रिलायंस इंडस्ट्रीज के चैयरमैन व प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी.
नई दिल्ली. रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी (CMD Mukesh Ambani) ने वर्चुअली आयोजित की गई 44वीं सालाना आम बैठक (RIL 44th AGM) की शुरुआत इस घोषणा के साथ की कि महामारी के दौरान भी पिछली एनुअल जनरल मीटिंग के बाद से व्यापार और वित्तीय सफलता अपेक्षाओं से अधिक रही है. अंबानी ने कंपनी का संयुक्त रेवेन्यू 5,40,000 करोड़ रुपये और संयुक्त EBITDA 90,000 करोड़ रुपये अनुमानित बताया, जिसमें से लगभग 50 प्रतिशत कन्ज्यूमर बिजनेस से प्राप्त रकम है.
शुद्ध लाभ में कुल वृद्धि 53,739 करोड़ रुपये दर्ज की गई, जो पिछले साल की तुलना में 34.8 फीसदी ज्यादा है. अंबानी ने कहा, "महामारी के बावजूद, हमने इस साल लाभांश में बढ़ोतरी की." इसके अलावा, देश के सबसे बड़े निर्यातक का दर्जा बरकरार रखते हुए आरआईएल ने 1,45,143 करोड़ रुपये (19.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर) का 107 देशों में निर्यात किया जो कि भारत के कुल व्यापारिक निर्यात का 6.8% है.
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आरआईएल के बोर्ड में यासिर अल-रुमायन का स्वागत किया
सीएमडी मुकेश अंबानी ने कहा कि कंपनी ने 3,24,432 करोड़ रुपये (44.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर) से ज्यादा की राशि जुटाई. उन्होंने कहा, "वित्त वर्ष 2021 के लिए, रिलायंस ने कोविड चुनौतियों के बावजूद, एक साल में वैश्विक स्तर पर किसी भी कंपनी द्वारा जुटाई गई अब तक की सबसे बड़ी पूंजी जमा करने को सफलतापूर्वक अंजाम दिया." बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से वाईपी त्रिवेदी की सेवानिवृत्ति की घोषणा करते हुए, अंबानी ने आरआईएल के बोर्ड में एक स्वतंत्र निदेशक के रूप में सऊदी अरामको के अध्यक्ष और सार्वजनिक निवेश कोष के गवर्नर यासिर अल-रुमायन का स्वागत किया.
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कहा, हमें सऊदी अरामको के अनुभव का मिलेगा फायदा
आरआईएल के सीएमडी मुकेश अंबानी ने कहा, "वह विश्व स्तर पर ऊर्जा, वित्त और प्रौद्योगिकी में सबसे प्रसिद्ध नामों में से एक हैं. मुझे यकीन है कि हमें दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक के साथ रहे उनके समृद्ध अनुभव और दुनिया के सबसे बड़े सॉवरेन वेल्थ फंडों में से एक से फायदा मिलेगा." उन्होंने कहा कि यह कदम रिलायंस के अंतरराष्ट्रीयकरण की शुरुआत है. महामारी के कारण भारतीय समूह द्वारा अपने तेल-से-रासायनिक व्यवसाय में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री ठप हो गई थी. अंबानी ने 2019 की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में सौदे की घोषणा की थी, जिसमें पूरे कारोबार का मूल्य 75 अरब डॉलर था.
रिलायंस न्यू एनर्जी काउंसिल की स्थापना की घोषणा की
साल 2035 तक शुद्ध कार्बन शून्य बनने की आरआईएल की प्रतिबद्धता के मुताबिक, अंबानी ने रिलायंस न्यू एनर्जी काउंसिल की स्थापना की घोषणा की और हरित पहल के लिए चार गीगाफैक्ट्री में 60,000 करोड़ रुपये का निवेश करने का वादा किया. इसके अलावा, अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम उद्योगों सहित वैल्यू चेन, साझेदारी और भविष्य की तकनीकों में 15,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिससे अगले तीन सालों में कुल निवेश 75,000 करोड़ रुपये हो जाएगा. सीएमडी अंबानी ने कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि रिलायंस 2030 तक कम से कम 100 गीगावॉट सौर ऊर्जा की स्थापना करेगा और इसे सक्षम बनाएगा इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा गांवों में छतों पर सौर और डीसेंट्रलाइज्ड सौर इंस्टॉलेशन के तौर पर आएगा. इससे ग्रामीण भारत को काफी फायदा होगा और समृद्धि आएगी.
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