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331 मीटर की ऊंचाई पर ये है देश का पहला केबल रेल ब्रिज, बेजोड़ इंजीनियरिंग का नमूना, 100 की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन

अंजी खड रेल पुल का निर्माण 400 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है. (photo- ashwini vaishnaw)

अंजी खड रेल पुल का निर्माण 400 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है. (photo- ashwini vaishnaw)

Anji-Khad Cable Bridge: यह देश का पहला केबल रेल ब्रिज है. इसका निर्माण बारामुला रेल लिंक परियोजना के तहत किया जा रहा है ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

इस रेलवे पुल की ऊंचाई 331 मीटर है.
इस पुल के टावर का शीर्ष नदी से करीब 1000 फुट ऊपर है.
देश के पहले केबल रेल पुल को अंजी नदी के ऊपर बनाया जा रहा है.

नई दिल्ली. भारतीय रेलवे हर दिन एक नया आयाम तय कर रहा है. बारामूला रेल लाइन परियोजना के लिए जहां एक तरफ दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज तैयार हो चला है तो दूसरी और भारत का पहला केबल रेल ब्रिज अंजी खड रेल पुल (Anji Khad Rail Bridge) भी इसी लाइन पर बन रहा है और इसका निर्माण कार्य भी लगभग पूरा कर लिया गया है. हालांकि, इस पुल के लिए कई डेडलाइन पार हो चुकी हैं लेकिन इस बार मई तक इसका काम खत्म हो जाने की उम्मीद है. इस पुल का निर्माण जम्मू-कश्मीर के रियासी में अंजी नदी के ऊपर किया जा रहा है. यह पुल जमीन से करीब 331 मीटर की ऊंचाई पर है.

एक अधिकारी ने बताया है कि इस पुल को इतना मजबूत बनाया गया है कि यह 216 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं को भी झेल सकता है. इस पुल पर ट्रेन 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेगी. यह पुल केवल एक पिलर पर खड़ा है. इस पिलर के ऊपर ही V आकार का एक टावर खड़ा किया गया है जिससे केबल के जरिए बाकी पुल को सपोर्ट दिया जा रहा है. नदी की सतह से इस टावर के शीर्ष तक की ऊंचाई करीब 77 मंजिल की इमारत (1086 फुट) जितनी है. कई ऐसी तस्वीरें भी सामने आई हैं जिसमें यह पुल ऊपर और बादल नीचे दिखाई दे रहे हैं.

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क्यों किया जा रहा इसका निर्माण
इस पुल का निर्माण कश्मीर को जम्मू व भारत के अन्य हिस्सों से आसानी से जोड़ने के लिए किया जा रहा है. इसका निर्माण उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल परियोजना के तहत किया जा रहा है. इसी परियोजना के तहत चेनाब नदीं के ऊपर भी रेल पुल का निर्माण हो रहा है जिसका हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने निरीक्षण किया था. इसे 400 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है.

2002 की ये योजना
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल परियोजना करीब 20 साल पुरानी है. इसे सबसे पहले 2002 में बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान सामने लाया गया था. हालांकि, पर्यावरण व कई अन्य चुनौतियों से निपटने में इस पुल को करीब 20 साल लग गए.

326 किलोमीटर लंबा प्रोजेक्ट
यह पूरा प्रोजेक्ट 326 किलोमीटर लंबा है और 215 किलोमीटर तक काम पूरा हो चुका है. यह रास्ता जम्मू, कटरा, बनिहाल से होकर बारामुला तक जा रहा है. कटरा और बनिहाल वाले 111 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में अभी काम चल रहा है. पुल के अलावा इस रास्ते में कई टनल भी बनाई जा रही हैं. केवल कटरा-बनिहाल सेक्शन में ही 27 टनल हैं. दरअसल, सुरंगों बनाने के लिए कोई अप्रोच सड़क न होने के कारण भी इस प्रोजेक्ट का बहुत समय खर्च हुआ था. 2008-2016 तक इस रास्ते पर कुल 205 किलोमीटर की अप्रोच रोड बनाई गईं

Tags: Business news in hindi, Indian railway, Railway, Railway Knowledge, Railway News

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