पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NFR) ने कई रेल रूट का इलेक्ट्रिफिकेशन वर्क पूरा कर कीर्तिमान हासिल किया है. (Photo-News18Hindi)
मालीगांव. भारतीय रेलवे अपने अधीनस्थ उन सभी रेल रूट्स के इलेक्ट्रिफिकेशन करने के प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है जहां पर ट्रेनें जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel) क जरिए संचालित की जा रही हैं. भारतीय रेल का वर्ष 2030 तक पूरी तरह से इलेक्ट्रिफिकेशन (Electrification) करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. यानी रेल के शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जक बनने का काम पूरा कर लिया जाएगा.
इस दिशा में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NFR) पुरजोर कोशिश में जुटा है. एनएफआर ने दुधनई-मेंदीपथार (22.823 किमी ट्रैक) सिंगल लाइन सेक्शन और अभयापुरी-पंचरत्न (34.59 किमी ट्रैक) डबल लाइन सेक्शन को शुरु कर एक और कीर्तिमान हासिल किया है.
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे के मुताबिक सेंट्रल ऑर्गेनाइजेशन फॉर रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन (कोर) ने इन सेक्शनों में इलेक्ट्रिफिकेशन के कार्य किए हैं. मेंदीपाथर पूर्वोत्तर राज्य मेघालय का एकमात्र रेलवे स्टेशन है.
इस स्टेशन का उद्घाटन 2014 में प्रधानमंत्री की ओर से किया गया था. विद्युत कर्षण शुरु होने के बाद, इलेक्ट्रिक रेल इंजन से लैस ट्रेनें अब मेघालय के मेंदीपाथर से सीधे संचालित हो सकेंगी, जिससे औसत गति में बढ़ोतरी होगी. इसके साथ ही अधिक यात्री और मालवाहक ट्रेनें पूरी तरह से इस सेक्शन पर स्पीड के साथ संचालित हो सकेंगी.
सीपीआरओ के मुताबिक इस सेक्शन में समय की पाबंदी में भी वृद्धि होगी. अन्य राज्यों से इलेक्ट्रिक रेल इंजन द्वारा पार्सल और मालवाहक ट्रेनें सीधे मेघालय पहुंच सकेंगी. विद्युतीकरण से पूर्वोत्तर भारत में ट्रेनों की गतिशीलता (Mobility) में काफी सुधार होगा. जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuel) से विद्युत की ओर शिफ्ट होने के कारण प्रदूषण में कमी के अलावा, इस क्षेत्र में रेलवे सिस्टम की दक्षता में भी सुधार होगा. इससे निर्बाध परिवहन की सुविधा होगी और कीमती विदेशी मुद्रा में बचत के अलावा पूर्वोत्तर राज्यों से आने-जाने वाले ट्रेनों के यात्रा समय में भी बचत होगी.
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