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बाजार में हरियाली का रुपये पर भी हुआ असर, डॉलर के मुकाबले 1 माह के उच्चतम स्तर पर बंद

डॉलर के मुकाबले रुपया बढ़कर 79.02 के 1 माह के सर्वोच्च स्तर पर बंद हुआ.

डॉलर के मुकाबले रुपया बढ़कर 79.02 के 1 माह के सर्वोच्च स्तर पर बंद हुआ.

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया मजबूत हुआ है. सोमवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 79.02 के स्तर पर बंद हुआ. यह पिछले ब ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

सोमवार को रुपया डॉलर के सामने मजबूत होकर 79.02 पर बंद हुआ.
पिछले बंद के मुकाबले यह 22 पैसों की बढ़त है.
कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया 79.0 के स्तर तक भी पहुंचा.

नई दिल्ली. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को 22 पैसे की जोरदार बढ़त के साथ 79.02 के भाव पर बंद हुआ. निवेशकों के जोखिम लेने की धारणा में सुधार, कच्चे तेल की कीमत में गिरावट और डॉलर में कमजोरी आने के बीच रुपये की विनिमय दर में मजबूती आई. साथ ही विदेशों निवेशकों के भारतीय बाजार में फिर से बढ़े विश्वास से भी रुपये को समर्थन मिला है.

अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया मजबूती के साथ 79.16 के स्तर पर खुला. शेयर बाजार में बढ़त का रुख रहने और कच्चे तेल में आई नरमी से रुपये को समर्थन मिला. बता दें कि भारतीय शेयर बाजार लगातार चौथे कारोबारी सत्र में हरे निशान पर बंद हुए हैं. इस तेजी का असर रुपये पर भी दिख रहा है.

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79 रुपये तक पहुंचा रुपया
कारोबार के दौरान एक समय रुपया 79.00 के उच्च स्तर और 79.22 के निचले स्तर पर भी रहा. लेकिन कारोबार के अंत में रुपया 79.02 प्रति डॉलर के अस्थायी भाव पर बंद हुआ. इस तरह रुपये में पिछले कारोबारी दिवस की तुलना में 22 पैसे की तगड़ी बढ़त दर्ज की गई. शुक्रवार को रुपया 79.24 रुपये प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ था. गौरतलब है कि रुपया मजबूत होता है भारत की क्रय क्षमता बढ़ेगी. साथ ही आयातित वस्तुओं के दाम भी घटेंगे.

डॉलर इंडेक्स गिरा
इस बीच दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.52 प्रतिशत गिरकर 105.34 पर आ गया. इससे वैश्विक बाजार में डॉलर की मजबूती को थोड़ा झटका लगा. अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड भी 1.21 प्रतिशत गिरकर 102.71 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गया.

क्या है जानकारों की राय
बीएनपी परिबा में शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि निवेशकों के जोखिम लेने की धारणा में सुधार, कच्चे तेल की कीमत में गिरावट और डॉलर में कमजोरी आने के बीच रुपये की विनिमय दर में मजबूती आई. उन्होंने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि रुपये में मिला-जुला रुख रहेगा. विदेशी पूंजी की आवक बढ़ने और कच्चे तेल में गिरावट आने से भी रुपये को समर्थन मिलेगा. हालांकि वैश्विक मंदी और मुद्रास्फीति से जुड़ी आशंकाएं इस मजबूती पर लगाम लगा सकती हैं.’ बता दें कि विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) भारतीय बाजार में फिर से पूंजी लगाने लगे हैं. उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने जुलाई में करीब 5000 करोड़ रुपये का निवेश भारतीय बाजार में किया.

Tags: Business news, Business news in hindi, Dollar, Economy, Rupee weakness

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