में 3,20,906 किसान लाभान्वित हुए हैं. हालांकि पंजाब भी कांग्रेस शासित राज्य है. लेकिन यहां 11,84,871 किसान इसका फायदा उठा चुके हैं. लोकसभा चुनाव में यहां कांग्रेस मजबूत रही है और उसे आठ सीटें मिली हैं.
मोदी सरकार का किसानों पर फोकस
उधर, मोदी सरकार ने किया विस्तार
एक तरफ कुछ राज्य अपने किसानों को इस योजना से वंचित कर रहे हैं तो दूसरी ओर मोदी सरकार ने इसका विस्तार करते हुए देश के सभी 14.5 करोड़ अन्नदाताओं के लिए लागू कर दिया है. 24 फरवरी को जब गोरखपुर में इसकी शुरुआत की गई थी तो यह सिर्फ लघु एवं सीमांत किसानों के लिए ही लागू की गई थी. जिसके तहत 12 करोड़ किसान कवर हो रहे थे. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत खेती-किसानी के लिए सालाना तीन किस्त में 6000 रुपये मिलेंगे.
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पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम: खेती-किसानी के लिए सालाना 6000 रुपये पाने हैं तो करना होगा ये काम!
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली, पश्चिम बंगाल, सिक्किम ने अपना ब्योरा पीएम-किसान पोर्टल पर अपलोड नहीं किया है. यानी इन राज्यों ने किसान का कोई नाम केंद्र को नहीं भेजा है. लक्षद्वीप में इसका का ट्रांसफर पात्र किसानों को नहीं किया गया है, क्योंकि अपलोड किए गए आंकड़ों की जांच व निधि जारी करने की मांग नहीं की गई है. इसलिए इन चार राज्यों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का एक भी रुपया नहीं पहुंचा. कई कांग्रेस शासित राज्यों ने भी योजना को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखाई इसलिए उनमें कम पैसा गया है. (ये भी पढ़ें: साढ़े तीन करोड़ किसानों को मिला सम्मान निधि स्कीम का पैसा, बाकी इंतजार में)

बीजेपी प्रवक्ता राजीव जेटली का कहना है कि कुछ राज्यों की अपनी वजहें हो सकती हैं लेकिन दिल्ली और पश्चिम बंगाल की सरकारें तो अपनी जिद की वजह से किसानों को इस कल्याणकारी योजना का लाभ लेने से वंचित कर रही हैं. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के लिए बजट बनाया है लेकिन ये राज्य सिर्फ राजनीतिक हित की वजह से नहीं चाह रहे हैं कि उनके यहां किसानों को केंद्र कर भेजा हुआ पैसा मिले.कांग्रेस शासित राज्यों का हाल
कांग्रेस शासित प्रदेशों की बात करें तो इस योजना का सबसे कम सिर्फ 12,673 किसानों को मध्य प्रदेश में लाभ मिला है. यहां कमलनाथ की सरकार है. लोकसभा चुनाव में यहां कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई है. जबकि राजस्थान में सिर्फ 1,21,314 किसानों को लाभ मिला है. यहां भी मतदाताओं ने लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया है. छत्तीसगढ़ में 1,13,574 किसानों ने फायदा उठाया है. जबकि जेडीएस-कर्नाटक शासित कर्नाटक में 3,20,906 किसान लाभान्वित हुए हैं. हालांकि पंजाब भी कांग्रेस शासित राज्य है. लेकिन यहां 11,84,871 किसान इसका फायदा उठा चुके हैं. लोकसभा चुनाव में यहां कांग्रेस मजबूत रही है और उसे आठ सीटें मिली हैं.

उधर, मोदी सरकार ने किया विस्तार
एक तरफ कुछ राज्य अपने किसानों को इस योजना से वंचित कर रहे हैं तो दूसरी ओर मोदी सरकार ने इसका विस्तार करते हुए देश के सभी 14.5 करोड़ अन्नदाताओं के लिए लागू कर दिया है. 24 फरवरी को जब गोरखपुर में इसकी शुरुआत की गई थी तो यह सिर्फ लघु एवं सीमांत किसानों के लिए ही लागू की गई थी. जिसके तहत 12 करोड़ किसान कवर हो रहे थे. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत खेती-किसानी के लिए सालाना तीन किस्त में 6000 रुपये मिलेंगे.
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