नई दिल्ली. अगर आप तगड़ा मुनाफा (profitable business) कमाने वाली खेती करना चाहते हैं तो मखाने की खेती (How to do Makhana Farming) कर सकते हैं. इसकी खेती में आपको बंपर मुनाफा हो सकता है. यह एक ऐसा प्रोडक्ट है, जिसे, सर्दी, गर्मी बारिश हर मौसम में खाया जाता है.
इसके अलावा इसे बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी बड़े चाव से खाते हैं. इतना ही नहीं इस प्रोडक्ट की डिमांड गांव से शहरों तक हमेशा जोरदार बनी रहती है. वहीं, इसके खेती से किसानों की कमाई भी कई गुना तक बढ़ जाती है.
मखाना की खेती देश में सबसे अधिक बिहार के कुछ जिलों में होती है. बिहार में नीतीश सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के मसकसद से मखाना विकास योजना की शरुआत की है. इस योजना के तहत किसानों को 72,750 रुपये की सब्सिडी मुहैया कराई जाती है.
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कैसे की जाती है मखाने की खेती?
मखाने की खेती दो तरीके से की जा सकती है. पहला तरीका है तालाब में खेती करना और दूसरा तरीका है खेतों में. इसकी खेती में दो फसलें ली जा सकती हैं. पहला है मार्च में लगाना और फिर अगस्त सितंबर में हार्वेस्टिंग. वहीं दूसरी फसल सितंबर अक्टूबर में लगती है, जिसकी हार्वेस्टिंग फरवरी मार्च में हो जाती है. पहले इसकी नर्सरी तैयार की जाती है और फिर उसे कम से कम डेढ़ से दो फुट पानी वाले खेत या फिर तालाब में लगााया जाता है. इसकी फसल करीब 6 महीने में तैयार हो जाती है.
कितनी होगी कमाई?
इतना होता है मखाने में लाभ जानकारी के अनुसार अगर किसान मखाने की खेती आधुनिक तकनीक से कर रहा है तो 1 लाख रुपये की लागत आती है. वहीं अगर आमदीन की बात करें तो इससे कम से कम 1 से डेढ लाख रूपये एक सीजन में मिलते हैं. जबकि वर्ष में मखाना दो बार बोया जाता है.
सरकार से मिलेगी सब्सिडी
इस पर किसानों को अधिकतम 72,750 रुपये की सब्सिडी दी जाती है. सब्सिडी पाने के लिए इन 8 जिलों के किसान बिहार सरकार के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
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