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'यात्रीगण कृपया ध्यान दें', मशीन नहीं, एक इंसान है इस सधी हुई आवाज के पीछे का चेहरा, रेलवे ने बताई पहचान

सरला चौधरी ने 1982 में रेलवे की नौकरी शुरू की थी. (photo- railway/news18)

सरला चौधरी ने 1982 में रेलवे की नौकरी शुरू की थी. (photo- railway/news18)

Sarla Chaudhary Voice : रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों के आगमन और प्रस्थान से जुड़ी जानकारी के लिए होने वाली अनाउंसमेंट्स के ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

सरला चौधरी ने 1982 में अनाउंसर के तौर पर नौकरी शुरू की थी.
शुरुआत में यह भर्ती केवल 3 महीने के लिए ही की गई थी.
2015 के बाद से रेलवे की अनाउंसमेंट कंप्यूटर के जरिए होने लगी.

नई दिल्ली. जब भी आप रेलवे स्टेशन पर पहुंचते हैं तो ट्रेनों के अनाउंसमेंट को लेकर एक आवाज ‘यात्रीगण कृपया ध्यान दें…’ हमेशा गुंजती है. वैसे तो अधिकांश एनाउंसमेंट कंप्यूटराज्ड होता है, लेकिन कुछ साल पहले तक ऐसा नहीं था. ‘आपको जानकार हैरानी होगी कि ‘यात्रीगण कृपया ध्यान दें’ के उदघोष के पीछे एक महिला की आवाज है और वह सरला चौधरी (Sarla Chaudhary) हैं. रेल मंत्रालय ने खुद ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी है और सरला चौधरी की तस्वीर भी शेयर की है.

सरला चौधरी रेलवे की पहली महिला अनाउंसर हैं. उनके पिता भी रेलवे के कर्मचारी थे. सरला बताती हैं कि एक बार उनके पिता ने कहा है कि रेलवे स्टाफ के बच्चों को 3 महीने के लिए अनाउंसमेंट विभाग में भर्ती कर रहे हैं. सरला चौधरी भी वॉइस टेस्ट के लिए गईं और उनका चयन हो गया.

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सरला ने बताया कि कि 13 जुलाई 1982 को उन्होंने अनाउंसर के तौर पर नौकरी शुरू की थी. वह कहती हैं कि जून 1991 में उनके स्टेशन पर कंप्यूटर आया जिसमें उनकी आवाज फीड की गई. अब इस अनाउंसमेंट के शेड्यूल भी किया जाने लगा. बकौल सरला, कई बार ऐसा होता था कि वह स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करते हुए खुद की आवाज में अनाउंसमेंट सुनती थीं.

2015 में कंप्यूटर ने किया टेकओवर
2015 में अनाउंसमेंट्स को पूरी तरह कंप्यूटर आधारित कर दिया गया. हालांकि, अब भी देश भर के रेलवे स्टेशनों पर सरला चौधरी की आवाज का इस्तेमाल किया जाता है. उनकी आवाज में ही अलग-अलग स्टेशन, ट्रेन या प्लेटफॉर्म के नाम अलग से जोड़े जाते हैं.

केवल 3 महीने के लिए हुईं थी भर्ती
सरला चौधरी सेंट्रल रेलवे में अनाउंसर के तौर पर भर्ती हुईं थी. उन्हें कई भाषाओं में अनाउंसमेंट रिकॉर्ड करनी पड़ती थी. उनकी जॉब केवल 3 महीने की ही थी. हालांकि, सरला चौधरी के अनुसार, उनके काम को इतना पसंद किया गया कि उन्हें 3 महीने के बाद भी नौकरी से बाहर नहीं किया गया. सरला चौधरी अब भी भारतीय रेलवे की कर्मचारी हैं लेकिन अब वह अनाउंसमेंट नहीं करती हैं.

Tags: Business news in hindi, Indian railway, Railway, Railway Knowledge, Railway News

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