योजना शुरू होने के 17 माह बाद भी 14.5 करोड़ लोगों को लाभ नहीं दे सकी है सरकार
नई दिल्ली. क्या आपको यह अनुमान है कि एक स्पेलिंग की गलती 70 लाख किसानों पर इतनी भारी पड़ेगी. बिल्कुल ऐसा ही हुआ है. कागजों में हुई इस गड़बड़ी से किसानों को करीब 4200 करोड़ रुपये की सहायता का नुकसान हो गया है. जब तक यह गलती ठीक नहीं होगी तब तक अब इतनी बड़ी संख्या में किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Scheme) का पैसा नहीं मिल पाएगा.
कहां हुई गलती?
पीएम किसान स्कीम के आवेदनकर्ताओं के नाम और बैंक अकाउंट नंबर में गड़बड़ी है. बैंक अकाउंट और अन्य कागजातों में नाम की स्पेलिंग भिन्न है. जिसकी वजह से स्कीम का ऑटोमेटिक सिस्टम उसे पास नहीं करता. पीएम किसान स्कीम के सीईओ विवेक अग्रवाल ने न्यूज18 से बातचीत में बताया कि ‘ऐसी गड़बड़ी करने वाले आवेदक किसानों की संख्या करीब 70 लाख है. जबकि करीब 60 लाख लोगों के आधार (Aadhaar card) में गड़बड़ी है.’
वेरीफिकशन के लिए पेंडिंग हैं सवा करोड़ केस
मतलब स्कीम के पैसे के लिए अप्लाई करने के बावजूद देश भर के करीब 1.3 करोड़ किसान सालाना 6000 रुपये के लाभ से वंचित हैं. कई जिले ऐसे हैं जहां पर सवा-सवा लाख किसानों का डेटा वेरीफिकेशन के लिए पेंडिंग है. जब राज्य सरकार किसान के डाटा को वेरीफाई करके केंद्र को भेजती है तब जाकर किसान को पैसा मिलता है.
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Tags: Aadhaar Card, Farmer, Kisan, Ministry of Agriculture
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