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आएगी मंदी और बढ़ेगी महंगाई! रूस-यूक्रेन युद्ध की कीमत चुका रही है दुनिया- OECD

OECD ने सोमवार को कहा कि यूक्रेन में रूस के युद्ध के प्रभावों के कारण विश्व अर्थव्यवस्था अगले 
साल पहले के अनुमान से अधिक प्रभावित होगी.

OECD ने सोमवार को कहा कि यूक्रेन में रूस के युद्ध के प्रभावों के कारण विश्व अर्थव्यवस्था अगले साल पहले के अनुमान से अधिक प्रभावित होगी.

Global Economic Forecast: पेरिस स्थित 'ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट' ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि, य ...अधिक पढ़ें

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हाइलाइट्स

OECD ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए 2023 की ग्रोथ के पूर्वानुमान को घटाकर 2.2 प्रतिशत किया.
इस संगठन ने कहा कि कई इकोनॉमिक इंडिकेटर्स बदतर हालात की ओर इशारा कर रहे हैं.
'दुनिया की कई अर्थव्यवस्था अब भी कोविड महामारी की मार से जूझ रही हैं.' 

मुंबई. वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी का खतरा मंडरा रहा है और रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच युद्ध इसकी सबसे बड़ी वजह है. पेरिस स्थित ‘ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट’ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि, इन दोनों देशों के बीच हुए वॉर की कीमत अब दुनिया को चुकानी पड़ रही है. OECD ने सोमवार को कहा कि यूक्रेन में रूस के युद्ध के प्रभावों के कारण विश्व अर्थव्यवस्था अगले साल पहले के अनुमान से अधिक प्रभावित होगी. क्योंकि कई इकोनॉमिक इंडिकेटर्स ने बदतर के लिए एक मोड़ लिया है और इससे वैश्विक विकास दृष्टिकोण पर अंधेरा छा गया है.

ओईसीडी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कोविड का प्रकोप अभी भी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव डाल रहा है, जबकि बढ़ती ब्याज दरों से विकास भी प्रभावित हुई है क्योंकि दुनियाभर के सेंट्रल बैंक महंगाई को काबू में रखने के लिए इंटरेस्ट रेट बढ़ा रहे हैं. इस संगठन ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए अपने 2023 की ग्रोथ को जारी पूर्वानुमान को घटाकर 2.2 प्रतिशत कर दिया है, जो कि जून में 2.8 प्रतिशत था.

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अमेरिका और चीन की ग्रोथ का अनुमान घटाया
दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका की ग्रोथ 2023 में 0.5 प्रतिशत की कमी देखने को मिल सकती है. वहीं कोरोना महामारी के कारण सख्त लॉकडाउन से चीन की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. इसके चलते ओईसीडी ने चीन की ग्रोथ रेट में भी कटौती की है.

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण ईंधन और खाद्य पदार्थों की आपूर्ति प्रभावित होने से जरूरी वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी हुई थी. वहीं इससे पहले पूरी दुनिया कोविड के कारण महंगाई की मार से जूझ रही थी. ओईसीडी ने कहा, ‘युद्ध के प्रभाव और दुनिया के कुछ हिस्सों में कोविड -19 के प्रकोप के निरंतर प्रभावों ने विकास दर को प्रभावित किया है और वस्तुओं की कीमतों पर अतिरिक्त दबाव डाला है, जिससे महंगाई और बढ़ी.’

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OECD ने कहा कि महंगाई का दबाव तेजी से ऊर्जा, परिवहन और अन्य लागतों की कीमतों पर देखने को मिल रहा है. वहीं दुनिया के तमाम सेंट्रल बैंकों ने ब्याज दरों में वृद्धि की है, जो मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए आवश्यक कदम है, लेकिन यह अर्थव्यवस्थाओं को मंदी में भी धकेल सकता है.

Tags: Economy, Global pandemic, Inflation

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