RBI Shaktianta Das
नई दिल्ली. भारतीय रिज़र्व बैंक ने मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC) की बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा कि समिति ने ब्याज दरों को बरकरार रखने का फैसला किया है. इसके बाद अब रेपो रेट 4 फीसदी और औ रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर है. आरबीआई ने मौद्रिक नीति को लेकर अपना रुख भी नरम रखा है. अर्थशास्त्रियों को भी यही उम्मीद थी. आज दोपहर 12 बजे आरबीआई गवर्नर की प्रेस कॉन्फ्रेंस भी है.
दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था में रिकवरी के संकेत और भी मजबूत हुए हैं. महामारी से संकट की स्थिति में पहुंचे अधिकतर सेक्टर्स अब सामान्य स्तर की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे सेक्टर्स की संख्या बढ़ी है. वैक्सीन रोलआउट के बाद आर्थिक विकास का अनुमान बढ़ा है.
आर्थिक विकास को सपोर्ट करना जरूरी
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022 की पहली छमाही में खुदरा महंगाई दर के अनुमान को रिवाइज कर 5-5.2 फीसदी कर दिया गया है. पहले यह अनुमान 4.6-5.2 फीसदी पर था. आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘महंगाई दर 6 फीसदी के टॉलरेंस स्तर के नीचे आ गई है. आर्थिक विकास का अनुमान पहले से बेहतर हुआ है. एमपीसी का मानना है कि मौजूदा समय में ग्रोथ को सपोर्ट करना जरूरी है.’
2022 में आर्थिक विकास का अनुमान 10.5 फीसदी
वित्त वर्ष 2022 के लिए आर्थिक विकास दर का अनुमान 10.5 फीसदी पर लगाया गया है. चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के लिए खुदरा महंगाई दर का अनुमान 5.8 फीसदी से रिवाइज कर 5.2 फीसदी किया गया है. दास ने कहा, ‘दूसरी तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की पूरी क्षमता का उपयोग 63.3 फीसदी तक बेहतर हुआ है. हाल के महीनों में एफडीआई और विदेशी संस्थागत निवेश भी इजाफा हुआ है.
4 फीसदी है अभी रेपो रेट
अभी रिजर्व बैंक का रेपो रेट 4 फीसदी है, जो ऐतिहासिक रूप से कम है. इससे पहले आखिरी बार यह दर 22 मई 2020 को बदली गई थी. कोरोना वायरस की वजह से यह बदलाव MPC बैठक के बिना ही किया गया था. फरवरी 2020 से अब तक RBI ने रेपो रेट में कुल 1.15 फीसदी की कटौती की है. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के प्रिंसिपल इकॉनोमिस्ट और डायरेक्टर पब्लिक फाइनेंस सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि आर्थिक विकास ज्यादा जरूरी है. इसलिए रेपो दर बढ़ाए जाने की उम्मीद नहीं है.
4.59 फीसदी पर आ गई है महंगाई दर
दिसंबर 2020 के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खुदरा महंगाई दर घटकर 4.59 फीसदी पर आ गई है. नवंबर 2020 में खुदरा महंगाई दर 6.93 फीसदी थी. खुदरा महंगाई दर के आधार पर ही आरबीआई अपनी मुख्य ब्याज दर तय करता है. चूंकि महंगाई दर में कमी आई है, इसलिए ब्याज दर में बदलाव होने की उम्मीद कम थी. अभी रिजर्व बैंक ने 5 अगस्त 2016 से 31 मार्च 2021 तक खुदरा महंगाई दर को औसत 4 फीसदी (2 फीसदी घट-बढ़ की गुंजाइश के साथ) तक सीमित रखने की नीति अपना रखी है.
ये हैं मौद्रिक नीति समिति के 6 सदस्य
समिति में 6 सदस्य होते हैं, जिनमें तीन सरकार के प्रतिनिधि और तीन आरबीआई का प्रतिनिधित्व करते हैं. इनमें गवर्नर शक्तिकांत दास भी शामिल हैं. सरकार के प्रतिनिधियों में अशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शशांक भिड़े भी हैं.
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