खुदरा महंंगाई में मामूली बढ़ोतरी! खाने-पीने की चीजों के दामों में आई तेजी, फिर भी इन्हें होगा फायदा

अक्टूबर 2020 में औद्योगिक श्रमिकों के लिए खुदरा महंगाई दर में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
औद्योगिक श्रमिकों (Industrial Workers) के लिए खुदरा महंगाई (Retail Inflation) में अक्टूबर 2020 के दौरान मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसके साथ ही औद्योगिक खुदरा महंगाई 5.91 फीसदी पर पहुंच गई है, जो सितंबर 2020 में 3.62 फीसदी पर थी. इससे खाने-पीने की कुछ चीजों के दाम में उछाल (Food Prices Hike) आ गया है.
- News18Hindi
- Last Updated: November 28, 2020, 10:46 PM IST
नई दिल्ली. कोरोना संकट के बीच अक्टूबर 2020 में खुदरा महंगाई (Retail Inflation) में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है. औद्योगिक श्रमिकों (Industrial Workers) के लिए खुदरा महंगाई अक्टूबर में बढ़कर 5.91 फीसदी हो गई, जो सितंबर 2020 में 5.62 फीसदी पर थी. दरअसल, खाने-पीने की वस्तुओं के दाम में इजाफा (Food Prices Hike) होने के कारण औद्योगिक श्रमिकों की खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ी है.
खाद्य मुद्रास्फीति की दर बढ़कर पहुंच गई 8.21 फीसदी
श्रम मंत्रालय (Labour Ministry) के मुताबिक, अक्टूबर 2020 में सालाना आधार पर औद्योगिक श्रमिकों की खुदरा मुद्रास्फीति 5.91 फीसदी रही, जो अक्टूबर 2019 में 7.62 फीसदी के स्तर पर थी. वहीं, अक्टूबर में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 8.21 फीसदी हो गई, जो सितंबर में 7.51 फीसदी थी. एक साल पहले अक्टूबर में खाद्य मुद्रास्फीति 8.60 फीसदी पर थी. औद्योगिकी श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) अक्टूबर में 1.4 अंक बढ़कर 119.5 अंक पर पहुंच गया.
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अरहर दाल, चिकन, अंडा, मांस, सरसों तेल, सूरजमुखी तेल, बैंगन, पत्ता गोभी, गाजा, फूल गोभी, भिंडी, आलू, प्याज, मटर, घरेलू बिजली, चिकित्सक की फीस, बस किराये की वजह से सूचकांक में वृद्धि दर्ज की गई है. श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि खुदरा महंगाई बढ़ने से संगठित क्षेत्र के इंडस्ट्रियल श्रमिकों के अलावा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को फायदा मिलेगा. सरकारी कर्मचारियों और इंडस्ट्रियल सेक्टर के कामगारों का महंगाई भत्ता इसी आधार पर तय होता है. साथ ही शेड्यूल्ड एम्पलॉयमेंट में न्यूनतम वेतन तय करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.
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खाद्य तेल की कीमत में राहत के लिए केंद्र ने उठाया कदम
केंद्र सरकार ने इस बीच आम लोगों को खाद्य तेल की कीमतों में आई तेजी से राहत देने के लिए बड़ा फैसला किया है. केंद्र सरकार ने क्रूड पामोलिन पर आयात शुल्क 37.5 फीसद से घटाकर 27.5 फीसद कर दिया है. इससे खाद्य तेलों की कीमत में 7 रुपये प्रति किग्रा तक की कमी आने की उम्मीद है. दरअसल, सरकार ने तिलहन का उत्पादन करने वाले किसानों को फसल का अच्छा दाम दिलाने के लिए आयात शुल्क में इजाफा किया था, लेकिन भारत में तिलहन उत्पादन करने वाले लोगों की तादाद सिर्फ 2 फीसद है. वहीं, आम लोगों को इससे मुश्किल आ रही थी.
खाद्य मुद्रास्फीति की दर बढ़कर पहुंच गई 8.21 फीसदी
श्रम मंत्रालय (Labour Ministry) के मुताबिक, अक्टूबर 2020 में सालाना आधार पर औद्योगिक श्रमिकों की खुदरा मुद्रास्फीति 5.91 फीसदी रही, जो अक्टूबर 2019 में 7.62 फीसदी के स्तर पर थी. वहीं, अक्टूबर में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 8.21 फीसदी हो गई, जो सितंबर में 7.51 फीसदी थी. एक साल पहले अक्टूबर में खाद्य मुद्रास्फीति 8.60 फीसदी पर थी. औद्योगिकी श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) अक्टूबर में 1.4 अंक बढ़कर 119.5 अंक पर पहुंच गया.
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अरहर दाल, चिकन, अंडा, मांस, सरसों तेल, सूरजमुखी तेल, बैंगन, पत्ता गोभी, गाजा, फूल गोभी, भिंडी, आलू, प्याज, मटर, घरेलू बिजली, चिकित्सक की फीस, बस किराये की वजह से सूचकांक में वृद्धि दर्ज की गई है. श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि खुदरा महंगाई बढ़ने से संगठित क्षेत्र के इंडस्ट्रियल श्रमिकों के अलावा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को फायदा मिलेगा. सरकारी कर्मचारियों और इंडस्ट्रियल सेक्टर के कामगारों का महंगाई भत्ता इसी आधार पर तय होता है. साथ ही शेड्यूल्ड एम्पलॉयमेंट में न्यूनतम वेतन तय करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.
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खाद्य तेल की कीमत में राहत के लिए केंद्र ने उठाया कदम
केंद्र सरकार ने इस बीच आम लोगों को खाद्य तेल की कीमतों में आई तेजी से राहत देने के लिए बड़ा फैसला किया है. केंद्र सरकार ने क्रूड पामोलिन पर आयात शुल्क 37.5 फीसद से घटाकर 27.5 फीसद कर दिया है. इससे खाद्य तेलों की कीमत में 7 रुपये प्रति किग्रा तक की कमी आने की उम्मीद है. दरअसल, सरकार ने तिलहन का उत्पादन करने वाले किसानों को फसल का अच्छा दाम दिलाने के लिए आयात शुल्क में इजाफा किया था, लेकिन भारत में तिलहन उत्पादन करने वाले लोगों की तादाद सिर्फ 2 फीसद है. वहीं, आम लोगों को इससे मुश्किल आ रही थी.