रोनाल्ड वेन ऐपल के सह-संस्थापक थे. (Photo-Ronald Wayne Twitter)
नई दिल्ली. कहावत है कि घर आई लक्ष्मी को कभी ठुकराना नहीं चाहिए, लेकिन कुछ बदकिस्मत लोग होते हैं जिनसे ऐसी गलती हो जाती है. दुनिया में एक शख्स ऐसा है जिसने पैसा गंवाने और अमीर शख्सियत बनने का मौका हाथ से गंवा दिया. आईफोन बनाने वाली कंपनी ऐपल (iPhone maker Apple) के को-फाउंडर्स रहे रोनाल्ड वेन (Ronald Wayne) को किस्मत ने 2 बार पैसे बनाने का मौका दिया और वे दोनों बार इस अवसर को भुनाने से चूक गए. नतीजा यह रहा कि इसका नुकसान उन्हें खरबों रुपये में उठाना पड़ा. दरअसल, वेन के पास ऐपल के 10 हजार रुपये के शेयर थे, जो उन्होंने कौडि़यों के भाव बेच दिए. अगर उनके पास ये शेयर होते तो आज उनकी कीमत 20 लाख करोड़ रुपये होती और वह एलन मस्क से भी ज्यादा अमीर होते.
एक वेबसाइट के मुताबिक, ऐपल का मार्केट कैप (Apple Market Cap) अभी 2.535 लाख करोड़ डॉलर है. यह कई छोटे बड़े देशों की जीडीपी से भी ज्यादा है. ऐपल फिलहाल दुनिया की सबसे मूल्यावन कंपनी है. इसके एक शेयर की कीमत 160.25 डॉलर है. अगर किसी के पास इस कंपनी का एक फीसदी शेयर भी है तो वह करीब 25 अरब डॉलर का मालिक है. वेन के पास ऐपल के 10 फीसदी शेयर थे. यानी आज वह 250 अरब डॉलर के मालिक होते. टेस्ला के मालिक एलन मस्क इस वक्त दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं और उनकी नेटवर्थ फिलहाल 187 अरब डॉलर के आसपास है. यानी वेन आज दुनिया के सबसे अमीर आदमी होते.
क्यों बेच दिए थे शेयर
वेन ने केवल 800 डॉलर में कंपनी के बाकी 2 सह-संस्थापकों, स्टीव जॉब्स और स्टीव वॉनियक को बेच दिए थे. वेन को लगता था कि कंपनी को मिले ऑर्डर्स को पूरा करने के लिए जो लोन लिया गया है वह उन्हें ही भरना पड़ेगा. दरअसल, इसके पीछे की वजह यह थी कि वेन की आयु 42 साल थी और वह तीनों संस्थापकों में से सबसे अनुभवी थे. वहीं, वोजनियाक 21 और जॉब्स की उम्र केवल 25 साल थी. वेन ने ही कंपनी का पहला एग्रीमेंट बनाया था. उनके पास कंपनी के डॉक्यूमेंटेशन की जिम्मेदारी थी. ऐपल की जिस Byte Shop से 100 कंप्यूटर का पहला ऑर्डर मिला वह पैसा न चुकाने के लिए बदनाम थी. वेन को लगा कि अगर यहां कुछ गड़बड़ तो कंप्यूटर बनाने के लिए लिया गया 15,000 डॉलर का लोन उनके सिर पड़ जाएगा. तब बाकी दोनों संस्थापकों के पास कुछ खास पैसे नहीं थे.
मिला एक और मौका
वेन को एक बार फिर ऐपल के कारण कमाई का मौका मिला था. हालांकि, पिछली की बार की तरह इस बार भी वह आने वाले समय से अंजान थे और उन्होंने कौड़ियों के भाव सौदा कर लिया. वेन के पास कंपनी का पहला कॉन्ट्रेक्ट था जो उन्होंने खुद बनाया था. उन्होंने इसे कई साल संभाल कर रखा और फिर 1990 में 500 डॉलर में यह सोचकर बेच दिया कि इसका वह क्या करेंगे. यही कॉन्ट्रेक्ट पेपर एक नीलामी में 2011 में 15.9 लाख डॉलर का बिका. वेन कहते हैं कि अगर वह ऐपल में बने रहते तो आज दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार होते.
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