नई दिल्ली. देश में नशे का अवैध तरीके से कारोबार करने वाले लोग सड़क, रेल, हवाई मार्ग सभी का अपनी तरह से प्रयोग कर रहे हैं. लेकिन सुरक्षा और जांच एजेंसियां इन नशे के सौदागरों को पकड़ने में भी पीछे नहीं हैं. रेलवे (Railways) के जरिए भी नशीले पदार्थों (Drugs) के व्यापार को अंजाम देने की भरपूर कोशिश की जाती रही है. इन ड्रग पेडलर (Drug peddler) पर कार्रवाई के लिए रेलवे सुरक्षा बल (RPF) पूरी तरह से मुस्तैद भी है.
इसका बड़ा उदाहरण यह है कि साल भर के भीतर आरपीएफ (RPF) 620 से ज्यादा ड्रग पेडलर (Drug peddler) को अरेस्ट कर चुकी है और 15.7 करोड़ रुपए से अधिक कीमत का नशीला पदार्थ भी बरामद किया है. इतना ही नहीं, रेलवे (Railways) से मानव तस्करी में लिप्त लोगों पर भी कार्रवाई की जा रही है.
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नशीले पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए आरपीएफ ने वर्ष 2021 में रिकॉर्ड बनाया है. 2019 में एनडीपीएस अधिनियम के तहत अधिकार मिलने के बाद आरपीएफ ने साल 2021 के दौरान 620 ड्रग पेडलर (नशीले पदार्थों के व्यापार में शामिल व्यक्ति) की गिरफ्तारी के साथ रेलवे के जरिए ढोए जा रहे 15.7 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के नशीले पदार्थों की बरामदगी में सफलता प्राप्त की.
इसके अलावा देश में मानव तस्करी को रोकने के लिए भी आरपीएफ ने कई कई बड़ी कार्रवाई की हैं.आरपीएफ रेल परिवहन के जरिए मानव तस्करी के मामलों में तत्काल कदम उठाती है और इस अपराध को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. साल 2021 के दौरान आरपीएफ ने 630 व्यक्तियों को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाया. इसमें 54 महिलाएं, 94 नाबालिग लड़कियां, 81 पुरुष और 401 नाबालिग लड़के शामिल हैं.
इसके अलावा आरपीएफ मिशन जीवन रक्षा के तहत भी लोगों की जिंदगी बचाने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है. इस मिशन के तहत पिछले चार वर्षों में आरपीएफ के जवानों ने रेलवे स्टेशनों पर चलती ट्रेनों के पहियों की चपेट में आने से 1,650 लोगों की जिंदगी बचाई है. बीते 4 वर्षों में जीवन बचाने में आरपीएफ कर्मियों के प्रयासों को मान्यता देने के लिए भारत के राष्ट्रपति ने आरपीएफ कर्मियों को 9 जीवन रक्षा पदक और एक वीरता पदक से सम्मानित किया है. साल 2021 के दौरान आरपीएफ कर्मियों ने ड्यूटी निभाते हुए 601 व्यक्तियों की जिंदगी को बचाया.
आरपीएफ रेलवे यात्रियों के खिलाफ अपराध की रोकथाम/पहचान में पुलिस के प्रयासों में सहायता करती है. साल 2021 के दौरान आरपीएफ ने यात्रियों के खिलाफ अपराध में शामिल 3,000 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार कर संबंधित जीआरपी/पुलिस को सौंपने का काम की है.
रेलवे संपत्ति की सुरक्षा और इससे जुड़े अपराध के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए आरपीएफ ने साल 2021 में 5.83 करोड़ रुपए की चोरी की गई रेलवे संपत्ति की वसूली के साथ इस तरह के अपराध में शामिल 8,744 लोगों को गिरफ्तार किया है.
इसके अलावा महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए गए. इनमें ट्रेन एस्कॉर्टिंग, 840 स्टेशन व लगभग 4000 कोचों में सीसीटीवी प्रणाली, महिला विशेष उपनगरीय ट्रेनों में महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना और महिला कोच में अनाधिकृत यात्रियों के खिलाफ नियमित अभियान संचालित करना शामिल हैं.
आरपीएफ ने 11,900 से अधिक बच्चों को बचाया
आरपीएफ ने कई वजह से अपने परिवार से खोए/बिछड़े हुए बच्चों को फिर से मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इसके अलावा भारतीय रेलवे के संपर्क में आए देखभाल और सुरक्षा की जरूरत वाले 11,900 से अधिक बच्चों को बचाया है. पूरे देश में 132 चाइल्ड हेल्प डेस्क कार्यरत हैं, जहां आरपीएफ बच्चों के बचाव के लिए मनोनीत एनजीओ के साथ काम करती है.
अवैध तरीके से टिकटों की बिक्री करने वाले 4,600 से ज्यादा दलाल पकड़े
इसके अलावा ट्रेनों में सफर कर आने के लिए रिजर्व सीट कराने वाले दलालों पर भी अंकुश कसने के चलते दलालों को अवैध रूप से प्रीमियम दरों पर आरक्षित टिकटों की खरीद और बिक्री का कारोबार करने का एक सुनहरा अवसर मिला. इस अपराध पर लगाम लगाने के लिए आरपीएफ ने तेजी से कार्रवाई की और पूरे साल इस तरह के अपराध के खिलाफ निरंतर अभियान चलाया और 4,600 से अधिक अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ 4,100 से अधिक मामले दर्ज किए. इन दलालों के पास से 2.8 करोड़ रुपए की अवैध रूप से प्राप्त भविष्य की यात्रा टिकटों को भी जब्त किया गया.
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