नई दिल्ली. BUDGET 2022: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर और आईएमएफ के चीफ इकोनॉमिस्ट रह चुके रघुराम राजन (Raghuram Rajan) ने बजट से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीमारमण को सुझाव दिये हैं. राजन ने कहा कि केवल खेती और विनिर्माण के सहारे तेज आर्थिक विकास के सपने देखना छोड़कर हमें अन्य सेक्टरों पर फोकस करना चाहिए. कोरोना से बदहाल अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बजट में कुछ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है.
अंग्रेजी न्यूज चैनल ईटी नाउ को दिए इंटरव्यू में राजन ने कहा कि भारत को बजट की परंपरागत परिपाटी (Incremental Budgetary Policy) को तुरंत छोड़ देना चाहिए. उनका इशारा हर साल केंद्रीय बजट में अलग-अलग सेक्टर के लिए आने वाले प्रस्तावों की ओर है. राजन का कहना है कि देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति न तो ज्यादा निराशावादी है और न ही बहुत आशावादी.
आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा कि इस साल के बजट में एक विजन की जरूरत है. बजट दस्तावेज में टैरिफ बढ़ाने और सब्सिडी घटाने की ही बात न हो. यह अगले पांच सालों का विजन डॉक्यूमेंट होना चाहिए. हर साल इसमें थोड़ा बहुत हेरफेर हो सकता है, लेकिन यह विजन स्थाई होना चाहिए.
बजट में हों बड़े फैसले
रघुराम राजन ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) अब ऐसे मोड़ पर खड़ी है, जहां उसे दिशा देने के लिए बड़े और कड़े फैसले लेने की जरूरत है. आने वाला बजट यह करने का सही मौका हो सकता है. तेज आर्थिक ग्रोथ के लिए पॉलिसी में बदलाव करने की जरूरत है. दरअसल, कोरोना से बेहाल अर्थव्यवस्था के लिए कड़वी दवा जरूरी है. हमें इंक्रेमेंटल बजटरी पॉलिसी (Incremental Budgetary Policy) के रास्ते पर चलना जल्द बंद करना होगा.
खेती-किसानी पर फोकस से नहीं बनेगी बात
आरबीआई के पूर्व गर्वनर ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था के लिए बजट में केवल खेती (Agriculture) और विनिर्माण क्षेत्र (Manufacturing) पर फोकस करना ठीक नहीं है. बहुत से दूसरे ऐसे सेक्टर हैं, जिनमें अर्थव्यस्था को गति देने की काफी संभावनायें हैं. हमें टेलीमेडिसीन, टेली लैयरिंग और एडुटेक जैसे नए क्षेत्रों पर जोर देना होगा. इनसे जुड़ी इंडस्ट्री को सिर्फ फंडिंग की जरूरत नहीं है, बल्कि उनके लिए डाटा प्रोटेक्शन के लिए वैश्विक स्तर के नियम बनाने चाहिए. देश को सेवाओं (Services) के बारे में सोचना शुरू करना चाहिए, जिनमें विकास को गति देने का काफी दम है.
ज्यादा खर्च ग्रोथ की गारंटी नहीं
राजन का मानना है कि इस वक्त सबसे जरूरी है आम लोगों और बाजार का भरोसा बनाए रखना. दो साल से कोरोना महामारी ने अर्थव्यवस्था को बड़ी चोट पहुंचाई है. ऐसे में इकॉनमी को फिर से विकास की पटरी पर दौड़ाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है. यह कार्य केवल ज्यादा खर्च करने से पूरा नहीं हो सकता.
बजट में हों डिमांड बढ़ाने वाले उपाय
आरबीआई के पूर्व गवर्नर का कहना है कि इस वक्त डिमांड बढ़ाने वाले उपायों पर फोकस करना जरूरी है. केंद्र और राज्य सरकारें इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) को अपनी प्राथमिकता बनाएं. राज्य सरकारों को छोटे रोजगार पैदा करने हेतु प्रयास करने चाहिए. .इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से छोटे रोजगार के मौके पैदा होंगे. इस वक्त इस तरह के रोजगार की अत्यंत आवश्यकता है. इसके अलावा स्टील, कॉपर, सीमेंट जैसी चीजों की डिमांड बढ़ाने के उपाय करना भी जरूरी है.
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कमजोर सेक्टर पर फोकस
रघुराम राजन ने कहा कि बजट में ऐसे सेक्टरों पर फोकस करने की जरूरत है जिनका प्रदर्शन कमजोर है. उन्होंने मनरेगा (Mnrega) के लिए फंडिंग बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि रोजगार के अवसर पैदा करना एक चुनौती भी है और आवश्यकता भी.
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Tags: Budget, Dr Raghuram Rajan
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