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Railway में करवा दी ज्वाइनिंग, 'नौकरी' में गिनते रहे ट्रेनें... ऐसे खुला करोड़ों का जॉब स्कैंडल

इन पदों पर भर्ती के नाम हुए शिकार

इन पदों पर भर्ती के नाम हुए शिकार

अक्षय कुमार की फिल्म स्पेशल-26 तो आपने देखी ही होगी. इसी फिल्म के स्टाइल में लोगों को ठगा गया है. रेलवे में नौकरी और ट् ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

स्पेशल-26 की तर्ज पर कई लोगों को बनाया गया शिकार.
लोगों से 2 लाख से 24 लाख रुपये के बीच की राशि ली गई.
ठगी का शिकार लोग एक महीने तक मूर्ख बनाए जाते रहे.

नई दिल्ली. आपने फिल्मी स्टाइल में धोखाधड़ी के कई मामले सुने होंगे, लेकिन ये मामला कुछ ऐसा है कि सुन कर आपके भी होश उड़ जाएंगे. ये ठगी बैंक या कहीं और नहीं, बल्कि रेलवे में जुड़ी है. इस केस को पूरा जानेंगे तो आपको अक्षय कुमार की मशहूर फिल्म ‘स्पेशल-26’ याद आ जाएगी. जी हां, 28 लोगों के साथ करोड़ों रुपये की ठगी हुई है. इतना ही नहीं, जिनके साथ ठगी हुई है, वे सभी लोग नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के अलग-अलग प्लेटफार्मों पर करीब एक महीने तक रोजाना 8 घंटे आने-जाने वाली ट्रेनों और उनके डिब्बों की गिनती करते रहे.

इन लोगों से कहा गया कि फिलहाल उनकी रेलवे में ट्रेनिंग चल रही है और यही उनका काम है. वे इस बात से बेखबर थे कि वे नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं. तो चलिए जानते हैं धोखेबाजों ने कैसे बनाया इन लोगों को अपना शिकार…

इन पदों पर भर्ती के नाम हुए शिकार
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में दायर एक शिकायत के अनुसार, उन्हें बताया गया था कि यह यात्रा टिकट परीक्षक (टीटीई), यातायात सहायकों और क्लर्कों के पदों के लिए उनके प्रशिक्षण का हिस्सा था. रेलवे में नौकरी पाने के लिए उनमें से प्रत्येक ने दो लाख से 24 लाख रुपये के बीच की राशि का भुगतान किया था.

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शिकायत 78 वर्षीय एम सुब्बुसामी द्वारा दर्ज कराई गई. शिकायत के अनुसार, जून और जुलाई के बीच हुए एक महीने के प्रशिक्षण के लिए, धोखेबाजों के एक समूह द्वारा पीड़ितों से 2.67 करोड़ रुपये ठगे गए. पूर्व सैनिक सुब्बुसामी पीड़ितों को कथित धोखेबाजों के संपर्क में लाए थे, लेकिन उन्होंने दावा किया कि वह इस बात से अनजान थे कि यह सब एक घोटाला था और वह भी उनके जाल में फंस गए.

मदुरै के एक पीड़ित 25 वर्षीय स्नेहिल कुमार ने कहा, “प्रत्येक उम्मीदवार ने सुब्बुसामी को दो लाख रुपये से लेकर 24 लाख रुपये तक की रकम का भुगतान किया, जिसने विकास राणा नाम के एक व्यक्ति को भुगतान किया. राणा ने दिल्ली में उत्तर रेलवे कार्यालय में खुद को एक उप निदेशक के रूप में पेश किया.” ज्यादातर पीड़ित इंजीनियरिंग और तकनीकी शिक्षा की पृष्ठभूमि वाले स्नातक हैं.

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बेरोजगार युवाओं को नौकरी दिलाने में करते थे मदद
सुब्बुसामी ने कहा कि मेरी सेवानिवृत्ति के बाद से, मैं अपने इलाके के बेरोजगार युवाओं को बिना किसी मौद्रिक हित के उपयुक्त नौकरी खोजने में मदद कर रहा हूं. प्राथमिकी में, उसने आरोप लगाया है कि वह दिल्ली के एक एमपी क्वार्टर में कोयम्बटूर निवासी शिवरमन नामक व्यक्ति से मिला था. शिवरमन ने सांसदों और मंत्रियों के साथ अपनी जान-पहचान का दावा किया और मौद्रिक लाभ के बदले बेरोजगारों के लिए रेलवे में रोजगार की पेशकश की. जिसके बाद सुब्बसामी नौकरी की तलाश कर रहे तीन लोगों के साथ दिल्ली आया और बाद में नौकरी पाने के लिए 25 लोग और उनके साथ आए.

रेल मंत्रालय ने किया आगाह 
ईओडब्ल्यू ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया कि यह एक नौकरी घोटाला था और आगे की जांच चल रही है. रेल मंत्रालय में मीडिया और संचार के अतिरिक्त महानिदेशक योगेश बवेजा ने इस तरह के नौकरी घोटालों के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि रेलवे बोर्ड नियमित रूप से सलाह जारी कर रहा है और आम लोगों को इस तरह की धोखाधड़ी के खिलाफ सतर्क कर रहा है.

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